पलामू में पुलिस और नक्सलियों में मुठभेड़, दो जवान शहीद, मारे गए कई नक्सली

पलामू। झारखंड के पलामू जिले में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया। इस घटना में दो बहादुर जवान शहीद हो गए और एक अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हुआ। यह मुठभेड़ मनातू थाना क्षेत्र के केदल जंगल में हुई, जहां पुलिस टीम को नक्सली गतिविधियों की सूचना मिलने पर सर्च ऑपरेशन के लिए भेजा गया था। जानकारी के अनुसार जिस इलाके में मुठभेड़ हुई, वह टीपीसी संगठन के कुख्यात नक्सली कमांडर शशिकांत गंझू का प्रभाव क्षेत्र माना जाता है। गंझू पर दस लाख का इनाम घोषित है और उसकी सक्रियता को देखते हुए पुलिस लगातार नजर रख रही थी। घटना के समय इलाके में करमा त्योहार चल रहा था और संभावना जताई जा रही थी कि नक्सली वहां दहशत फैलाने की कोशिश कर सकते हैं। इसी आशंका पर पुलिस ने बुधवार की शाम करीब सात बजे सर्च अभियान शुरू किया।
मुठभेड़ की शुरुआत
पुलिस टीम जैसे ही इलाके में पहुंची, नक्सलियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। इसके जवाब में पुलिस ने भी मोर्चा संभाला और दोनों ओर से गोलियां चलने लगीं। देर रात तक चली इस मुठभेड़ में दो जवान—संतन मेहता और सुनील राम—ने वीरगति पाई। इसके अलावा जवान रोहित कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें तुरंत मेदिनीनगर स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है।
शहीद जवानों की पृष्ठभूमि
शहीद हुए दोनों जवान लंबे समय से पुलिस सेवा में थे। संतन मेहता ने वर्ष 2012 में पुलिस बल ज्वाइन किया था, जबकि सुनील राम ने 2011 में सेवा शुरू की थी। दोनों जवानों ने अपने साहस और कर्तव्यनिष्ठा से हमेशा पुलिस विभाग को गौरवान्वित किया। उनकी शहादत से पुलिस बल के साथ-साथ पूरा राज्य शोक में डूब गया है।
नक्सलियों की क्षति और पुलिस की कार्रवाई
हालांकि अभी तक आधिकारिक तौर पर नक्सलियों के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन पुलिस सूत्रों का कहना है कि कई नक्सली या तो मारे गए या घायल हुए हैं। पुलिस ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है और व्यापक स्तर पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस बल, आईआरबी और एसटीएफ की संयुक्त टीमें अभियान में शामिल थीं और उनकी संख्या करीब 50 थी, जबकि नक्सलियों की संख्या लगभग 12 बताई जा रही है।
प्रशासनिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
मुठभेड़ की खबर मिलते ही झारखंड पुलिस मुख्यालय से चार सदस्यीय विशेष टीम मौके पर पहुंची। इस टीम में सीआरपीएफ, आईजी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। साथ ही आईजी अभियान माइकल राज, आईजी अनूप बिरथरे और एसपी अभियान अमित रेणु भी घटनास्थल की स्थिति का जायजा लेने के लिए मेदिनीनगर पहुंचे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि यह क्षति अत्यंत पीड़ादायक है। उन्होंने शोकाकुल परिवारों को ढांढस बंधाया और घायल जवान के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। राज्यपाल संतोष गंगवार ने भी शहीद जवानों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की और उनकी वीरता को नमन किया।
श्रद्धांजलि और आगे की कार्यवाही
शहीद जवानों को पुलिस लाइन ग्राउंड में पूरे राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी जाएगी। साथ ही अधिकारियों ने यह आश्वासन दिया है कि इस घटना से जुड़े हर पहलू की जांच की जाएगी और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। पलामू की यह मुठभेड़ एक बार फिर यह साबित करती है कि नक्सलवाद अब भी झारखंड के कई इलाकों में सक्रिय है और पुलिस बल को लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। दो जवानों की शहादत न केवल एक बड़ी क्षति है, बल्कि यह इस बात का संकेत भी है कि राज्य की सुरक्षा एजेंसियों को और अधिक सतर्क व सशक्त होने की आवश्यकता है। साथ ही यह घटना यह भी दर्शाती है कि पुलिस और सुरक्षा बल किस तरह अपनी जान जोखिम में डालकर आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
