November 18, 2025

पटना और राजगीर में बनेगा अत्याधुनिक फॉरेंसिक साइंस लैब, तैयारी तेज, साइबर अपराध पर लगेगी लगाम

पटना। बिहार सरकार ने तकनीकी मोर्चे पर एक बड़ी पहल करते हुए राज्य में साइबर अपराधों से निपटने के लिए अत्याधुनिक फॉरेंसिक साइंस लैब स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ये लैब राज्य की राजधानी पटना और ऐतिहासिक शहर राजगीर में बनाई जा रही हैं। इन दोनों स्थानों पर स्थापित होने वाली लैब साइबर अपराधों की जांच में न केवल नई क्रांति लाएंगी, बल्कि डिजिटल अपराधों पर नियंत्रण पाने में भी अहम भूमिका निभाएंगी।
नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी का सहयोग
इन लैबों की स्थापना नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी के सहयोग से की जा रही है। पटना में इसका ट्रांजिट कैंपस हिंदी भवन परिसर में बनाया जा रहा है, जबकि राजगीर में इसके स्थायी परिसर के लिए ज़मीन चिह्नित कर निर्माण प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इन प्रयोगशालाओं के माध्यम से न केवल जांच होगी, बल्कि साइबर फॉरेंसिक के क्षेत्र में विशेषज्ञों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
साइबर अपराधों की जांच में तकनीकी क्रांति
अब तक बिहार में साइबर अपराधों की जांच के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी थी। अधिकतर मामलों में डिजिटल साक्ष्य की जांच के लिए अन्य राज्यों की प्रयोगशालाओं पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे जांच में देर होती थी और कई बार निष्कर्ष तक नहीं पहुंचा जा सकता था। लेकिन अब इन नई लैबों में मोबाइल फॉरेंसिक, नेटवर्क ट्रेसिंग, डेटा रिकवरी, डिजिटल सबूतों का विश्लेषण और डीप वेब ट्रैकिंग जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
प्रशिक्षण की भी होगी व्यवस्था
पटना में बनाए जा रहे ट्रांजिट कैंपस में सिर्फ जांच ही नहीं, बल्कि साइबर फॉरेंसिक में रुचि रखने वाले छात्रों और पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देने की भी व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि राज्य में इस क्षेत्र के लिए आवश्यक मानव संसाधन भी विकसित किया जा सके।
तेज़, निष्पक्ष और भरोसेमंद जांच प्रणाली की ओर कदम
गृह विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राज्य में फॉरेंसिक जांच से जुड़े सभी लंबित मामलों की रिपोर्ट तैयार की जाए। इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि अगर कोई अधिकारी इन आदेशों की अवहेलना करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरकार का यह कदम जांच प्रणाली को तेज़, निष्पक्ष और भरोसेमंद बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
न्यायिक प्रक्रिया को मिलेगी गति
इन फॉरेंसिक लैबों के शुरू होने से अब महीनों लगने वाली जांच कुछ ही दिनों में पूरी हो सकेगी। इसका सीधा असर न्यायिक प्रक्रिया पर भी पड़ेगा क्योंकि समय पर साक्ष्य मिलने से मामलों में त्वरित सुनवाई संभव होगी। इससे आम जनता का न्याय प्रणाली पर भरोसा और अधिक मजबूत होगा।
साइबर अपराधियों पर त्वरित कार्रवाई संभव
राज्य सरकार को उम्मीद है कि इन अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं के माध्यम से डिजिटल अपराधियों पर शीघ्र कार्रवाई संभव होगी। अब अपराधी यह सोचकर बच नहीं सकेंगे कि साक्ष्य जुटाने में समय लगेगा या तकनीकी सीमाओं के कारण जांच नहीं हो पाएगी। साइबर अपराध जैसे ऑनलाइन ठगी, डेटा चोरी, फेक न्यूज फैलाना, ब्लैकमेलिंग आदि अपराधों पर अब राज्य की निगरानी मजबूत होगी। बिहार सरकार का यह निर्णय राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। पटना और राजगीर में बनने वाली अत्याधुनिक फॉरेंसिक साइंस लैब न केवल राज्य की पुलिस व्यवस्था को आधुनिक बनाएंगी, बल्कि पूरे देश में एक उदाहरण भी पेश करेंगी। इससे न केवल अपराध पर नियंत्रण होगा, बल्कि लोगों में सुरक्षा का भरोसा भी बढ़ेगा।

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