December 17, 2025

प्रदेश में मौसम का कहर जारी: पटना समेत 12 जिलों में कोहरा, ठंड बढ़ने का जारी हुआ अलर्ट

पटना। बिहार में मौसम का मिजाज इन दिनों लगातार सख्त होता जा रहा है। प्रदेश के कई जिलों में सुबह की शुरुआत घने कोहरे के साथ हो रही है, जिससे जनजीवन पर असर साफ दिखाई दे रहा है। राजधानी पटना समेत बेतिया, गोपालगंज, सीतामढ़ी और अन्य जिलों में सुबह के समय दृश्यता काफी कम हो गई है। सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आ रहे हैं और लोगों को दैनिक कामों में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में ठंड के और बढ़ने की चेतावनी जारी की है, जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई है।
12 जिलों में कोहरे का असर
प्रदेश में फिलहाल कोहरे की चपेट में करीब 12 जिले हैं। पटना के साथ-साथ उत्तर बिहार और पश्चिमी बिहार के कई हिस्सों में घना कोहरा छाया हुआ है। सुबह-सुबह कोहरे के कारण सड़क और रेल यातायात प्रभावित हो रहा है। कई जगहों पर दृश्यता 50 से 100 मीटर तक सिमट गई है। खासकर स्कूल जाने वाले बच्चों, ऑफिस जाने वाले कर्मचारियों और वाहन चालकों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ रही है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक सुबह और देर रात कोहरे की स्थिति बनी रह सकती है। इससे न केवल यातायात, बल्कि आम जनजीवन भी प्रभावित रहेगा।
न्यूनतम तापमान में गिरावट
बिहार में ठंड का असर अब साफ दिखने लगा है। प्रदेश का न्यूनतम तापमान फिलहाल करीब 9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। बीते 24 घंटों के दौरान समस्तीपुर राज्य का सबसे ठंडा जिला रहा, जहां न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कई अन्य जिलों में भी तापमान सामान्य से नीचे चला गया है। ठंड बढ़ने के साथ ही सुबह और शाम के समय कनकनी महसूस की जा रही है। ग्रामीण इलाकों में लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में भी गर्म कपड़ों का इस्तेमाल बढ़ गया है।
कोहरे से हादसे भी बढ़े
घना कोहरा केवल ठंड का संकेत नहीं है, बल्कि यह दुर्घटनाओं का कारण भी बन रहा है। हाल ही में बांका जिले में कोहरे के कारण दो बाइकों की आमने-सामने टक्कर हो गई, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। बेतिया में भी पूरे दिन घना कोहरा छाया रहा, जिससे वाहन चालकों को भारी परेशानी हुई। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि कोहरे के दौरान वाहन चलाते समय विशेष सावधानी जरूरी है। कम दृश्यता के कारण जरा-सी लापरवाही बड़े हादसे में बदल सकती है।
19 दिसंबर के बाद बदलेगा मौसम
मौसम विभाग के अनुसार, 17 दिसंबर के आसपास पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने वाला है। इसका सीधा असर बिहार में 19 या 20 दिसंबर के बाद दिखाई देने लगेगा। इस विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएं बिहार की ओर बढ़ेंगी, जिससे तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की जा सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव के बाद दिन और रात दोनों समय ठंड में इजाफा होगा। खासकर रात का तापमान तेजी से नीचे जाएगा, जिससे ठिठुरन और बढ़ेगी।
पहाड़ों पर बर्फबारी का असर
पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह साफ होता है कि दिसंबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में बिहार में कड़ाके की ठंड पड़ती है। इसका मुख्य कारण पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और पश्चिमी हवाओं का मजबूत होना है। जब हिमालयी क्षेत्रों में बर्फ गिरती है, तो वहां से निकलने वाली ठंडी और शुष्क हवाएं मैदानी इलाकों तक पहुंचती हैं। इसका असर बिहार समेत पूरे पूर्वी भारत में महसूस किया जाता है। इस बार भी मौसम का पैटर्न कुछ ऐसा ही बनता नजर आ रहा है, जिससे आने वाले दिनों में ठंड और तेज हो सकती है।
पटना में मौसम का हाल
राजधानी पटना की बात करें तो फिलहाल यहां सुबह और रात में हल्की से मध्यम ठंड बनी हुई है। न्यूनतम तापमान सामान्य से थोड़ा नीचे चल रहा है, जबकि दिन में धूप निकलने के कारण अधिकतम तापमान सामान्य के आसपास बना हुआ है। हालांकि मौसम विभाग का अनुमान है कि 19 दिसंबर के बाद पटना में भी ठंड का असर बढ़ेगा। सुबह और शाम के समय ठिठुरन ज्यादा महसूस की जा सकती है और कोहरे की स्थिति भी गंभीर हो सकती है।
22 दिसंबर के बाद कोल्ड वेव का खतरा
मौसम विभाग ने साफ संकेत दिए हैं कि 22 दिसंबर के बाद बिहार में कोल्ड वेव जैसी स्थिति बन सकती है। इसका मतलब यह है कि कुछ जिलों में दिन का तापमान भी सामान्य से काफी नीचे चला जाएगा। कई इलाकों में ‘कोल्ड डे’ की स्थिति बन सकती है, जहां दिन के समय भी ठंड से राहत नहीं मिलेगी। मौसम वैज्ञानिकों ने इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को ठंड से बचाने पर जोर दिया गया है। सुबह और रात के समय बाहर निकलने से बचने, गर्म कपड़े पहनने और अलाव या हीटर का सुरक्षित तरीके से उपयोग करने की सलाह दी जा रही है। आने वाले दिनों में बिहार में मौसम और सख्त हो सकता है। ऐसे में सतर्कता और सावधानी ही ठंड से बचाव का सबसे बेहतर उपाय है।

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