सीएम नीतीश ने पटना में युनानी मेडिकल कॉलेज भवन का किया शिलान्यास, 264 करोड़ की लागत से बनेगा कॉलेज, 150 छात्र पढ़ेंगे

पटना। बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को विस्तार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को पटना में यूनानी (तिब्बी) मेडिकल कॉलेज के नए भवन का शिलान्यास किया। यह कॉलेज नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) के परिसर में लगभग 10 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा। इस परियोजना की कुल लागत 264 करोड़ रुपये तय की गई है, जो यूनानी चिकित्सा को आधुनिक स्वरूप देने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा नया भवन
नए यूनानी मेडिकल कॉलेज भवन को पूरी तरह से आधुनिक तकनीक और सुविधाओं के साथ विकसित किया जाएगा। पांच मंजिला इस इमारत में शैक्षणिक और चिकित्सीय दोनों तरह की व्यवस्थाएं उपलब्ध होंगी। इसमें 200 बिस्तरों वाला यूनानी अस्पताल भी शामिल होगा, जो इलाज के साथ-साथ छात्रों को प्रैक्टिकल प्रशिक्षण देने के लिए भी कारगर सिद्ध होगा। इसके अतिरिक्त एक बड़ा वातानुकूलित सभागार बनाया जाएगा जिसकी क्षमता 500 लोगों की होगी।
छात्रों और शिक्षकों के लिए आवासीय व्यवस्था
कॉलेज परिसर में 150 छात्रों के अध्ययन की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके लिए उच्चस्तरीय प्रयोगशालाएं और आधुनिक कक्षाएं तैयार की जाएंगी। छात्रों के रहने के लिए छात्रावास और शिक्षकों एवं चिकित्सकों के लिए अलग-अलग आवासीय भवन भी इस परियोजना का हिस्सा हैं। इस तरह एक पूर्ण और आत्मनिर्भर मेडिकल संस्थान की संरचना की जा रही है।
कदमकुआं से एनएमसीएच परिसर में होगा स्थानांतरण
अब तक यह यूनानी मेडिकल कॉलेज पटना के कदमकुआं इलाके में संचालित हो रहा था। लेकिन नए भवन के तैयार हो जाने के बाद इसका स्थानांतरण नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में कर दिया जाएगा। इसके साथ ही इस कॉलेज का संचालन अब एक अत्याधुनिक परिसर से होगा, जो शिक्षा और चिकित्सा दोनों क्षेत्रों में गुणवत्ता में इजाफा करेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया ऐतिहासिक कदम
इस शिलान्यास कार्यक्रम में बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि तिब्बी चिकित्सा बिहार की परंपरा का एक अहम हिस्सा रही है। इस नए कॉलेज के निर्माण से न केवल इलाज के नए विकल्प मिलेंगे, बल्कि यह देशभर के छात्रों के लिए यूनानी चिकित्सा की पढ़ाई का एक प्रमुख केंद्र बन सकता है। उन्होंने इस परियोजना को बिहार की चिकित्सा व्यवस्था में एक क्रांतिकारी पहल बताया।
निर्माण कार्य 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य
इस यूनानी कॉलेज भवन के निर्माण की जिम्मेदारी भवन निर्माण विभाग को सौंपी गई है। विभाग ने कार्य योजना और नक्शा तैयार कर लिया है और अब जल्द ही ज़मीन पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। योजना के अनुसार, कॉलेज भवन का निर्माण कार्य वर्ष 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद इसे छात्रों और आम जनता के लिए पूरी तरह से खोल दिया जाएगा।
राज्य के चिकित्सा क्षेत्र में एक और उपलब्धि
बिहार सरकार द्वारा यूनानी चिकित्सा को प्रोत्साहन देने की यह पहल न केवल पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देगी, बल्कि रोजगार और शैक्षणिक अवसरों के नए द्वार भी खोलेगी। यह कॉलेज न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश के छात्रों के लिए यूनानी चिकित्सा की शिक्षा का एक आकर्षक केंद्र बन सकता है। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री दोनों ने इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन को लेकर आशा जताई है।

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