सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति से संसद भवन का उद्घाटन कराने के लिए याचिका दायर, SC के वकील ने डाली याचिका

नई दिल्ली। नई संसद के उद्घाटन का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर भारत के राष्ट्रपति द्वारा नई संसद का उद्घाटन करने के लिए लोक सभा सचिवालय और भारत सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट के वकील सीआर जया सुकिन ने ये याचिका दाखिल की है। इसमें कहा गया है, ”उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को शामिल नहीं करके भारत सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है। ऐसा करके संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है। याचिका में कहा गया है कि संसद भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है। भारतीय संसद में राष्ट्रपति और दो सदन (राज्यों की परिषद) राज्यसभा और जनता का सदन लोक सभा शामिल हैं।  राष्ट्रपति के पास किसी भी सदन को बुलाने और सत्रावसान करने की शक्ति है। साथ ही संसद या लोकसभा को भंग करने की शक्ति भी राष्ट्रपति के पास है। इतना ही नहीं सीआर जया सुकिन ने अपनी याचिका में कहा की राष्ट्रपति संसद का एक अभिन्न अंग हैं। लेकिन राष्ट्रपति को शिलान्यास समारोह से दूर रखा गया और अब वो उद्घाटन समारोह का हिस्सा नहीं है, सरकार का यह फैसला उचित नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इस पर जमकर सियासत हो रही है। तमाम विपक्षी दल केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि देश की संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों होना चाहिए, प्रधानमंत्री के हाथों नहीं। इतना ही नहीं अब तक 19 विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह के बायकॉट का ऐलान भी किया है।

इन दलों में कांग्रेस, डीएमके (द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम), आप, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), समाजवादी पार्टी, भाकपा, झामुमो, केरल कांग्रेस (मणि), विदुथलाई चिरुथिगल कच्ची, रालोद, टीएमसी, जदयू, एनसीपी, सीपीआई (एम), आरजेडी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, नेशनल कॉन्फ्रेंस, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और मरुमलार्ची द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (एमडीएमके) शामिल हैं। वही हालांकि, तमाम दलों ने नई संसद को देश के लिए जरूरी बताते हुए कार्यक्रम में शामिल होने की बात कही है। पंजाब की राजनीतिक पार्टी अकाली दल ने इस कार्यक्रम में शामिल होने का ऐलान किया है। इसके अलावा ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल भी इस उद्घाटन समारोह का हिस्सा होने जा रही है। वहीं जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी भी इस कार्यक्रम में शामिल होगी। इसके अलावा मायावती की पार्टी बसपा भी इस समारोह का हिस्सा होने वाली है।

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