यूपी में बिहार के कर्मचारियों को 6 और 11 नवंबर को मिलेगी छुट्टी, मतदान अवकाश को लेकर निर्देश जारी
 
                लखनऊ/पटना। उत्तर प्रदेश सरकार ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एक महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम उठाया है। यह निर्णय उन सभी बिहार निवासियों के लिए राहत लाया है जो रोजगार या सेवा के सिलसिले में उत्तर प्रदेश में काम कर रहे हैं। सरकार ने आदेश जारी किया है कि बिहार विधानसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण के मतदान वाले दिनों यानी 6 नवंबर और 11 नवंबर को यूपी में कार्यरत बिहार के कर्मचारी, श्रमिक और निजी संस्थानों में कार्यरत लोग अवकाश प्राप्त करेंगे। इस अवकाश के तहत उनका वेतन भी नहीं काटा जाएगा।
बिहार विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि
बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में आयोजित हो रहे हैं। पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों पर मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण में 11 नवंबर को शेष 122 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। कुल 243 विधानसभा सीटों की मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। इस चुनावी प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए राज्य में चुनावी गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में बिहार के मतदाता, जो अपनी रोज़ी-रोटी के लिए दूसरे राज्यों में कार्यरत हैं, अक्सर मतदान में हिस्सा नहीं ले पाते। इसी समस्या को देखते हुए यूपी सरकार ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
कर्मचारियों और श्रमिकों को सवैतनिक अवकाश
उत्तर प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किए गए हैं। इसमें स्पष्ट कहा गया है कि यूपी में कार्यरत बिहार के मूल निवासी कर्मचारी, चाहे वे सरकारी सेवाओं में हों, निजी कार्यालयों में काम करते हों या दैनिक मजदूरी करते हों, उन्हें मतदान के लिए सवैतनिक अवकाश मिलेगा। इसका अर्थ है कि संस्थान प्रमुख या नियोक्ता उनकी छुट्टी के दिन का वेतन नहीं काट सकेंगे। यह आदेश मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा पहले ही यूपी सरकार को भेजे गए निर्देशों के अनुपालन में जारी किया गया है। इस संबंध में राज्य के सभी विभागों, कार्यालयों और कंपनियों को निर्देशित किया गया है कि इस आदेश का कठोरता से पालन सुनिश्चित किया जाए।
लोकतांत्रिक अधिकार के सम्मान का निर्णय
मतदान देश के प्रत्येक नागरिक का मौलिक लोकतांत्रिक अधिकार है। कई बार देखा गया है कि बाहरी राज्यों में कार्यरत लोगों को अपने मूल निवास स्थान पर जाकर मतदान करने का अवसर नहीं मिल पाता। नतीजतन, बड़ी संख्या में मतदाता अपने मतदानाधिकार का उपयोग नहीं कर पाते हैं, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया कमजोर होती है। यूपी सरकार के इस निर्णय से यह सुनिश्चित होगा कि बिहार के लाखों लोग, जो राज्य की राजनीतिक दिशा तय करने में अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं, बिना किसी कार्यगत बाधा के मतदान कर सकें।
राजनीतिक और सामाजिक महत्व
यह कदम सिर्फ एक प्रशासनिक निर्णय भर नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि सरकार नागरिकों की लोकतांत्रिक भागीदारी को कितना महत्व देती है। इससे उन परिवारों में भी उत्साह का संचार होगा जिनके सदस्य बाहर रहकर काम करते हैं और अक्सर मतदान से वंचित रह जाते हैं। यह निर्णय एक बड़े तबके को यह महसूस कराता है कि उनकी आवाज भी महत्वपूर्ण है और उनके मत का भी राजनीतिक मूल्य है।
समाज में संभावित प्रभाव
यह संभावना जताई जा रही है कि इस बार बाहर काम करने वाले मतदाताओं की भागीदारी में वृद्धि होगी। इससे चुनाव अधिक व्यापक जनसहभागिता के साथ सम्पन्न होगा। जब अधिक लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, तो प्रतिनिधियों का चुनाव अधिक जनमत-आधारित और संतुलित होगा। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बिहार के मतदाताओं को मतदान के दिनों में सवैतनिक अवकाश प्रदान करना एक स्वागत योग्य और लोकतांत्रिक दृष्टिकोण को मजबूत करने वाला कदम है। यह फैसला न केवल मतदान प्रतिशत बढ़ाने में सहायक होगा, बल्कि लोकतंत्र की जड़ों को भी मजबूत करेगा। इससे यह संदेश जाता है कि सरकार नागरिकों के अधिकारों और जिम्मेदारियों को महत्व देती है और उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करती है। आने वाले चुनाव में इसका सकारात्मक प्रभाव देखने की पूरी संभावना है।



 
                                             
                                             
                                             
                                        