देवेंद्र फडणवीस होंगे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री, चुने गए विधायक दल के नेता, सरकार बनाने का पेश करेंगे दावा

मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के 11 दिन बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल ने देवेंद्र फडणवीस को सर्वसम्मति से अपना नेता चुना है। यह निर्णय महायुति (भाजपा और सहयोगी दलों का गठबंधन) की एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद लिया गया। इस बैठक में चंद्रकांत पाटिल और सुधीर मुनगंटीवार ने देवेंद्र फडणवीस के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका पंकजा मुंडे ने समर्थन किया। देवेंद्र फडणवीस, जो इससे पहले भी मुख्यमंत्री रह चुके हैं, भाजपा के भरोसेमंद और प्रभावी नेता माने जाते हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी ने महाराष्ट्र में मजबूत स्थिति बनाई है। विधायक दल द्वारा फडणवीस को नेता चुने जाने के साथ ही महाराष्ट्र में सरकार गठन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। महायुति की बैठक में डिप्टी मुख्यमंत्री पद के लिए दो नाम फाइनल किए गए हैं। इनमें शिवसेना (शिंदे गुट) के एकनाथ शिंदे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजित पवार शामिल हैं। यह संतुलन महायुति के विभिन्न दलों के बीच शक्ति वितरण को दर्शाता है। मुख्यमंत्री और दोनों डिप्टी सीएम 5 दिसंबर को राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। शपथ ग्रहण समारोह भी 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित किया जाएगा। इस समारोह में मुख्यमंत्री और दोनों डिप्टी सीएम शपथ लेंगे। हालांकि, मंत्रिमंडल में शामिल अन्य मंत्रियों की शपथ को लेकर अभी स्पष्टता नहीं है। देवेंद्र फडणवीस के फिर से मुख्यमंत्री बनने और दो डिप्टी सीएम के चयन से भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने यह संदेश दिया है कि वे मिलकर महाराष्ट्र में स्थिर और प्रभावी सरकार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस घटनाक्रम ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई दिशा की ओर इशारा किया है। फडणवीस के नेतृत्व में बनने वाली यह सरकार राज्य के सामने मौजूद चुनौतियों को हल करने और जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाएगी। विजय रूपाणी भी मंगलवार को ही मुंबई आ गए थे। उन्होंने कहा था कि बुधवार की बैठक में सबकी राय लेंगे, उसके बाद ही फैसला किया जाएगा। महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आए थे। महायुति यानी भाजपा-शिवसेना शिंदे- एनसीपी पवार को 230 सीटों का भारी बहुमत मिला। हालांकि, भाजपा की ओर से देवेंद्र फडणवीस का सीएम बनना तय माना जा रहा है। महायुति यानी भाजपा, शिवसेना शिंदे और एनसीपी में एक सीएम और दो डिप्टी सीएम का फॉर्मूला तय किया गया है। बीजेपी के 19, एनसीपी के 7 और शिवसेना के 5 नेता शपथ ले सकते हैं। शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के पास ही गृह मंत्रालय था। वो इस मंत्रालय को छोड़ना नहीं चाहते हैं। वहीं शिंदे गुट का तर्क है कि अगर डिप्टी सीएम का पद हमें मिल रहा है तो गृह मंत्रालय भी उन्हें ही मिलना चाहिए। शाह के साथ बैठक में भी इसका हल नहीं निकल पाया। पहले गृह मंत्रालय देवेंद्र फडणवीस के पास था। माना जा रहा है कि इस विवाद के चलते शाह की बैठक में कैबिनेट गठन पर कोई समाधान नहीं निकल सका। एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि बीजेपी गृह मंत्री का पद कभी हाथ से नहीं जाने देगी। भाजपा गृह, राजस्व, उच्च शिक्षा, कानून, ऊर्जा, ग्रामीण विकास अपने पास रखना चाहती है। उन्होंने शिवसेना को हेल्थ, शहरी विकास, सार्वजनिक कार्य, उद्योग ऑफर किया है। वहीं एनसीपी अजित गुट को वित्त, योजना, सहयोग, कृषि जैसे विभाग देने की पेशकश की है।
