पटना में नहाने के दौरान गंगा में डूबा इंजीनियर, दर्दनाक मौत, परिवार में पसरा मातम

पटना। बाढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत उमानाथ घाट पर मंगलवार सुबह एक बेहद दुखद हादसे में एक युवक की गंगा नदी में डूबने से मौत हो गई। मृतक की पहचान रितिक कुमार के रूप में हुई है, जो पंचशील नगर निवासी रमेश प्रसाद के पुत्र थे। रितिक एक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट थे और कोलकाता से अपने चाचा की शादी में शामिल होने के लिए पटना आए हुए थे।
स्नान के दौरान हुआ हादसा
घटना सुबह करीब सात बजे की है, जब रितिक अपने तीन दोस्तों के साथ गंगा स्नान के लिए उमानाथ घाट पहुंचे थे। शुरू में सब कुछ सामान्य था, लेकिन स्नान करते हुए सभी दोस्त गंगा के दूसरे किनारे की ओर बढ़ गए। इसी दौरान रितिक का संतुलन बिगड़ गया और वह गहरे पानी में डूबने लगा। दोस्तों ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन गंगा की तेज धारा के आगे सब प्रयास नाकाम रहे।
स्थानीय गोताखोरों ने निकाला शव
घटना के बाद घाट पर हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों और घाट पर मौजूद श्रद्धालुओं की सूचना पर तुरंत गोताखोरों की टीम को बुलाया गया। लगभग चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद गोताखोरों ने रितिक का शव गंगा से बरामद किया। इसके बाद परिजन उसे अनुमंडलीय अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
परिवार में पसरा मातम
रितिक की असमय मृत्यु से पूरे परिवार में मातम का माहौल है। उनके चाचा की शादी 5 जून को होनी थी, जिसके लिए रितिक विशेष रूप से कोलकाता से पटना आया था। सोमवार की रात ही हल्दी और कलश की रस्म संपन्न हुई थी, जिसके बाद घर में शादी की तैयारियों को लेकर खुशी का माहौल था। लेकिन सुबह होते ही यह खुशी मातम में बदल गई।
मना करने के बावजूद गया था स्नान के लिए
परिवार के वरिष्ठ सदस्य डॉ. नन्द किशोर प्रसाद ने बताया कि रितिक को गंगा में स्नान के लिए न जाने की सलाह दी गई थी, लेकिन वह दोस्तों के आग्रह पर घाट चला गया। डॉ. प्रसाद ने यह भी बताया कि जब दोस्तों ने रितिक के डूबने की खबर दी, तो परिजनों को यकीन ही नहीं हुआ। परंतु जब घटनास्थल पर पहुंचे तो हकीकत ने सबको तोड़ दिया।
सुरक्षा की कमी पर उठे सवाल
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने घाट पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए हैं। बताया जा रहा है कि घाट पर किसी प्रकार का चेतावनी बोर्ड नहीं लगा था और न ही वहां पर स्थायी तौर पर कोई लाइफ गार्ड मौजूद थे। यदि समय पर राहत मिल जाती तो शायद रितिक की जान बच सकती थी। प्रशासन से मांग की गई है कि ऐसे हादसों से बचने के लिए घाटों पर सुरक्षा बढ़ाई जाए। रितिक की मौत एक बेहद दुखद और भावुक घटना है, जिसने एक खुशहाल अवसर को गम में बदल दिया। यह हादसा न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि गंगा जैसी विशाल और तेज बहाव वाली नदी में बिना पर्याप्त सुरक्षा के स्नान करना जानलेवा हो सकता है। प्रशासन को चाहिए कि वह घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करे ताकि ऐसी दुखद घटनाएं दोबारा न हों।
