September 30, 2025

सीतामढ़ी में ब्रह्मर्षि सेना के पूर्व जिलाध्यक्ष की गोली मारकर हत्या, आक्रोशित लोगों ने एनएच जाम कर किया हंगामा

सीतामढ़ी। बिहार के सीतामढ़ी जिले में शुक्रवार सुबह अपराधियों ने एक और सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया। डुमरा थाना क्षेत्र के लगमा गांव में ब्रह्मर्षि सेना के पूर्व जिलाध्यक्ष गणेश सिंह उर्फ मनोहर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना ने इलाके में दहशत फैला दी और आक्रोशित लोग सड़कों पर उतर आए।
हत्या की पूरी वारदात
स्थानीय लोगों के अनुसार, सुबह के समय अपराधियों ने गणेश सिंह पर नजदीक से ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। गोलियों की आवाज से आसपास अफरा-तफरी मच गई। गंभीर रूप से घायल गणेश सिंह मौके पर ही गिर पड़े और उनकी मौत हो गई। अपराधी वारदात को अंजाम देकर आसानी से फरार हो गए।
लोगों का गुस्सा और हाईवे जाम
हत्या की खबर फैलते ही क्षेत्र में गुस्सा भड़क उठा। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग सड़क पर उतर आए और एनएच 77 को जाम कर दिया। शव को सड़क पर रखकर लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। जाम की वजह से हाईवे पर गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं और यातायात पूरी तरह ठप हो गया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया कि जिले में लगातार अपराध बढ़ रहे हैं, लेकिन पुलिस निष्क्रिय बनी हुई है। कई हत्याकांड होने के बावजूद अब तक कई मामलों में एक भी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ है।
पुलिस पर हमला और हंगामा
जैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची, आक्रोशित भीड़ ने उन्हें खदेड़ दिया। प्रदर्शन इतना उग्र हो गया कि मौके पर पहुंचे सदर डीएसपी राजीव कुमार सिंह की गाड़ी तक को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। कुछ पुलिसकर्मियों की पिटाई की भी खबर है। इस दौरान माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया था।
मृतक की सुरक्षा को लेकर सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि मृतक गणेश सिंह ने कई बार पुलिस प्रशासन को अपनी जान पर खतरे की आशंका जताई थी। उन्होंने सुरक्षा की गुहार भी लगाई थी, लेकिन उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि अगर पुलिस ने पहले ही उचित कदम उठाए होते तो यह वारदात रोकी जा सकती थी।
अपराध पर काबू पाने में नाकामी
सीतामढ़ी जिले में पिछले कुछ महीनों से लगातार गोलीबारी और हत्या की घटनाएं हो रही हैं। आम लोगों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि पुलिस अपराध पर काबू पाने में पूरी तरह से विफल रही है। हर कुछ दिनों में हत्या या लूट की वारदात सामने आने से लोग भयभीत हैं।
प्रशासन की मुश्किलें
घटना के बाद पुलिस और प्रशासन के लिए कानून-व्यवस्था की स्थिति संभालना मुश्किल हो गया। प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि जब तक अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं होगी और परिवार को न्याय का आश्वासन नहीं मिलेगा, तब तक सड़क जाम नहीं हटेगा। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आसपास के थानों की पुलिस बल को बुलाना पड़ा।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और प्रभाव
गणेश सिंह ब्रह्मर्षि सेना के सक्रिय नेता रहे थे और जिले की राजनीति में उनका प्रभाव था। उनकी हत्या को लेकर यह कयास लगाए जा रहे हैं कि यह आपसी रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई का हिस्सा हो सकती है। चूंकि हत्या खुलेआम हुई है, इससे यह भी सवाल उठने लगे हैं कि अपराधियों के हौसले इतने बुलंद क्यों हैं।
जनता में भय का माहौल
हत्या और उसके बाद हुए हंगामे ने जिले के आम लोगों में भय का माहौल पैदा कर दिया है। व्यापारियों और स्थानीय निवासियों का कहना है कि दिन-दहाड़े गोलीबारी और हत्याएं अब सामान्य सी बात हो गई हैं। लोग अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पुलिस की चुनौती
पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती अब अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करना और जनता में भरोसा वापस लाना है। डीएसपी ने कहा कि मामले की जांच तेजी से की जा रही है और सभी कोणों पर विचार किया जा रहा है। लेकिन फिलहाल जनता का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। सीतामढ़ी में ब्रह्मर्षि सेना के पूर्व जिलाध्यक्ष की सरेआम हत्या ने एक बार फिर जिले की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लगातार होती हत्याओं और पुलिस पर निष्क्रियता के आरोपों ने जनता का विश्वास हिला दिया है। आक्रोशित लोगों का सड़क पर उतरना और हाईवे जाम करना इस बात का संकेत है कि अब धैर्य जवाब दे रहा है। प्रशासन के लिए जरूरी है कि न केवल अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी हो, बल्कि लोगों को यह भरोसा भी दिलाया जाए कि भविष्य में उनकी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा।

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