भागलपुर पुल मामले में कार्यपालक अभियंता निलंबित, निर्माण कंपनी को नोटिस जारी

पटना। भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहे पुल के गिरने के मामले में राज्य सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। सरकार ने कार्यपालक अभियंता को सस्पेंड कर दिया है। वहीं पुल निर्माण कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। साथ ही 15 दिनों के अंदर गंगा में गिरे पुल को मलबे को हटाने का निर्देश एजेंसी को दिया गया है। इसके अलावे बिहार राज्य पुलिस निर्माण निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर नीरज सक्सेना को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नीरज सक्सेना से यह पूछा गया है कि दूसरी बार पुल कैसे गिरा? पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि अगुवानी पुल हादसे को सरकार ने गंभीरता से लिया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद जल्द से जल्द पुल का निर्माण कराया जाएगा। विभाग के कार्यपालक अभियंता को निलंबित किया गया है। वही पुल निर्माण से जुड़े दो इंजीनियरों को भी वापस बुला लिया गया है। विभाग बारीकी से तथ्यों को देख रहा है। उन्होंने बताया कि आईआईटी रुड़की की टीम और संवेदक से भी जानकारियां जुटाई गई हैं। इस मामले की जांच 2 सदस्यीय टीम कर रही है। अब नए सिरे से डीपीआर तैयार होगा और पुल का निर्माण किया जाएगा। बिहार में गंगा नदी पर बन रहा 1716 करोड़ का पुल रेत की दीवार की तरह ध्वस्त हो गया। गंगा नदी पर भागलपुर के सुल्तानगंज से खगड़िया के अगुवानी के बीच बन रहा फोरलेन पुल ऐसे ढ़हा जैसे इसे ताश के पत्तों से खड़ा किया गया था। पिछले साल इसी पुल का स्ट्रक्चर ध्वस्त हो गया था। 2014 से ही बन रहे इस पुल को पूरा करने की समय सीमा 6 दफे फेल हो चुकी थी। 4 जून को पूरा पुल अचानक ध्वस्त हो गया। 6 बार पुल को पूरा करने की समयसीमा फेल होने के बाद बिहार सरकार ने एलान किया था कि इसी महीने यानि जून 2023 में पुल का काम पूरा हो जायेगा। लेकिन पुल पूरा नहीं हुआ बल्कि पूरी तरह ध्वस्त हो गया।

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