September 6, 2025

पटना में शॉर्ट सर्किट फैक्ट्री में लगी भीषण आग, मची अफरा-तफरी, बचाए गए 15 लोग

पटना। राजधानी पटना के फतुहा थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर गांव में शुक्रवार को उस समय हड़कंप मच गया जब शाह फॉर्म्स नामक थर्माकोल फैक्ट्री में अचानक भीषण आग लग गई। आग इतनी तेजी से फैली कि देखते ही देखते पूरी फैक्ट्री जलती लपटों में घिर गई और चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों के मुताबिक आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। घटना शुक्रवार दोपहर करीब 12:56 बजे की है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आग की लपटें इतनी ऊंची थीं कि दो किलोमीटर दूर से भी साफ दिखाई दे रही थीं। फैक्ट्री में उस समय कई मजदूर मौजूद थे, जो अपनी-अपनी जगह पर काम कर रहे थे। जैसे ही शॉर्ट सर्किट के कारण आग भड़की, मजदूरों में भगदड़ मच गई। कई मजदूरों ने आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन थर्माकोल और अन्य ज्वलनशील सामग्री की मौजूदगी के कारण आग तेजी से फैलती चली गई। मजबूरन मजदूरों को फैक्ट्री से बाहर भागकर अपनी जान बचानी पड़ी। हालांकि, राहत की बात यह रही कि समय रहते सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। कुल 15 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर लाया गया। घटना की जानकारी मिलते ही फतुहा थाना पुलिस हरकत में आ गई। प्रभारी थानाध्यक्ष धर्मेंद्र प्रसाद और एसडीपीओ अवधेश प्रसाद अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। थोड़ी ही देर में दमकल की 9 गाड़ियां भी घटनास्थल पर पहुंच गईं और आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू कर दिया। ग्रामीणों की भारी भीड़ भी फैक्ट्री के बाहर जमा हो गई थी, जिससे मौके पर और अधिक अफरातफरी का माहौल बन गया। जिला अग्निशमन पदाधिकारी मनोज नट ने बताया कि जैसे ही 12:56 बजे सूचना प्राप्त हुई, तुरंत फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भेजी गईं। आग बुझाने के दौरान बड़ी सतर्कता बरतनी पड़ी क्योंकि फैक्ट्री परिसर से 425 किलो ग्राम के 30 बड़े एलपीजी सिलेंडर मौके से बरामद किए गए। इन सिलेंडरों को सुरक्षित स्थान पर हटाया गया। अधिकारियों के अनुसार, यदि इनमें से किसी एक सिलेंडर में भी विस्फोट हो जाता तो स्थिति भयावह रूप ले सकती थी और आसपास के गांवों तक खतरा फैल सकता था। स्थानीय प्रशासन की तत्परता और दमकल विभाग के त्वरित कार्रवाई की वजह से आग पर धीरे-धीरे नियंत्रण पाया गया। हालांकि, इस हादसे में किसी की जान नहीं गई है, लेकिन फैक्ट्री को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है। थर्माकोल निर्माण में प्रयुक्त मशीनें, कच्चा माल और तैयार थर्मोकोल का बड़ा स्टॉक पूरी तरह जलकर खाक हो गया। अनुमान है कि नुकसान लाखों रुपये का हो सकता है, हालांकि सटीक आकलन अभी बाकी है। फतुहा एसडीपीओ अवधेश प्रसाद ने बताया कि पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। शॉर्ट सर्किट से लगी आग की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन फिर भी सभी तकनीकी पहलुओं की जांच की जा रही है। वहीं, स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन कराया जाए, क्योंकि इस प्रकार की घटनाएं मजदूरों और स्थानीय लोगों की जान के लिए कभी भी खतरा बन सकती हैं। गांव के लोगों का कहना है कि मौके पर दमकल की गाड़ियां समय से नहीं पहुंचतीं तो फैक्ट्री के साथ-साथ आसपास की कई बस्तियां भी आग की चपेट में आ सकती थीं। ग्रामीणों ने दमकल विभाग और प्रशासन का आभार जताया कि समय रहते स्थिति को संभाल लिया गया। फिलहाल, फैक्ट्री परिसर को पुलिस ने घेराबंदी कर दिया है। अग्निशमन विभाग की टीम अभी भी मौके पर मौजूद है और धधकते हिस्सों को बुझाने का कार्य किया जा रहा है। अग्निशमन पदाधिकारी मनोज नट ने कहा कि इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि फैक्ट्रियों में फायर सेफ्टी उपकरण और सुरक्षा इंतजाम बेहद जरूरी हैं। अगर फैक्ट्री प्रबंधन समय पर सुरक्षा मानकों का पालन करता तो इतना बड़ा हादसा शायद टल सकता था। पटना की इस घटना ने न केवल फैक्ट्री मालिक और मजदूरों को, बल्कि पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। यह हादसा एक बड़ी चेतावनी है कि औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा उपायों की अनदेखी सीधे-सीधे बड़े हादसों को दावत देती है। प्रशासन अब इस पर गंभीरता से जांच कर रहा है ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को टाला जा सके।

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