बाढ़ और सुखाड़ की समस्या के प्रति सरकार नहीं है गंभीर : सत्यानंद शर्मा

पटना। लोजपा (रा) के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. सत्यानंद शर्मा एवं युवा लोजपा के राष्ट्रीय महासचिव अनिल कुमार पासवान ने कहा कि बिहार के असली समस्या बाढ़ और सुखाड़ का स्थाई समाधान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने 17 वर्षो के शासनकाल में नही कर सके। जबकि बाढ़ और सुखाड़ की त्रासदी प्रतिवर्ष पूरा बिहारवासी झेलते है। उन्होंने कहा की 4-5 करोड़ लोग बाढ़ के विनाशलीला के शिकार होते है। सैकड़ों लोग बाढ़ में मरते है। अरबों रुपये राहत के नाम पर भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ जाता है। मुख्यमंत्री हवाई सर्वेक्षण करते है। जमीनी हकीकत नही देख पाते है। ऐसे ही आधा बिहार सुखाड़ की चपेट में चला जाता है। किसान, मजदूर, गांव-गरीब भुखमरी के कगार पर पहुँच जाता है। ऐसे गम्भीर समस्या का समाधान जब 17 वर्षो में नीतीश कुमार नही कर सके फिर भी समाधान यात्रा कर रहे है।

वही आगे इन नेताओं ने कहा कि लोजपा (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद बाढ़ और सुखाड़ के समस्या का स्थाई निराकरण के लिए नीतीश कुमार को अनेकों बार पत्र लिखकर सुझाव दिया कि बिहार में नदी को नदी से जोड़कर, जल संरक्षण कर के बिहार के सूखाग्रस्त इलाकों को 4 हजार किलोमीटर तक समान लेबल का कैनाल बनाकर सूखाग्रस्त क्षेत्र में सिचाई की व्यवस्था हो। 23 सौ किलोमीटर के टूटे हुए और बंद कैनाल को युद्ध स्तर पर चालू किया जाये। नदियों के गाद की सफाई हो। सरकार ने इस विचार को ठंडे वस्ते में डाल दिया। वही उन्होंने कहा की चिराग पासवान ने फरक्का बराज पर सवाल उठाया और स्पष्ट कहा कि भारत सरकार से बात करके फरक्का बाँध को तोड़ने पर विचार करना चाहिए। आगे इन नेताओं ने कहा कि ध्वस्त विधि-व्यवस्था वाले बिहार जहाँ महिलाएं जिन्दा जलाई जा रही है, पुलिस बल पर 1483 बार एक साल में हमला हुआ है, माफियों का जुल्म हो रहा है। दलितों-अतिपिछड़ों की टारगेट किलिंग हो रहा है। उस बिहार में काम करने का दावा कर रहें है। यह हास्यास्पद है।

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