बिहार राजस्व सेवा के लिए चुने गए आधे से अधिक अधिकारी इंजीनियर, बेहतर पैकेज छोड़कर आए इस सेवा में

पटना। बिहार लोक सेवा आयोग के जरिए राजस्व सेवा के लिए चुने गए आधे से अधिक अधिकारी इंजीनियरिंग के स्नातक हैं। बड़ी संख्या उनकी भी है, जिन्होंने आइआइटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है। बिहार राजस्व सेवा के लिए 566 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। इनकी सेवा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को सौंप दी गई है। अभी इनके प्रमाण पत्रों की जांच चल रही है। 24 सितंबर तक जांच होगी। फिर प्रशिक्षण का दौर शुरू होगा। उसके बाद अंचलाधिकारी (सीओ) एवं समकक्ष पदों पर इनकी तैनाती होगी।
बेहतर पैकेज छोड़कर आए
पीआरओ राजेश कुमार सिंह ने बुधवार को बताया कि प्रमाण पत्रों की जांच के दौरान कई दिलचस्प जानकारी मिल रही है। चयनित अभ्यर्थियों में कई ऐसे भी हैं, जो देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में बेहतर पैकेज पर काम कर रहे थे। इनमें टीसीएस जैसी संस्था भी शामिल है। उनके मुताबिक गृह राज्य के अलावा सरकारी नौकरियों में मिलने वाली प्रतिष्ठा भी इन युवाओं को इस पद के लिए आकर्षित कर रही है।
सात केंद्रों पर हो रहा प्रमाणपत्रों का सत्यापन
प्रमाण पत्रों का सत्यापन शास्त्रीनगर स्थित सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में हो रहा है। इसके लिए सात केंद्र बनाए गए हैं। हरेक दिन 140 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन हो रहा है। पहली बार विभाग को इतनी बड़ी संख्या में राजस्व अधिकारी मिले हैं। इनकी कमी के चलते बिहार प्रशासनिक सेवा एवं पर्यवेक्षकीय सेवा के अधिकारियों के भरोसे विभाग का काम चल रहा था।

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