भोजपुर में जमीनी विवाद में गोलीबारी, दो भाइयों को लगी गोली, एक की मौके पर मौत
भोजपुर। बिहार के भोजपुर जिले में एक बार फिर जमीन विवाद ने खूनी रूप ले लिया। आयर थाना क्षेत्र के भेड़री गांव में गुरुवार देर रात को दो सगे भाइयों पर उनके ही चचेरे भाई द्वारा गोली चलाए जाने की घटना सामने आई है। इस गोलीबारी में एक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल है और अस्पताल में इलाज चल रहा है। यह दुखद घटना पारिवारिक विवादों के चरम पर पहुंचने और कानून व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े करती है।
जमीनी बंटवारे से उपजा विवाद
घटना की जानकारी मृतक के पिता हरी किशोर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि उनके तीन भाइयों के बीच कुल 22 बीघा जमीन थी, जिसे आपसी सहमति से बांट लिया गया था। लेकिन आर्थिक तंगी के चलते उन्होंने अपनी हिस्से की 1 बीघा 2 कट्ठा जमीन गांव के ही एक व्यक्ति को बेच दी थी। यही भूमि बाद में विवाद का कारण बनी। करीब 20 दिन पहले हरी किशोर सिंह के भतीजे लल्लू सिंह ने जबरन कम कीमत पर वह खेत अपने नाम लिखवा लिया। यह घटना ही आगे चलकर हिंसा का कारण बनी। मंगलवार को जब हरी किशोर सिंह के दोनों बेटे खेत जोतने पहुंचे तो लल्लू सिंह ने इसका विरोध किया। कहासुनी के बाद लल्लू ने गोली चला दी, जिससे दोनों भाइयों को गोली लगी।
गोली लगने से एक की मौत, दूसरा गंभीर
गोली लगने से भगवान सिंह की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। उन्हें सीने और हाथ में गोली लगी थी। जबकि छोटे भाई ददन सिंह की कमर में गोली लगी है और उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। परिजनों द्वारा दोनों को तुरंत भोजपुर सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां भगवान सिंह को मृत घोषित कर दिया गया।
एसपी पहुंचे मौके पर, आरोपी फरार
घटना की सूचना मिलते ही भोजपुर के पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने इसे पुराना पारिवारिक और जमीन से जुड़ा विवाद बताया है। पुलिस के अनुसार आरोपित लल्लू सिंह घटना के बाद से फरार है और उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
परिवार में पसरा मातम
भगवान सिंह की मौत की खबर मिलते ही उनके गांव और घर में कोहराम मच गया। पत्नी रीता देवी और तीन छोटे बच्चे रामबाबू, जीतन और नीतीश पूरी तरह सदमे में हैं। परिवार के अन्य सदस्य और ग्रामीण भी इस दर्दनाक घटना से आहत हैं। गांव में शोक और भय का माहौल है।
कानून व्यवस्था और सामाजिक चेतना पर सवाल
यह घटना न केवल एक पारिवारिक विघटन का उदाहरण है, बल्कि यह बिहार के ग्रामीण इलाकों में जमीन विवादों के बढ़ते खतरों को भी उजागर करती है। आए दिन इस प्रकार के विवादों में जान जाना आम होता जा रहा है, जिससे समाज में असुरक्षा का माहौल बन रहा है। प्रशासन के लिए यह चुनौती है कि वह जमीन विवादों को सुलझाने के लिए कड़े कदम उठाए और आपसी संवाद को बढ़ावा दे। इस घटना ने भोजपुर सहित पूरे बिहार को एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि संपत्ति से जुड़ी लालच किस हद तक इंसान को अमानवीय बना सकती है। समाज को अब न्याय, संवाद और समर्पण की ओर लौटने की जरूरत है।


