PATNA : पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों को पर्यावरण संरक्षण व विभिन्न कलाकृतियां के जीवन में मददगार विषय पर कार्यशाला

  • जीवन के मददगार लोगों पर कार्ड लेखन में बच्चों ने दिखाई अपनी प्रतिभा

पटना(अजीत)। राजधानी के फुलवारीशरीफ प्रखंड प्राथमिक विद्यालय में आज राजकीय सम्मान से पुरस्कृत शिक्षिका नीतू शाही के मार्गदर्शन में बच्चे-बच्चियों को विभिन्न तरह के आयाम के जरिए पढ़ाई में उनकी रुचि बढ़ाने के टिप्स दिए गए। छात्रों को वैसे शब्दों को कार्ड पर लिखकर लाने और उन्हें यह बतलाने को कहा गया कि इनका हमारे जीवन में क्या महत्वपूर्ण रोल है। किसी ने अपने कार्ड पर डॉक्टर लिखा और बतलाया कि डॉक्टर हमारे बीमारियों का इलाज करते हैं दवा देते हैं, किसी बच्चे ने कार्ड पर नई लिखा और बताया की नई हमारे बाल काटते हैं तो किसी ने अपने कार्ड पर नर्स लिखा व बताया हम जब बीमार होते हैं तब अस्पताल में मरीजों की नर्स ही सेवा करती है, उन्हें समय-समय पर दवा खिलाती है, किसी ने किसान कार्ड बनाकर लाया और बताए कि किसान फसल उपजाते हैं, कार्ड पर शिक्षक लिखकर एक बच्चे ने बताया कि शिक्षक हमें ज्ञान देते हैं और पढ़ा लिखा कर अच्छा भविष्य संवारने का मौका देते हैं, कार्ड पर माली लिखकर लाने वाले बच्चों ने बताया कि मैं पौधों को पानी देकर खींचता हूं और फूल उगाता हूं जिसे भगवान के चरणों में चढ़ाते हैं, डाकिया कार्ड वाले बच्चों ने बताया कि घर-घर लोगों के जाकर पोस्टमैन बनकर चिट्टियां पहुंचाते हैं, पुलिस कार्ड वाले बच्चों ने बताया कि वह चोर व बदमाश को पकड़ते हैं वहीं सैनिक कार्ड लिखे बच्ची ने बताया कि मैं सरहद पर दुश्मनों से लड़ाई लड़के देश की सेवा करता हूं। अनोखे तरीके से बच्चों को पढ़ाई का प्रतीक उनकी रुचि जगाने का काम किया गया। उन्हें बताया गया कि जीवन में कुछ ऐसे लोग हैं जो हमारे मददगार हैं। गौरतलब हो की प्राथमिक विद्यालय प्रखंड कॉलोनी फुलवारीशरीफ, पटना आज ये विद्यालय की बिहार ही नही बल्कि पूरे देश में पहचान बन चूंकि है। विद्यालय का नाम रोशन राजकीय सम्मान प्राप्त शिक्षिका नीतू शाही के पढ़ाई के तौर तरीकों ने किया। आज विद्यालय के बच्चों को हर क्षेत्र में शिक्षा दे रही है, चाहे वो पढ़ाई हो या खेल, पेंटिग, कबाड़ से जुगाड क्राफ्ट, पर्यावरण संरक्षण, पशु-पक्षियों से प्रेम सभी अच्छी आदतें बच्चों को सीखा रही है। बच्चे भी काफी उत्साहित रहते हैं, हर दिन बच्चे स्कूल में आना चाहते है। साथ ही बच्चों को बहुत लगाव है अपनी शिक्षिका से।

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