किशनगंज में अवैध घुसपैठियों का फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का खुलासा, युवक गिरफ्तार
किशनगंज। बिहार के किशनगंज जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। यह गिरोह विशेष रूप से बांग्लादेश से भारत में अवैध रूप से घुसपैठ करने वालों को भारतीय पहचान देने के उद्देश्य से सक्रिय था। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गिरोह से जुड़े एक युवक को गिरफ्तार किया है और उसके कब्जे से कई आपत्तिजनक दस्तावेज व इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं।
गिरफ्तार युवक और बरामद सामान
गिरफ्तार युवक की पहचान अशराफुल के रूप में की गई है, जो किशनगंज जिले के जियापोखर थाना क्षेत्र के गिलहाबारी गांव का निवासी है। पुलिस ने उसके घर पर छापेमारी के दौरान एक लैपटॉप, एक स्कैनर, एक प्रिंटर, डेटा केबल, मोबाइल फोन (जिसमें एक एयरटेल और एक नेपाली सिम कार्ड लगा हुआ था), लाल रंग की मोहर, दस रुपये के तीन नेपाली नोट, आधार पंजीकरण के लिए प्रयुक्त 15 इंडोलमेंट स्लिप और एक चार पहिया वाहन बरामद किया है।
घुसपैठियों को देने वाला था वैधता का नकली आधार
पुलिस अधीक्षक सागर कुमार ने प्रेसवार्ता में जानकारी दी कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि यह गिरोह बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में अवैध रूप से प्रवेश करवाकर उनके लिए फर्जी आधार कार्ड तैयार करवा रहा था। आधार कार्ड जैसी संवेदनशील और प्रमाणिक दस्तावेज को जाली तरीके से बनाना न केवल सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक है, बल्कि यह देश की आंतरिक व्यवस्था को भी प्रभावित कर सकता है।
गिरोह में कई लोगों की संलिप्तता
एसपी ने बताया कि अब तक चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इनमें अशराफुल के साथ-साथ दो अन्य लोगों की पहचान भी की गई है, जिनमें से एक का नाम जमाल और दूसरे का नाम पंकज बताया गया है। जमाल इस गिरोह का मुख्य संचालक प्रतीत हो रहा है, जबकि पंकज सहायक भूमिका निभा रहा था। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।
गिरोह की विस्तृत जांच जारी
पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है और यह जानने का प्रयास कर रही है कि गिरोह ने अब तक कितने लोगों को फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं। साथ ही यह भी जांच का विषय है कि क्या गिरोह का नेटवर्क सीमापार यानी बांग्लादेश तक फैला हुआ है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि बांग्लादेश में इस नेटवर्क से जुड़े कौन-कौन लोग हैं।
फेक दस्तावेज तैयार करने वालों पर सख्त नजर
एसपी सागर कुमार ने कहा कि ऐसे मामलों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस उन लोगों पर विशेष नजर रखेगी जो आर्थिक लाभ के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में कोई व्यक्ति इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त न हो। किशनगंज में हुआ यह खुलासा न केवल राज्य की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक चेतावनी है, बल्कि यह दर्शाता है कि अवैध घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों का नेटवर्क धीरे-धीरे गंभीर खतरे का रूप लेता जा रहा है। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है। यह मामला एक उदाहरण है कि कैसे तकनीक का दुरुपयोग कर राष्ट्रविरोधी गतिविधियां संचालित की जा सकती हैं और उन्हें समय रहते पकड़ना कितना आवश्यक है।


