September 17, 2025

बिहार में तेजी से घट रहा लिंगानुपात, मुजफ्फरपुर से सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

  • बिहार में लिंगानुपात 100 पुरुषों पर 908 महिलाओं पर पहुंचा, मुजफ्फरपुर और सारण की स्थिति सबसे खराब

पटना। बालिका जन्म दर बढ़ाने के बिहार सरकार के तमाम प्रयासों और प्रोत्साहनों के बावजूद बिहार में बेटियों की संख्या निरंतर कम हो रही है। लिंगानुपात का यह खतरनाक ट्रेंड दिखाता है कि राज्य में बेटियों के संख्या में भारी गिरावट आई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 4 के अनुसार बिहार में प्रति 1000 पुरुष पर 934 कन्या अनुपात था जो राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 में घटकर 1,000 पुरुषों पर 908 हो गया है। बिहार में जहाँ बालिका जन्मदर में कमी आई है वहीं राष्ट्रीय औसत में सुधार हुआ है और यह एनएफएचएस-4 के 919 से बढ़कर एनएफएचएस-5 में 929 हो गया है। वहीं बिहार में मुजफ्फरपुर में सबसे चिंताजनक स्थिति है। यहां एनएफएचएस-5 के आंकड़ों के अनुसार प्रति 1,000 पुरुषों पर केवल 685 लड़कियों का खतरनाक आंकड़ा दिखाया जबकि एनएफएचएस-4 में यह संख्या 930 थी। मुजफ्फरपुर के बाद दूसरा सबसे खराब सारण का है। सारण में एनएफएचएस-4 के 976 की तुलना में एनएफएचएस-5 में बच्चियों की संख्या 779 हो गई है। दरभंगा, मधुबनी, पूर्वी चंपारण और समस्तीपुर में भी लिंगानुपात में बड़ी गिरावट है। दरभंगा के आंकड़े में लिंगानुपात 982 से गिरकर 812, मधुबनी में 954 से 805 जबकि पूर्वी चंपारण और समस्तीपुर में 159 की संख्या से गिरावट आई है।

लिंगानुपात में आ रही गिरावट के पिछले मूल कारण कन्या भ्रूण हत्या है। राज्य में हर जिले में अवैध रूप से चल रहे अल्ट्रासाउंड केंद्रों के साथ-साथ पीएनडीटी एक्ट का पालन नहीं करने वालों पर नकेल कसने की जरूरत है। इससे कन्या भ्रूण हत्या को रोका जा सकता है। बेटियों का जन्म दर बढ़ाने के लिए कई ऐसे प्रयास और जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी लिंगानुपात में कन्या जन्मदर में कमी आना गंभीर चिंता का विषय है। बिहार में लिंगानुपात में कमी आई है तो दूसरी ओर कन्या भ्रूण हत्या के लिए कुख्यात हरियाणा में बेटियों का जन्मडर प्रति 1000 पुरुष पर 836 से बढ़कर 893 हुआ है। इसी तरह राष्ट्रीय स्तर पर भी एनएफएचएस-4 के 919 से बढ़कर एनएफएचएस-5 में 929 कन्या दर हो गया है। वहीं बिहार में यह आंकड़ा घट गया है। यहां तक कि बिहार में समस्तीपुर में जहाँ पिछली बार बेटियों की संख्या प्रति 1000 पुरुष पर 1049 थी वह इस बार घटकर 890 हो गई है।

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