फिर धोखा दे गई बिहार पुलिस की राइफलें,शहीद के सम्मान में सीआरपीएफ ने बचाई प्रतिष्ठा,सलामी फायर के दौरान हुई घटना

भोजपुर।आरा में शहीद के सम्मान में जब बिहार पुलिस के जवान सलामी दाग रहे थे उस वक्त बिहार पुलिस के बंदूकों ने फिर धोखा दे दिया।जवान कोशिश करते रहे मगर एक भी गोली ना चली।इसके पूर्व भी पूर्व मुख्यमंत्री स्व-जगन्नाथ मिश्रा के सम्मान में भी बिहार पुलिस के राइफलों ने धोखा दे दिया था।आज फिर उसी घटना की पुनरावृति आरा में शहीद रमेश रंजन के अंत्येष्टि के वक्त हुई।जम्मू कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए सीआरपीएफ के जवान रमेश रंजन को आज नम आंखों से विधाई दी गई।सैन्य सम्मान के साथ आरा में शहीद रमेश रंजन पंचतत्व में विलीन हुए। इस मौके पर एक बार फिर से बिहार पुलिस की काफी किरकिरी हुई।क्योंकि जब शहीद जवान को सलामी दी जा रही थी।उस दौरान बिहार पुलिस के जवान ट्रिगर दबाते रह गए।लेकिन उनके बंदूक से गोलियां नहीं निकलीं।शहीद रमेश रंजन को सीआरपीएफ के जवानों ने 5 बार इंसास रायफल से फायरिंग कर सलामी दी। इस दौरान सारे बुलेट फायर हुए।लेकिन सलामी के समय बिहार पुलिस के जवान भी थे। वे ट्रिगर दबाते-दबाते थक गए लेकिन हैरानी की बात है कि बुलेट फायर ही नहीं हुए। बिहार पुलिस की नाकामयाबी एक बार फिर से लोगों के सामने आई। क्योंकि बिहार पुलिस के बंदूक से महज 2 ही बुलेट फायर हुए

इससे पहले हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.जगन्नाथ मिश्रा की अंत्येष्टि से पहले गार्ड ऑफ ऑनर देने में पुलिस की 21 राइफलों से एक भी बुलेट फायर नहीं हुई थी।पिछले साल अगस्त में डॉ.जगन्नाथ मिश्रा की अंत्येष्टि के दौरान सम्मान में 21 पुलिस जवानों को 10-10 राउंड फायर करने थे। यानी, कुल 210 बुलेट छोड़ी जानी थीं. लेकिन उस वक्त भी ट्रिगर दबाते-दबाते जवान थक गए।मगर गोलिया नहीं चली।