पटना में तेजस एक्सप्रेस में आग की सूचना से हड़कंप, चेन पुलिंग से रुकी, जांच के दिए गए आदेश
पटना। रेल यात्राओं को सुरक्षित और आरामदायक बनाने के लिए रेलवे समय-समय पर नई तकनीकों का प्रयोग करता है। इसी क्रम में ट्रेनों में ऑटोमैटिक फायर सिस्टम लगाया जाता है ताकि किसी भी आपात स्थिति में आग को तुरंत नियंत्रित किया जा सके और बड़ा हादसा टाला जा सके। लेकिन कभी-कभी यही सिस्टम अचानक सक्रिय होकर अनचाही स्थिति पैदा कर देता है। हाल ही में पटना तेजस राजधानी एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 12309) में ऐसी ही एक अप्रत्याशित घटना घटी, जिसने यात्रियों और कर्मचारियों को कुछ देर के लिए दहशत में डाल दिया। यह घटना शुक्रवार देर रात पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर मंडल अंतर्गत अमर शहीद जगदेव हाल्ट स्टेशन के पास हुई। बताया जाता है कि ट्रेन की पैंट्रीकार में लगे ऑटोमैटिक फायर सिस्टम ने अचानक काम करना शुरू कर दिया। जैसे ही यह सिस्टम सक्रिय हुआ, गैस फैलने लगी और पानी की बौछार शुरू हो गई। इससे पैंट्रीकार में मौजूद स्टाफ घबरा गया और उन्हें यह आशंका हुई कि शायद वहां आग लग गई है। स्थिति को देखते हुए तुरंत चेन पुलिंग कर दी गई, जिसके बाद ट्रेन मौके पर ही रुक गई।। ट्रेन के अचानक रुकने और पैंट्रीकार से धुआं व गैस फैलने की खबर जैसे ही यात्रियों तक पहुंची, बोगियों में अफरा-तफरी मच गई। कई यात्री अपने डिब्बों से उठकर इधर-उधर भागने लगे। लगभग 11 मिनट तक ट्रेन में सनसनी और दहशत का माहौल बना रहा। इस बीच ट्रेन के कप्तान ने तत्काल दानापुर कंट्रोल को पूरी घटना की सूचना दी। घटना की जानकारी मिलते ही ऑन-ड्यूटी इलेक्ट्रिकल स्टाफ तुरंत मौके पर पहुंचा। उन्होंने जांच कर यह स्पष्ट किया कि आग नहीं लगी थी, बल्कि ऑटोमैटिक फायर सिस्टम गलती से सक्रिय हो गया था। उनकी तत्परता से सिस्टम को नियंत्रित किया गया और ट्रेन को सुरक्षित घोषित कर दिया गया। इसके बाद रात 8 बजकर 43 मिनट पर ट्रेन को फिर से रवाना किया गया। रेलवे अधिकारियों ने राहत की सांस ली कि समय रहते स्थिति को संभाल लिया गया और कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। घटना से ट्रेन के संचालन में केवल थोड़ी देर की देरी हुई, लेकिन यात्रियों में जो घबराहट फैली, वह काफी गंभीर थीइस पूरी घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर सिस्टम अचानक क्यों सक्रिय हुआ। क्या यह किसी तकनीकी खराबी का परिणाम था, या फिर मेंटेनेंस की कमी इसका कारण बनी? इन सवालों के उत्तर खोजने के लिए रेलवे प्रशासन ने तुरंत जांच के आदेश दे दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि सिस्टम के सक्रिय होने के पीछे वास्तविक वजह क्या थी। यह घटना इस बात की ओर भी इशारा करती है कि सुरक्षा उपकरणों की नियमित जांच और रखरखाव बेहद जरूरी है। अगर यह सिस्टम वास्तविक आग लगने की स्थिति में काम करता है तो यात्रियों की जान बचा सकता है, लेकिन अगर यह बिना वजह सक्रिय हो जाए तो यात्रियों में भय और अव्यवस्था पैदा कर सकता है। इसलिए रेलवे को चाहिए कि इस तरह के उपकरणों का समय-समय पर परीक्षण हो और उनकी विश्वसनीयता सुनिश्चित की जाए। संक्षेप में कहा जाए तो पटना तेजस राजधानी एक्सप्रेस की यह घटना यात्रियों के लिए दहशत भरी जरूर रही, लेकिन इससे बड़ा नुकसान नहीं हुआ। सिस्टम की गड़बड़ी समय रहते पकड़ में आ गई और ट्रेन सुरक्षित अपने गंतव्य की ओर रवाना हो सकी। हालांकि, यह घटना रेलवे प्रशासन के लिए चेतावनी है कि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए तकनीकी निगरानी और सुधार पर और अधिक ध्यान देना होगा।


