November 28, 2025

पटना में फर्नीचर की दुकान में लगी भीषण आग, 30 लाख का सामान जला, ढाई घंटे में फायर ब्रिगेड ने पाया काबू

पटना। जिले के बाढ़ अनुमंडल अंतर्गत दरियापुर गांव में गुरुवार देर रात एक बड़ा हादसा सामने आया, जब एक फर्नीचर दुकान में अचानक भीषण आग लग गई। तेज लपटों और धुएं ने पूरे इलाके में दहशत पैदा कर दी। इस हादसे में दुकान का लगभग पूरा सामान जलकर नष्ट हो गया और करीब 20 से 30 लाख रुपये की क्षति होने की बात सामने आई है।
देर रात अचानक लगी आग
जानकारी के अनुसार, यह दुकान अब्दुल अहद की है, जो सोफा और सीट रिपेयरिंग का काम करते हैं। अब्दुल अहद ने बताया कि रात में दुकान बंद होने के बाद सभी लोग घर जा चुके थे। रात करीब डेढ़ बजे जब वह खुद सोने जा रहे थे, तभी उन्हें जलने की तेज गंध आई। संदेह होने पर जब वे बाहर आए तो देखा कि दुकान के अंदर आग की लपटें उठ रही थीं। उन्होंने तुरंत फायर स्ट्रिंगर की मदद से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही मिनटों में पूरी दुकान आग की चपेट में आ गई।
दुकान में फंसा युवक, ग्रामीणों ने बचाई जान
आग लगने के समय दुकान के अंदर रेहान नाम का एक युवक सो रहा था। आग फैलते ही वह अंदर फंस गया, लेकिन मौके पर पहुंचे स्थानीय लोगों ने किसी तरह दरवाजा तोड़कर उसे सुरक्षित बाहर निकाला। स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ सेकेंड की देरी होती तो उसकी जान बचाना मुश्किल हो जाता। घटना के बाद गांव में अफरा-तफरी का माहौल बन गया था।
देखते ही देखते सबकुछ जलकर हुआ राख
दुकान में तैयार सोफा, सीट, महंगे फर्नीचर, कच्चा माल, मशीनें और ग्राहकों का रखा हुआ सामान मौजूद था। कुछ ही समय में आग ने इतना विकराल रूप ले लिया कि एक भी सामान सुरक्षित नहीं बच सका। मोहम्मद रिजवान ने बताया कि दुकान में रखे सामान का बड़ा हिस्सा ग्राहकों का था और अब उन्हें यह समझ नहीं आ रहा कि वे नुकसान की भरपाई कैसे करेंगे। स्थानीय लोग लगातार पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन आग की तीव्रता इतनी अधिक थी कि उस पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका।
दमकल की चार टीमें मौके पर पहुंचीं
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और अग्निशमन विभाग सक्रिय हो गए। आग इतनी भयानक थी कि बाढ़, हाथीदह, मरांची और मोकामा में तैनात दमकल वाहनों को बुलाना पड़ा। कुल मिलाकर चार एमटी फायर टेंडर और एक बड़ी गाड़ी की मदद से करीब ढाई घंटे की कड़ी मेहनत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। दमकल कर्मियों ने आसपास की दुकानों और घरों में भी निगरानी रखी, ताकि आग फैल न सके और कोई अन्य नुकसान न हो।
आग लगने के पीछे संदेह
दुकानदार अब्दुल अहद ने आशंका जताई है कि आग किसी दुर्घटना से नहीं लगी, बल्कि जानबूझकर लगाई गई है। उन्होंने बताया कि पास में एक शादी समारोह चल रहा था, और कुछ युवकों ने मस्ती-मजाक के दौरान दुकान के पास आतिशबाजी की थी। दुकानदार का कहना है कि इन्हीं युवकों ने आग लगाने में भूमिका निभाई होगी, क्योंकि दुकान के बाहर आतिशबाजी के अवशेष भी मिले हैं। हालांकि पुलिस इस मामले में जांच कर रही है और अब तक किसी की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
अनुमंडल अग्निशमन पदाधिकारी ने बताया कि सूचना मिलते ही वे अपनी टीम और दमकल वाहनों के साथ मौके पर पहुंच गए थे। उन्होंने कहा कि आग बुझाने में समय ज्यादा इसलिए लगा क्योंकि फर्नीचर, गद्दे, फोम और लकड़ी जैसी सामग्री से आग तेजी से भड़क गई थी। दमकल विभाग ने पूरी कोशिश की कि आग आसपास के घरों तक न फैले, क्योंकि क्षेत्र काफी घनी आबादी वाला है।
स्थानीय लोगों में भय और चिंता
घटना के बाद से ही इलाके में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि बाजार क्षेत्र में अग्निशामक सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। लोगों का कहना है कि यदि समय पर पुलिस और दमकल की गाड़ियाँ नहीं पहुंची होतीं तो आग फैलकर बड़े नुकसान का कारण बन सकती थी। बाढ़ अनुमंडल में देर रात लगी यह आग स्थानीय व्यवसायी के लिए भारी क्षति लेकर आई है। लगभग 30 लाख रुपये का नुकसान होने से जहां अब्दुल अहद और उनके परिवार पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है, वहीं आसपास के लोग भी इस घटना से दहशत में हैं। पुलिस आग लगने के वास्तविक कारणों की जांच कर रही है। यह घटना स्पष्ट रूप से बताती है कि बाजार और व्यावसायिक क्षेत्रों में फायर सेफ्टी के सख्त मानक लागू करना अत्यंत जरूरी है।

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