November 12, 2025

अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर गोलीबारी, पांच लोगों की मौत, दोनों देशों में तनाव जारी

नई दिल्ली। अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा एक बार फिर हिंसा की चपेट में आ गई है। शुक्रवार को दोनों देशों के बीच सीमावर्ती क्षेत्र में हुई गोलीबारी में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि छह लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मरने वालों में चार महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं। इस ताजा झड़प ने दोनों देशों के बीच पहले से जारी तनाव को और बढ़ा दिया है। यह घटना उस समय हुई जब दोनों पक्ष तुर्की में संघर्षविराम पर चल रही वार्ताओं के अंतिम चरण में थे।
सीमावर्ती क्षेत्र में मची अफरातफरी
यह गोलीबारी अफगानिस्तान के दक्षिणी कंधार प्रांत के स्पिन बोल्डक क्षेत्र में हुई। यह इलाका पाकिस्तान की बलूचिस्तान सीमा से सटा हुआ है और दोनों देशों के बीच लंबे समय से विवाद का केंद्र रहा है। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, गोलीबारी शुक्रवार सुबह अचानक शुरू हुई, जिससे सीमावर्ती गांवों में अफरातफरी मच गई। स्पिन बोल्डक जिला अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में कुल पांच शव लाए गए हैं, जिनमें चार महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं। छह घायल व्यक्तियों का इलाज चल रहा है, जिनमें से कुछ की हालत नाजुक बताई जा रही है। अधिकारी ने यह भी कहा कि गोलीबारी के दौरान कई घरों को भी नुकसान पहुंचा।
एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप
घटना के तुरंत बाद अफगानिस्तान और पाकिस्तान दोनों देशों ने एक-दूसरे पर गोलीबारी शुरू करने का आरोप लगाया। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तान ने उस समय हमला शुरू किया जब तुर्की में दोनों देशों के बीच तीसरे दौर की वार्ता चल रही थी। मुजाहिद के अनुसार, “पाकिस्तानी सेना ने स्पिन बोल्डक के नागरिक इलाकों पर अचानक गोलीबारी शुरू की, जबकि हमारी सेनाओं ने संयम बरता और बातचीत का सम्मान करते हुए पलटवार नहीं किया।” उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है और हिंसा को बढ़ावा नहीं देना चाहता। वहीं, पाकिस्तान ने अफगान पक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। पाकिस्तान के सूचना मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा, “हम अफगानिस्तान द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों को सख्ती से खारिज करते हैं। गोलीबारी पहले अफगान पक्ष की ओर से शुरू की गई थी, जिसके बाद हमारी सेनाओं ने संयमित और जिम्मेदार प्रतिक्रिया दी।”
नागरिक इलाकों में भारी हथियारों का इस्तेमाल
अफगान उप-प्रवक्ता हामिदुल्लाह फिटरत ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से हल्के और भारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया और नागरिक इलाकों को निशाना बनाया गया। गोलीबारी करीब 10 से 15 मिनट तक चली। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान ने जानबूझकर सीमा पर तनाव बढ़ाने की कोशिश की। पाकिस्तान ने भी बाद में बयान जारी किया कि अब स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और संघर्षविराम कायम है। पाकिस्तानी सूचना मंत्रालय ने कहा कि “हमारी सेनाओं की जिम्मेदार कार्रवाई के चलते हालात काबू में आ गए हैं और संघर्षविराम जारी है। पाकिस्तान संवाद और सहयोग के माध्यम से ही समाधान चाहता है।”
तुर्की में चल रही वार्ताएं और बढ़ा तनाव
दोनों देशों के प्रतिनिधि पिछले एक सप्ताह से तुर्की में संघर्षविराम समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। इन वार्ताओं का उद्देश्य सीमा पर बढ़ रही झड़पों को रोकना और एक स्थायी शांति व्यवस्था बनाना था। हालांकि, पिछले सप्ताह दोनों पक्षों के बीच संघर्षविराम के अंतिम बिंदुओं पर सहमति नहीं बन पाई थी। तुर्की सरकार ने बताया था कि दोनों देशों ने निगरानी और सत्यापन के लिए एक साझा तंत्र (मॉनिटरिंग एंड वेरिफिकेशन सिस्टम) बनाने पर सहमति जताई थी, जो भविष्य में संघर्षविराम उल्लंघन की घटनाओं पर नजर रखेगा। लेकिन शुक्रवार की घटना ने वार्ता प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुराना विवाद और बार-बार की झड़पें
अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर तनाव कोई नई बात नहीं है। दोनों देशों के बीच 2,600 किलोमीटर लंबी सीमा, जिसे ड्यूरंड लाइन कहा जाता है, दशकों से विवाद का कारण रही है। अफगानिस्तान इस रेखा को कभी आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं करता, जबकि पाकिस्तान इसे अंतरराष्ट्रीय सीमा मानता है। पिछले कुछ महीनों में इस सीमा पर कई बार हिंसक झड़पें हुई हैं। अक्टूबर में हुई गोलीबारी में करीब 50 नागरिकों की मौत और 400 से अधिक लोग घायल हुए थे। पाकिस्तान ने तब दावा किया था कि उसके 23 सैनिक भी मारे गए थे। वहीं, अफगानिस्तान ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तानी सेना ने नागरिक बस्तियों को निशाना बनाया।
आतंकवाद और राजनीतिक अविश्वास का असर
दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव की एक और वजह आतंकवाद है। पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार पाकिस्तान तालिबान (टीटीपी) जैसे आतंकी संगठनों को पनाह दे रही है, जो पाकिस्तान में हमले करते हैं। अफगानिस्तान लगातार इन आरोपों से इनकार करता आया है और कहता है कि उसके क्षेत्र से किसी भी देश को खतरा नहीं है। विश्लेषकों का मानना है कि दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी और बढ़ते आतंकी हमलों ने सीमा विवाद को और जटिल बना दिया है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच शुक्रवार की गोलीबारी ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि दोनों देशों के संबंध बेहद नाजुक स्थिति में हैं। एक ओर दोनों तुर्की में शांति वार्ता के जरिए समाधान खोजने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सीमा पर बार-बार हिंसा इस प्रक्रिया को कमजोर कर रही है। इस घटना में पांच नागरिकों की मौत और कई लोगों के घायल होने से यह साफ है कि संघर्ष का सबसे बड़ा खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है। तुर्की और संयुक्त राष्ट्र दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील कर चुके हैं। लेकिन अगर जल्द ही कोई ठोस राजनीतिक समाधान नहीं निकला, तो सीमा क्षेत्र एक बार फिर बड़े पैमाने पर हिंसा का केंद्र बन सकता है — और इसका असर पूरे दक्षिण एशिया की स्थिरता पर पड़ सकता है।

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