त्योहार के सीजन में पटना आना हुआ महंगा, तीन गुना बढ़ी फ्लाइट की टिकट, 21 हज़ार हुई कीमत
पटना। बिहार की राजधानी पटना त्योहारों के मौसम में खास महत्व रखती है। चाहे दुर्गा पूजा हो, दीपावली या फिर छठ महापर्व, प्रवासी बिहारी और छात्र अपने घरों की ओर लौटने के लिए बड़ी संख्या में यात्रा करते हैं। हर साल की तरह इस बार भी त्योहारों के आगमन के साथ हवाई किरायों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली। आम दिनों की अपेक्षा इस बार टिकट के दाम तीन गुना तक बढ़ गए, जिससे पटना आना कई लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया।
बढ़ी हुई भीड़ और सीमित सीटें
त्योहारों के दौरान सबसे बड़ी समस्या यह रहती है कि घर जाने वालों की भीड़ बहुत बढ़ जाती है। इस बार भी यही स्थिति देखने को मिली। दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई जैसे बड़े शहरों से हजारों प्रवासी और छात्र पटना लौटना चाहते थे। भीड़ के मुकाबले एयरलाइंस के पास सीमित संख्या में सीटें होने के कारण टिकट की कीमतें अचानक बढ़ गईं। एयरलाइंस का कहना है कि यह बढ़ोतरी मांग और आपूर्ति पर आधारित होती है। जैसे-जैसे मांग बढ़ती है, वैसे-वैसे टिकट दरें ऊपर चली जाती हैं।
दिल्ली-पटना रूट का दबाव
दिल्ली से पटना की उड़ान पर सबसे अधिक दबाव देखने को मिला। सामान्य दिनों में यहां का किराया 4500 से 5500 रुपये के बीच होता है। लेकिन त्योहारों में वही टिकट 8 हजार से 10 हजार रुपये तक पहुंच गई। छठ के दौरान तो किराया 13 हजार से लेकर 23 हजार रुपये तक हो गया। राजधानी से पटना लौटने वाले छात्रों और नौकरीपेशा लोगों के लिए यह किराया बहुत महंगा साबित हुआ।
मुंबई और हैदराबाद के महंगे टिकट
मुंबई-पटना रूट पर भी यात्रियों को भारी खर्च उठाना पड़ा। सामान्य दिनों में जहां 7 से 9 हजार रुपये का टिकट मिल जाता है, वहीं त्योहारों के दौरान यह बढ़कर 15 से 20 हजार रुपये तक हो गया। हैदराबाद से पटना आने वाली उड़ानों की स्थिति और भी चौंकाने वाली रही। छठ पूजा से ठीक पहले यहां का एकतरफा किराया 21 हजार रुपये तक पहुंच गया। दक्षिण भारत के शहरों से लौटने वाले प्रवासी मजदूर और छात्र इस महंगाई से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।
बेंगलुरु और चेन्नई रूट की स्थिति
बेंगलुरु और चेन्नई से पटना आने वाले यात्री भी टिकट की कीमतों में भारी बढ़ोतरी से परेशान हुए। सामान्य किराए की तुलना में इन रूट्स पर कीमतें 50 से 90 प्रतिशत तक बढ़ गईं। कई लोगों को समय पर टिकट तक उपलब्ध नहीं हो पाया। एयरलाइंस की वेबसाइटों पर वेटिंग लिस्ट में दर्जनों नाम जुड़ गए, जिससे कई प्रवासियों और विद्यार्थियों के लिए घर लौटना कठिन हो गया।
नौकरीपेशा और छात्रों की मुश्किल
त्योहार का मौसम खासकर उन लोगों के लिए अहम समय होता है जो पूरे साल बाहर रहकर पढ़ाई या काम करते हैं। वे इन पर्वों को परिवार के साथ मनाने के लिए बेसब्री से घर लौटते हैं। लेकिन महंगे टिकट ने उनकी योजनाओं में खलल डाल दिया। आखिरी समय पर बुकिंग करने वालों को तो दोगुने से भी ज्यादा किराया चुकाना पड़ा। कई छात्र तो बजट से अधिक दाम देखकर यात्रा स्थगित करने को मजबूर हो गए।
ट्रेन और बसों में भी दबाव
त्योहार के मौसम में केवल हवाई यात्रा ही नहीं, बल्कि बस और ट्रेन सेवाओं में भी अत्यधिक दबाव रहा। पटना जाने वाली ज्यादातर ट्रेनों और लंबी दूरी की बसों की टिकटें पहले ही भर गईं। ऐसे में जिन लोगों को घर जाना जरूरी था, उनके सामने केवल उड़ान भरने का विकल्प बचा, मगर हवाई टिकट की कीमतों ने उनकी जेब पर जबरदस्त दबाव डाला।
एयरलाइंस की ओर से सफाई और आश्वासन
एयरलाइंस कंपनियों का कहना है कि यह बढ़ोतरी उनकी मर्जी से नहीं बल्कि मांग और आपूर्ति के समीकरण पर आधारित है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि आने वाले दिनों में अतिरिक्त फ्लाइट्स चलाई जाएंगी ताकि यात्रियों को कुछ हद तक राहत मिले। कंपनियां यह भी मानती हैं कि त्योहारों में ऐसी स्थिति सामान्य है और सिर्फ बिहार ही नहीं, देश के अन्य राज्यों में भी यह परंपरागत समस्या है।
पटना एयरपोर्ट पर सुरक्षा तैयारियां
हवाई यातायात में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी के बीच पटना एयरपोर्ट पर सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए। शुक्रवार को यहां हाईजैक मॉक ड्रिल का आयोजन हुआ जिसमें चार आतंकियों द्वारा जहाज को हाईजैक करने की काल्पनिक स्थिति बनाई गई। इस अभ्यास में CISF, NSG कमांडो, एयरपोर्ट अथॉरिटी और स्थानीय पुलिस शामिल रहे। करीब दो घंटे तक चले अभ्यास में यह रणनीति बनाई गई कि किसी भी परिस्थिति में यात्रियों की सुरक्षा सबसे पहले सुनिश्चित की जाए।
उत्सव पर महंगाई का असर
बिहार में त्योहार केवल धार्मिक आस्था के पर्व नहीं होते, बल्कि यह समय परिवारों के मिलन और घर लौटने का अवसर भी होता है। यही कारण है कि प्रवासी बिहारी और छात्र इस अवसर पर हर हाल में अपने गांव और शहर लौटने की कोशिश करते हैं। लेकिन इस बार महंगे टिकट ने उनके उत्साह पर भारी असर डाला। हजारों की जगह लाखों खर्च करने पड़े, जिससे कई परिवारों का बजट बिगड़ गया। त्योहार के दौरान पटना की उड़ानें जिस तरह से महंगी हुईं, उसने आम लोगों के सामने यात्रा की बड़ी चुनौती खड़ी कर दी। दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और दक्षिण भारत से आने वाले प्रवासी और छात्र इस दबाव से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। सरकार और एयरलाइंस दोनों के सामने यह जरूरी चुनौती है कि ऐसी स्थिति में यात्रियों को राहत देने के लिए दीर्घकालिक उपाय किए जाएं। त्योहार खुशी और मिलन का समय होता है, न कि आर्थिक बोझ का। इस बार किरायों की महंगाई ने सिद्ध कर दिया कि यात्रा सुविधा को लेकर बेहतर योजना बनाना अब अनिवार्य हो गया है।


