October 28, 2025

मोकामा में आपसी वर्चस्व में गोलीबारी, 10 राउंड फायरिंग से हड़कंप, 16 के खिलाफ मामला दर्ज

पटना। मोकामा विधानसभा क्षेत्र के घोसवरी थाना क्षेत्र स्थित गोसाईं गांव में सोमवार देर शाम एक गंभीर गोलीबारी की घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। इस घटना की शुरुआत स्थानीय आपसी रंजिश से हुई, जो दो विरोधी गुटों के बीच लंबे समय से चली आ रही थी। दोनों पक्ष अपने-अपने समर्थकों के साथ आमने-सामने आ गए और हथियार उठाकर एक-दूसरे पर गोलियां चलाना शुरू कर दिया।
घटना का समय और परिस्थिति
सूत्रों के मुताबिक, सोमवार की शाम कुछ गांव के युवक लक्ष्मी पूजा का चंदा मांगने विरोधी गुट के पास गए थे। इस दौरान झड़प हो गई और कुछ युवकों को पीटा गया। इसी झड़प के क्रम में कुख्यात दिवाकर यादव और मिथिलेश यादव उर्फ मिट्ठू यादव अपने समर्थकों के साथ आमने-सामने आ गए। दोनों पक्षों ने हथियार निकालकर लगभग चार दर्जन राउंड गोलियां चलाईं। हालांकि पुलिस ने केवल 10 राउंड फायरिंग की पुष्टि की है। इस गोलीबारी से इलाके में डर और तनाव फैल गया।
हथियारों का इस्तेमाल और सुरक्षा की स्थिति
स्थानीय लोगों ने दावा किया कि गोलीबारी में एके-47 जैसे आधुनिक हथियारों का भी इस्तेमाल किया गया। हालांकि, पुलिस ने इस दावे से इनकार किया है। गोलीबारी के बावजूद किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। लेकिन ग्रामीणों में भय का माहौल कायम हो गया। घटना के बाद आसपास के लोग घरों में कैद हो गए और बच्चों व बुजुर्गों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस दल बल के साथ मौके पर पहुंचा। हालांकि, तब तक अधिकांश आरोपित फरार हो चुके थे। पुलिस ने चार आरोपित—दिनेश यादव, गन्नू यादव, रंजीत कुमार और राहुल कुमार को गिरफ्तार किया। शेष आरोपितों की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी और जांच कर रही है। घोसवरी थाना प्रभारी मधुसूदन कुमार ने बताया कि इस मामले में कुल 16 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्तारी और जांच के दौरान ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि गोलीबारी लगभग 40 राउंड चली। पुलिस ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए ऐसे हिंसक घटनाओं की रोकथाम के लिए विशेष निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है।
घटना का कारण
पुलिस और स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, इस घटना का मूल कारण चुनावी और स्थानीय वर्चस्व से जुड़ी रंजिश है। एक गुट किसी स्थानीय प्रत्याशी का समर्थक है, जबकि दूसरा गुट उसके विरोधी के साथ जुड़ा हुआ है। इस आपसी वर्चस्व की लड़ाई ने स्थानीय युवाओं और समर्थकों को आमने-सामने ला दिया।
चुनावी पृष्ठभूमि और सुरक्षा बढ़ाई गई
घटना बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की पृष्ठभूमि में हुई है। चुनावी मौसम में ऐसे हिंसक घटनाओं की आशंका रहती है। इसलिए प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। पुलिस लगातार निगरानी कर रही है और गश्त बढ़ा दी गई है। अधिकारियों ने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस बलों की तैनाती और सतर्कता को और मजबूत किया जा रहा है।
आरोपितों के खिलाफ मामला
दिनेश यादव और राहुल कुमार ने पुलिस को शिकायत दी, जिसके आधार पर मिथिलेश यादव, दिवाकर यादव और उनके अन्य समर्थकों सहित कुल 16 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तारी और पूछताछ के दौरान सभी आरोपितों की भूमिका स्पष्ट करने की कोशिश की जा रही है।
ग्रामीणों और प्रशासन की प्रतिक्रिया
ग्रामीणों का कहना है कि यह घटना उनके लिए बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाए। वहीं, प्रशासन ने भी कहा कि आगामी चुनाव के मद्देनजर किसी भी तरह की हिंसक घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मोकामा की इस घटना ने यह साबित कर दिया कि चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक और स्थानीय विवाद हिंसक रूप ले सकते हैं। हालांकि गोलीबारी में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन इसने ग्रामीणों में डर और प्रशासन में सतर्कता बढ़ा दी है। पुलिस की सक्रियता और सुरक्षा उपायों से स्थिति नियंत्रित रहने की उम्मीद है। आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान प्रशासन और पुलिस को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए लगातार तत्पर रहना होगा। इस घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि स्थानीय वर्चस्व, राजनीतिक समर्थन और विरोधी गुटों की प्रतिद्वंद्विता कभी-कभी गंभीर हिंसा का रूप ले सकती है। ग्रामीणों की सुरक्षा और चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी बन गई है।

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