गांधी मैदान में आज से 20 तक आम लोगों की एंट्री पर प्रतिबंध, भव्य शपथग्रहण की तैयारी, पीएम होंगे शामिल
पटना। गांधी मैदान में 17 नवंबर से 20 नवंबर तक आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने यह कदम सुरक्षा और आयोजन संबंधी व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए उठाया है। हालांकि आधिकारिक रूप से अभी तक इस प्रतिबंध का कारण स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि नई एनडीए सरकार के शपथग्रहण समारोह की तैयारियों के चलते यह निर्णय लिया गया है। इस बार शपथग्रहण बेहद भव्य अंदाज में होने वाला है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देशभर के कई वरिष्ठ नेता शामिल हो सकते हैं।
गांधी मैदान में तैयारियों की शुरुआत
गांधी मैदान में इन दिनों हलचल तेज हो गई है। विशाल पंडाल, मंच निर्माण, सुरक्षा व्यवस्था तथा वीआईपी मेहमानों के लिए विशेष प्रवेश मार्ग तैयार किए जा रहे हैं। जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के अधिकारी लगातार स्थल का निरीक्षण कर रहे हैं। माना जा रहा है कि हजारों लोगों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी ताकि जनता भी इस ऐतिहासिक समारोह का हिस्सा बन सके। भव्य आयोजन के मद्देनजर गांधी मैदान को पूरी तरह से सुरक्षा घेरा में लिया गया है। मैदान के हर कोने की बैरिकेडिंग की जा रही है और आम नागरिकों के प्रवेश को रोकने के लिए पुलिस बल की तैनाती बढ़ाई गई है। 20 नवंबर तक मैदान में किसी भी प्रकार की आमद-रफ्त नहीं होगी।
शपथग्रहण में पीएम मोदी की उपस्थिति
नई एनडीए सरकार के गठन की तैयारियों के बीच इस बात की संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कई राज्यों के मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने अभी अंतिम तिथि की पुष्टि नहीं की है, लेकिन शुरुआती बातचीत में गुरुवार को समारोह होने की संभावना सबसे मजबूत मानी जा रही है। जैसे ही प्रधानमंत्री कार्यालय से मंजूरी मिल जाएगी, कार्यक्रम की तिथि सार्वजनिक कर दी जाएगी। इस बीच प्रशासन ने समारोह से जुड़े सभी विभागों की बैठकें तीव्र कर दी हैं, ताकि अंतिम क्षण में किसी प्रकार की चूक की गुंजाइश न रहे।
नीतीश कुमार फिर गांधी मैदान में लेंगे शपथ
गांधी मैदान में शपथ समारोह का आयोजन कोई नया कदम नहीं है। इससे पहले वर्ष 2015 में भी महागठबंधन की ऐतिहासिक जीत के बाद नीतीश कुमार ने इसी मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उस समय भी कई प्रमुख राष्ट्रीय नेता इस समारोह में उपस्थित हुए थे। इस बार भी एनडीए की जोरदार जीत को जनता के साथ साझा करने के उद्देश्य से खुले मैदान में शपथ लेने का फैसला लिया गया है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनके मंत्रिमंडल के चुनिंदा सदस्य भी शपथ लेंगे। उपमुख्यमंत्री और अन्य प्रमुख मंत्रियों का चयन होने के बाद ही अंतिम सूची तैयार की जाएगी।
सुरक्षा व्यवस्था होगी अभूतपूर्व
गांधी मैदान और उसके आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था पहले से ही कड़ी कर दी गई है। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी, एसटीएफ और विशेष सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। ड्रोन कैमरों की मदद से निगरानी की जाएगी और एंट्री पॉइंट पर विशेष जांच की व्यवस्था होगी। सुरक्षा एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि आयोजन के दौरान भीड़ को नियंत्रित रखा जाए और किसी भी प्रकार की सुरक्षा चूक न हो। आसपास के इलाकों में यातायात को लेकर भी विशेष प्लान तैयार किया गया है। कई मार्गों को अस्थायी रूप से डायवर्ट किया जा सकता है। प्रशासन की ओर से जल्द ही यातायात संबंधी एडवाइजरी जारी की जाएगी।
जनता की भागीदारी पर जोर
सरकार इस शपथग्रहण समारोह को जनता के लिए खुले रूप में आयोजित करने की तैयारी कर रही है। खुले मैदान में आयोजन का उद्देश्य जनता के बीच जाकर जीत का जश्न मनाना और नए शासन की शुरुआत को यादगार बनाना है। उम्मीद जताई जा रही है कि बड़ी संख्या में लोग समारोह में शामिल होंगे। हालांकि मैदान में प्रवेश नियंत्रित रहेगा, लेकिन दूरस्थ स्थानों से भी लोग मंच तक पहुंच सकें, इसके लिए बड़े LED स्क्रीन लगाए जाने की संभावना है। ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है ताकि भीड़ को विभाजित किया जा सके और सुरक्षा व्यवस्था पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
राजनीतिक महत्व भी बढ़ा
गांधी मैदान में शपथग्रहण समारोह का आयोजन राजनीतिक रूप से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे एनडीए अपनी व्यापक जीत और जनसमर्थन का संदेश राष्ट्रीय स्तर पर देना चाहता है। यह आयोजन न केवल राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन होगा, बल्कि सरकार की स्थिरता और एकजुटता को भी दिखाएगा। विपक्ष इस आयोजन पर नजरें गड़ाए हुए है। महागठबंधन की करारी हार के बाद उनकी ओर से कोई बड़ी प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस भव्य शपथ समारोह के बाद एनडीए अपनी स्थिति और मजबूत कर सकता है।
समारोह की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
गांधी मैदान पटना का ऐतिहासिक स्थल है और कई महत्वपूर्ण राजनीतिक कार्यक्रमों का साक्षी रहा है। चाहे स्वतंत्रता आंदोलन के बड़े जनसभा हों या आधुनिक राजनीतिक घटनाक्रम—गांधी मैदान हमेशा केंद्र में रहा है। नीतीश कुमार का यहां फिर से शपथ लेना उनके राजनीतिक सफर का एक और महत्वपूर्ण अध्याय माना जा रहा है। गांधी मैदान में आम लोगों की एंट्री पर लगे प्रतिबंध और वहां चल रही तैयारियां इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि बिहार एक भव्य और ऐतिहासिक शपथग्रहण समारोह देखने वाला है। प्रधानमंत्री से लेकर कई बड़े नेताओं की उपस्थिति इस आयोजन को और खास बनाने वाली है। एनडीए की भारी जीत के बाद यह समारोह न केवल राजनीतिक बल्कि प्रतीकात्मक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण होगा। नई सरकार के गठन के साथ ही बिहार एक नई राजनीतिक और प्रशासनिक यात्रा शुरू करने जा रहा है, जिसका आरंभ गांधी मैदान में होने वाला यह विशाल समारोह तय करेगा।


