बेतिया में नेपाल के रास्ते भारत में घुसे पांच विदेशी नागरिक गिरफ्तार, धार्मिक किताबें बरामद
बेतिया। बिहार के बेतिया जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां पुलिस और सुरक्षा बलों की संयुक्त कार्रवाई में नेपाल से अवैध तरीके से भारत में प्रवेश कर रहे पांच विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से धार्मिक किताबें, नकदी और फर्जी दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। घटना ने न केवल सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि आखिर इन विदेशियों का उद्देश्य क्या था और वे यहां किस मकसद से आए थे।
नेपाल के रास्ते भारत में प्रवेश
यह गिरफ्तारी जीतना थाना क्षेत्र के अगरवा गांव के रास्ते हुई, जहां से पांचों विदेशी नागरिक सीमा पार कर भारत में घुस रहे थे। इस दौरान स्थानीय नागरिक शत्रुघ्न यादव ने इन्हें मदद भी की। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया है ताकि इन विदेशियों के मकसद के साथ उनके नेटवर्क की जानकारी हासिल की जा सके।
गिरफ्तार विदेशी नागरिकों की पहचान
पकड़े गए पांच विदेशी नागरिकों में चार सूडान के और एक बोलीबिया का रहने वाला है। पुलिस अधिकारियों ने उनकी पहचान इस प्रकार बताई है:
अहमद मोहम्मद (सूडान)
मोहम्मद अहमद (सूडान)
ओसमान अलविद (सूडान)
मोहम्मद कामिल (सूडान)
मिगुएल सोलोनो चावेज (बोलीबिया)
ये सभी नेपाल से भारत में प्रवेश करने के बाद पटना जाने की फिराक में थे।
बस स्टैंड से हुई गिरफ्तारी
एसएसबी की 71वीं बटालियन को सूचना मिली थी कि कुछ विदेशी नागरिक स्थानीय व्यक्ति की मदद से अगरवा गांव के रास्ते घुसे हैं और अब पटना जाने के लिए बस का टिकट बुक करवा रहे हैं। इस जानकारी को तत्काल एसपी तक पहुंचाया गया। इसके बाद घोड़ासहन पुलिस ने बस स्टैंड से अंधेरे में बैठे सभी विदेशियों को हिरासत में ले लिया। गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से जो सामान बरामद हुआ, उसने पुलिस और एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।
उर्दू भाषा की दो धार्मिक किताबें
पांच मोबाइल फोन
30 हजार भारतीय रुपये
नेपाली सिगरेट
एक घड़ी
पटना जाने के लिए पांच बस टिकट
इसके अलावा मोबाइल की जांच करने पर दो नागरिकों के फर्जी पासपोर्ट, वीजा और भारतीय आधार कार्ड डिजिटल फॉर्म में मिले। इससे साफ हो गया कि ये लोग लंबे समय से तैयारी के साथ भारत में प्रवेश करने की योजना बना रहे थे।
स्थानीय मददगार भी गिरफ्तार
शत्रुघ्न यादव नामक स्थानीय नागरिक ने इन विदेशियों को नेपाल से भारत में प्रवेश करने और बस का टिकट दिलाने में मदद की थी। वह जीतना थाना क्षेत्र का निवासी है। पुलिस अब उससे पूछताछ कर यह जानने में जुटी है कि क्या वह पहले भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल रहा है या फिर यह उसका पहला प्रयास था।
विदेशी नागरिकों का रवैया
डीएसपी उदय शंकर ने बताया कि गिरफ्तार विदेशी नागरिक पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। वे सवालों के जवाब देने से बच रहे हैं, जिससे आशंका है कि उनका मकसद संदिग्ध हो सकता है। एजेंसियां यह भी जांच रही हैं कि कहीं ये सभी नेपाल की किसी जेल से फरार तो नहीं हैं। सुरक्षा एजेंसियों की चिंता
घटना ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। नेपाल की खुली सीमा का फायदा उठाकर विदेशी नागरिक आसानी से भारत में प्रवेश कर लेते हैं। इस मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि सीमा पर निगरानी और कड़ा नियंत्रण आवश्यक है।
जांच और आगे की कार्रवाई
फिलहाल पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां गिरफ्तार व्यक्तियों से लगातार पूछताछ कर रही हैं। उनका मकसद और उनकी भारत यात्रा का उद्देश्य क्या था, यह जानने की कोशिश की जा रही है। बरामद धार्मिक किताबों और दस्तावेजों की भी बारीकी से जांच की जा रही है ताकि यह साफ हो सके कि उनका इस्तेमाल किसी अवैध गतिविधि या प्रचार-प्रसार के लिए तो नहीं होना था।
क्षेत्र में दहशत का माहौल
स्थानीय स्तर पर इस घटना के बाद दहशत का माहौल व्याप्त है। लोग आशंकित हैं कि कहीं ये विदेशी किसी खतरनाक गतिविधि की योजना तो नहीं बना रहे थे। वहीं, पुलिस का कहना है कि हर कोण से जांच की जा रही है और दोषियों को सख्ती से निपटाया जाएगा। बेतिया की यह घटना एक बार फिर सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा खामियों को उजागर करती है। पांच विदेशी नागरिकों का इस तरह अवैध रूप से देश में घुसना और उनके पास से फर्जी पासपोर्ट व आधार कार्ड बरामद होना गंभीर मसला है। सवाल यह भी है कि इतनी तैयारी और नेटवर्क के साथ ये लोग आखिर भारत में क्या करने आए थे। आने वाले दिनों में जांच एजेंसियों द्वारा किए गए खुलासे से स्थिति और स्पष्ट होगी। फिलहाल सभी गिरफ्तार आरोपी पुलिस हिरासत में हैं और पूछताछ के दायरे में रखे गए हैं।


