गंगा समेत सूबे की आधा दर्जन प्रमुख नदियां खतरे के निशान के ऊपर

नदियों में तेज उफान के बाद उत्तर बिहार के बड़े इलाके में बाढ़ का खतरा मंडराया

पटना। नदियों में तेज उफान के बाद सूबे के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। नेपाल व पड़ोसी राज्यों में बारिश के कारण सूबे की नदियों का जलस्तर पिछले 72 घंटे से लगातार ऊपर बढ़ रहा है। गंगा समेत सूबे की आधा दर्जन प्रमुख नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। इसके अलावा आधा दर्जन छोटी नदियां भी लाल निशान के पार हो चुकी हैं। इनके जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। उधर, नदियों के जलस्तर बढ़ने से कई स्थानों पर तटबंधों पर दबाव उत्पन्न हो गया है। जल संसाधन विभाग ने इंजीनियरों को तटबंधों की लगातार पेट्रोलिंग करने का निर्देश दिया है। विभाग के निर्देश पर तटबंधों की रात्रि पेट्रोलिंग भी की जा रही है। विभाग ने संबंधित पदाधिकारियों व इंजीनियरों को संवेदनशील स्थानों पर पर्याप्त मात्रा में कटाव निरोधक सामग्री का भंडारण करने को कहा है। संवेदनशील स्थानों पर विभाग की कड़ी नजर है। जल संसाधन विभाग के अनुसार गंगा पटना व हाथीदह के साथ-साथ भागलपुर में जबकि कोसी सुपौल, कटिहार व खगड़िया में, बागमती सीतामढ़ी के ढेंग, सोनाखान, मुजफ्फरपुर के बेनीबाद में, खगड़िया व समस्तीपुर में, बूढ़ी गंडक खगड़िया में, कमला बलान मधुबनी में, घाघरा सीवान में, अधवारा दरभंगा में और गंडक गोपालगंज में खतरे के निशान से ऊपर है। इसी तरह लखनदेई मुजफ्फरपुर में, गंडकी, दाहा व माही सारण में जबकि घोघा भागलपुर में खतरे के निशान से ऊपर है। नदियों के जलस्तर में वृद्धि और उसके खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने के बाद कोसी, सीमांचल, गोपालगंज, मिथिलांचल के कुछ इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। खासकर नेपाल और पड़ोसी राज्यों में लगातार होने वाली बारिश के बाद नदियों के जलस्तर में और वृद्धि संभावित है। ऐसे जल संसाधन विभाग ने दावा किया है कि उसके सारे तटबंध सुरक्षित हैं। कहीं कोई गंभीर दबाव नहीं है। तटबंधों की सतत चौकसी की जा रही है।

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