पटना में कुत्ते के विवाद में गोलीबारी, युवक ने चचेरे भाई का किया मर्डर, लोगों ने जमकर की पिटाई
पटना। पटना में कुत्ते को लेकर शुरू हुआ विवाद खूनी घटना में तब्दील हो गया। मामूली कहासुनी ने ऐसा रूप लिया कि एक परिवार टूट गया और गांव में सनसनी फैल गई। आइए विस्तार से समझते हैं कि पूरे घटनाक्रम में क्या हुआ और कैसे स्थिति बिगड़ती चली गई।
विवाद की शुरुआत
यह घटना पटना जिले के फतुहा थाना क्षेत्र के मालबीघा गांव की है। रविवार देर रात मृतक धीरज कुमार और उसका चचेरा भाई पप्पू कुमार आमने-सामने हो गए। विवाद की जड़ धीरज का पालतू कुत्ता बना। दरअसल, जैसे ही पप्पू गांव में पहुंचा, कुत्ते ने जोर-जोर से भौंकना शुरू कर दिया। इसी छोटी-सी बात को लेकर दोनों के बीच बहस शुरू हुई। मामूली तकरार धीरे-धीरे गुस्से में बदल गई और हालात इतने बिगड़े कि पप्पू ने हिंसक कदम उठा लिया।
गोलीबारी और मौत
गुस्से में पप्पू अपने पास रखे देसी कट्टे से धीरज पर ताबड़तोड़ हमला कर बैठा। गोली लगते ही धीरज गंभीर रूप से घायल होकर वहीं गिर पड़ा और कुछ ही देर बाद वह बेहोश हो गया। गोली की आवाज सुनते ही आसपास के लोग और धीरज के परिजन मौके पर दौड़कर पहुंचे। परिवार ने तत्काल स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन हालात और बिगड़ गए।
ग्रामीणों का आक्रोश
जैसे ही ग्रामीणों और परिजनों को पता चला कि धीरज को गोली मारने वाला कोई और नहीं बल्कि उन्हीं का रिश्तेदार पप्पू है, उनका गुस्सा भड़क उठा। भीड़ ने पप्पू को पकड़ लिया और उसकी जमकर पिटाई कर दी। पिटाई इतनी जबरदस्त थी कि पप्पू भी गंभीर रूप से घायल हो गया। इस घटना ने पूरे गांव का माहौल तनावपूर्ण बना दिया।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही फतुहा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने दोनों घायलों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने का प्रयास किया। धीरज को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं, गंभीर हालत में पप्पू को प्राथमिक इलाज देने के बाद पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया।
अस्पताल में हंगामा
जब पुलिस पप्पू को एंबुलेंस के जरिए पटना रेफर करने लगी तो धीरज के परिजन और ग्रामीण आक्रोशित हो उठे। उन्होंने रास्ते में ही एंबुलेंस रोक दी और पुलिस के सामने हंगामा शुरू कर दिया। हालात संभालने के लिए एसडीपीओ अवधेश कुमार सहित पुलिस बल मौके पर पहुंचा। लेकिन मृतक और आरोपी पक्ष आमने-सामने आ गए और वहां भी स्थिति बिगड़ गई। पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद स्थिति को नियंत्रण में लिया। परिजन पप्पू को जाने देने को तैयार नहीं थे, उनका गुस्सा लगातार भड़क रहा था। आखिरकार पुलिस ने हस्तक्षेप करते हुए किसी तरह पप्पू को इलाज के लिए पटना मेडिकल कॉलेज भेजा।
शव को लेकर विवाद
धीरज की मौत के बाद उसके परिजन और ग्रामीणों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उन्होंने अस्पताल से ही शव को स्ट्रेचर पर उठाकर गांव ले गए, जबकि पुलिस चाहती थी कि पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया पूरी हो। परिवार के लोग किसी भी तरह सुनने को तैयार नहीं थे। इस स्थिति में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
शव की जब्ती और पोस्टमॉर्टम
काफी प्रयासों के बाद अधिकारियों और पुलिस बल ने गांव पहुंचकर धीरज के परिजनों को समझाया। काफी देर मान-मनौव्वल के बाद आखिरकार परिजन झुके और शव पुलिस को सौंपा गया। इसके बाद धीरज के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया।
जांच और संदेह
ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग ने बताया कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आ रही है कि कुत्ते का विवाद तो केवल एक ट्रिगर भर था, असली वजह दोनों पक्षों के बीच पुरानी रंजिश भी हो सकती है। फिलहाल पुलिस मामले को हर एंगल से जांच रही है।
आरोपी की हालत
पप्पू की स्थिति गंभीर बनी हुई है और उसका इलाज पटना मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। अभी तक पुलिस की ओर से उस पर कानूनी कार्रवाई की औपचारिक प्रक्रिया भी की जा रही है।
गांव का माहौल
घटना के बाद पूरे मालबीघा गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। ग्रामीण हैरान हैं कि एक मामूली विवाद ने इतना खौफनाक रूप कैसे ले लिया। परिवारों के बीच रिश्ते टूट गए और एक छोटे-से गुस्से ने सबकुछ बदलकर रख दिया। यह घटना समाज के लिए एक कड़ी चेतावनी है कि गुस्से में उठाया गया कदम किस हद तक विनाशकारी हो सकता है। एक पालतू जानवर की आवाज से शुरू हुई बहस ने न सिर्फ एक इंसान की जान ले ली, बल्कि रिश्तों की डोर को भी हमेशा के लिए तोड़ दिया।


