दरभंगा में कलयुगी पिता ने 13 वर्षीय बेटी से किया दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार

दरभंगा। बिहार के दरभंगा जिले में एक सनसनीखेज और शर्मनाक घटना सामने आई है, जहाँ एक पिता ने अपनी ही 13 वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म किया। यह घटना मनीगाछी थाना क्षेत्र में हुई है। पीड़िता अपनी बुआ के घर पर रहती थी, क्योंकि उसके पिता के जेल जाने के बाद उसकी पढ़ाई-लिखाई में दिक्कतें आने लगी थीं। उसकी बुआ ही उसे पढ़ा-लिखा रही थी।
घटना की जानकारी
बुधवार को आरोपी पिता अपनी बेटी को लेने उसकी बुआ के घर गया और उसे घर चलने के लिए कहा। पीड़िता उसके साथ पैदल ही घर की ओर चल पड़ी। रास्ते में लगभग 2 किलोमीटर चलने के बाद आरोपी ने एक सुनसान जगह देखकर अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म किया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीड़िता ने काफी विरोध किया, लेकिन आरोपी ने उसकी एक न सुनी।
मामले की रिपोर्टिंग और गिरफ्तारी
दुष्कर्म के बाद पीड़िता अपने पिता के साथ घर पहुँची और उसने तुरंत यह बात अपनी माँ को बताई। शुरू में माँ सामाजिक बदनामी के डर से चुप रही, लेकिन बाद में हिम्मत करके बेटी को लेकर थाने पहुँची। हालाँकि घटना बुधवार को हुई थी, लेकिन एफआईआर दर्ज करने और आरोपी को गिरफ्तार करने में समय लगा। गुरुवार को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी का आपराधिक इतिहास
पुलिस के अनुसार, आरोपी पहले भी इसी तरह के जघन्य अपराध में शामिल रह चुका है। 6 साल पहले उसने एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया था, जिसके लिए उसे 6 साल की जेल हुई थी। पिछले साल अक्टूबर में उसे जमानत मिली थी। जमानत के बाद वह दिल्ली नहीं गया, बल्कि दरभंगा में ही भाड़े की गाड़ी चलाने का काम करने लगा।
पीड़िता की हालत और मेडिकल जाँच
पीड़िता की मेडिकल जाँच के लिए उसे दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (डीएमसीएच) भेजा गया है। वहीं, आरोपी को भी मेडिकल जाँच के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस मामले की गहन जाँच कर रही है और पॉक्सो एक्ट सहित अन्य कड़े कानूनी धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
एसडीपीओ आशुतोष कुमार ने बताया कि आरोपी का आपराधिक इतिहास पहले से ही खराब है। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि 2017 में भी आरोपी पर इसी तरह का आरोप लगा था, जिसमें उसे सजा हुई थी।
समाज के लिए चेतावनी
यह घटना न केवल कानून और व्यवस्था के लिए एक गंभीर चुनौती है, बल्कि समाज के नैतिक पतन को भी दर्शाती है। ऐसे मामलों में त्वरित न्याय और पीड़िता को सही सहायता मिलना बेहद जरूरी है। साथ ही, समाज को भी ऐसे अपराधियों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
