November 18, 2025

समस्तीपुर के बिजली विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के 6 ठिकानों पर ईओयू की छापेमारी, पटना समेत कई जगहों पर कार्रवाई, मचा हड़कंप

पटना। बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार चल रही कार्रवाई के बीच बुधवार को आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने समस्तीपुर में तैनात बिजली विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर विवेकानंद के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। यह कार्रवाई विवेकानंद की कथित अवैध संपत्ति और वित्तीय गड़बड़ी से जुड़े मामलों को लेकर की जा रही है। सुबह से शुरू हुई इस छापेमारी ने न सिर्फ समस्तीपुर बल्कि पटना और सीवान तक हड़कंप मचा दिया है।
छापेमारी की शुरुआत
ईओयू की टीम ने बुधवार सुबह एक साथ पटना, समस्तीपुर और सीवान में विवेकानंद के कुल छह ठिकानों पर छापा मारा। जैसे ही टीम समस्तीपुर पहुंची, वह कुछ थैले और दस्तावेजों से संबंधित सामान लेकर घर में दाखिल हुई। बताया गया कि इस कार्यवाही के दौरान मौके पर घर में कैश मिलने की संभावना जताई गई थी। वहीं सीवान में विवेकानंद के ठिकानों पर पहुंची टीम को कुछ समय तक ताला खुलने का इंतजार करना पड़ा। इधर, समस्तीपुर के मुसरीघरारी थाना क्षेत्र के अंतर्गत वास्तु विहार फेज-1 में भी छापेमारी की गई।
विवेकानंद की सहयोगी संपत्तियों की जानकारी
मिली जानकारी के मुताबिक विवेकानंद के नाम पर दर्जनों संपत्तियां हैं। दानापुर के रूपसपुर इलाके स्थित काश्यप ग्रीन सिटी के फ्लैट नंबर-601 में भी ईओयू की टीम छापेमारी कर रही है। इस फ्लैट को विवेकानंद के नाम से जोड़ा गया है और टीम यहां से कई दस्तावेज खंगाल रही है। ईओयू को मिली जानकारी के अनुसार विवेकानंद के पास करीब 22 अचल संपत्तियां हैं। इनमें से कई संपत्तियां पटना और सीवान में स्थित हैं। वहीं उनके बैंक खातों में लगभग 45 लाख रुपये होने की भी खबर है।
सीवान और समस्तीपुर के ठिकानों पर कार्रवाई
सीवान में विवेकानंद के तीन घर बताए जाते हैं। इनमें से एक घर में वह खुद रहते हैं जबकि बाकियों को किराए पर दे रखा है। यहां भी छापेमारी के लिए ईओयू की टीम पहुंची और लंबी पड़ताल की जा रही है। समस्तीपुर स्थित उनके घर पर भी जांच चल रही है। विशेष रूप से आंदर ढाला इलाके में विवेकानंद के तीन ठिकानों पर एक साथ रेड की गई। इसके लिए 30 सदस्यीय टीम गठित की गई थी, जिसमें 10-10 अधिकारियों की तीन टीमों ने एक साथ अभियान शुरू किया।
छापेमारी के दौरान सख्त सुरक्षा
जब ईओयू की कार्रवाई चल रही थी, उस दौरान किसी तीसरे व्यक्ति को छापेमारी स्थल के भीतर जाने की अनुमति नहीं दी गई। अधिकारी लगातार दस्तावेज़ और डेटा खंगाल रहे हैं ताकि विवेकानंद की आय और संपत्ति में अंतर का पता लगाया जा सके। मुसरीघरारी में की गई कार्रवाई की शुरुआत सुबह करीब 6 बजे हुई। यहां 10 सदस्यीय टीम तैनात रही और पूरे क्षेत्र को सुरक्षा घेरे में लिया गया।
कार्रवाई से बढ़ा हड़कंप
बिहार में पहले भी ईओयू अन्य विभागों के अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी कर चुका है, लेकिन इस बार बिजली विभाग के अधिकारी पर हुई कार्रवाई खास महत्व रखती है। कारण यह है कि बिजली विभाग आम लोगों की शिकायतों के केंद्र में रहता है और यदि शीर्ष स्तर के पद पर बैठे अधिकारी पर इस तरह के आरोप लगते हैं, तो इसका सीधा असर विभाग की विश्वसनीयता पर पड़ता है। विवेकानंद की संपत्तियों के खुलासे और उनके खातों में भारी भरकम रकम की जानकारी सामने आने के बाद विभागीय और राजनीतिक हलकों में भी चर्चा तेज हो गई है।
भविष्य की दिशा
छापेमारी के बाद अब ईओयू जुटाए गए दस्तावेजों, अकाउंट की डिटेल, संपत्ति संबंधी कागजात और कैश की गिनती करेगी। इन सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी। यदि आरोप पुख्ता पाए जाते हैं तो विवेकानंद पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और अन्य कानूनी धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। समस्तीपुर के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर विवेकानंद के खिलाफ ईओयू की छापेमारी ने बिहार की नौकरशाही और प्रशासनिक तंत्र में हलचल मचा दी है। उनके ठिकानों से कितनी अवैध संपत्ति और कितने वित्तीय घोटाले का खुलासा होगा, यह आने वाले दिनों में साफ होगा। फिलहाल इतनी बड़ी कार्रवाई ने यह जरूर साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियां सक्रिय हैं और उच्च अधिकारियों तक को कानून के दायरे में लेने से पीछे नहीं हट रही हैं।

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