October 28, 2025

दिवाली पर पटना के दो जगह पर आग लगने से अफरा-तफरी, फायर ब्रिगेड ने समय रहते पाया काबू

पटना। दीपावली का पर्व खुशियों, रोशनी और उत्सव का प्रतीक है, लेकिन इस दिन लापरवाही या छोटी सी गलती कभी-कभी बड़ी दुर्घटनाओं में बदल जाती है। राजधानी पटना में दीपावली की रात ऐसा ही नजारा देखने को मिला जब दो अलग-अलग जगहों पर आग लगने की घटनाओं से हड़कंप मच गया। हालांकि, फायर ब्रिगेड की तत्परता और सक्रियता के कारण दोनों ही स्थानों पर समय रहते आग पर काबू पा लिया गया और कोई जनहानि नहीं हुई।
डाकबंगला चौराहा पर लगी आग
पहली घटना शहर के व्यस्ततम इलाके डाक बंगला चौराहा स्थित हरि निवास कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स की है। दीपावली की रात कॉम्प्लेक्स की दूसरी मंजिल पर स्थित एक लैपटॉप की दुकान से अचानक धुआं उठने लगा। आसपास के लोगों ने जब दुकान के शटर से धुआं निकलते देखा, तो तुरंत अग्निशमन विभाग को सूचना दी। सूचना मिलते ही डाक बंगला चौराहा पर तैनात एक दमकल गाड़ी मौके पर पहुंची। लेकिन आग तेजी से फैल रही थी, इसलिए कुल पांच दमकल गाड़ियों को बुलाया गया। फायर फाइटर्स ने हाई ड्रॉलिक मशीन का उपयोग करते हुए दुकान का शटर तोड़ा और अंदर प्रवेश कर आग बुझाने का काम शुरू किया। कई घंटे की मशक्कत के बाद आखिरकार आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया।
आग लगने का संभावित कारण
प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई गई कि आग दीपावली के दिन दुकान बंद करते समय जलाए गए दीपक या फिर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी। चूंकि घटना के समय दुकान बंद थी, इसलिए किसी के घायल होने की सूचना नहीं मिली। विभाग के अनुसार, दुकान में रखे कुछ लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक सामान जल गए, जिससे आंशिक आर्थिक नुकसान हुआ।
दूसरी घटना करबिगहिया में
दीपावली की रात दूसरी आग की घटना करबिगहिया थाना क्षेत्र में हुई, जहां एक कबाड़ी की दुकान में अचानक आग भड़क उठी। बताया गया कि पास में पटाखे फोड़ रहे बच्चों की चिंगारी उड़कर दुकान में रखे ज्वलनशील सामान पर गिर गई, जिससे आग फैल गई। घनी आबादी वाले इस क्षेत्र में आग लगते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। स्थिति को देखकर इलाके में कुछ समय के लिए अफरा-तफरी मच गई। लेकिन फायर ब्रिगेड की टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर आग पर नियंत्रण पा लिया। कुछ ही मिनटों में लपटों को पूरी तरह बुझा दिया गया और आसपास के घरों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ।
दमकल विभाग की सतर्कता और तैयारी
दीपावली के अवसर पर पटना अग्निशमन विभाग ने पहले से ही विशेष सतर्कता बरती थी। शहर में पटाखों और दीयों से आग लगने की आशंका को देखते हुए विभाग ने सभी कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी थीं। संभावित खतरे वाले इलाकों और प्रमुख बाजारों में दमकल गाड़ियां और टीमें तैनात की गई थीं। अस्पतालों, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को भी अलर्ट पर रखा गया था ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। कमांडेंट ने बताया कि इसी त्वरित तैयारी का परिणाम था कि जैसे ही आग की सूचना मिली, दमकल गाड़ियां कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर पहुंचीं और रिकॉर्ड समय में आग पर काबू पा लिया गया। यदि यह तत्परता नहीं दिखाई जाती, तो दोनों जगहों पर बड़े हादसे हो सकते थे।
प्रशासन की अपील और संदेश
फायर ब्रिगेड कमांडेंट ने लोगों से अपील की कि दीपावली जैसे त्योहारों पर विद्युत उपकरणों, दीयों और पटाखों का इस्तेमाल करते समय विशेष सावधानी बरतें। उन्होंने कहा कि दीपक जलाने के बाद उन्हें खुले स्थान पर न छोड़ें और पटाखे जलाते समय बच्चों की सुरक्षा पर खास ध्यान दें। उन्होंने यह भी कहा कि “हमारी प्राथमिकता यह है कि किसी की खुशियों में कोई खलल न पड़े और पटना सुरक्षित रहे।”
राहत की सांस और सीख
इन दोनों घटनाओं के बाद लोगों ने राहत की सांस ली कि कोई जनहानि नहीं हुई और आग पर समय रहते काबू पा लिया गया। इस घटना ने लोगों को यह संदेश भी दिया कि उत्सव के समय थोड़ी-सी लापरवाही बड़ी विपत्ति में बदल सकती है। दीपावली जैसे त्योहारों पर सजावट और आनंद के साथ-साथ सुरक्षा का ध्यान रखना भी उतना ही आवश्यक है। पटना में दीपावली की रात घटी ये दोनों घटनाएं चेतावनी के रूप में सामने आई हैं कि रोशनी के इस पर्व में सुरक्षा सर्वोपरि है। फायर ब्रिगेड की मुस्तैदी ने शहर को बड़े हादसे से बचा लिया, लेकिन यह घटना सभी नागरिकों के लिए सबक है कि त्योहार की खुशी तभी सार्थक है जब वह सुरक्षित हो। सावधानी और सजगता के साथ मनाई गई दीपावली ही वास्तव में रोशनी और मंगल का प्रतीक बन सकती है।

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