भागलपुर में तिलकामांझी यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों ने रजिस्ट्रार को बनाया बंधक, गेट पर तालाबंदी कर किया हंगामा

भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने वेतन रोके जाने के विरोध में अपनी नाराजगी प्रकट की है। वेतन भुगतान नहीं किए जाने की शिकायत लेकर बड़ी संख्या में यूनिवर्सिटी के कर्मचारी बुधवार को रजिस्ट्रार डॉ विकास चंद्र के पास उनके कार्यालय में पहुंच गए और अपनी मांग को सामने रखा। वहीं नाराज कर्मचारियों ने इस दौरान रजिस्ट्रार को बंधक बना लिया और उनके केबिन को बाहर से ताला जड़ दिया। थोड़ी देर बाद ताला खोल दिया गया जिसके बाद कुलसचिव बाहर आए। वहीं कर्मचारियों ने उनके चैंबर में नारेबाजी की। प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने गंभीर आरोप भी विश्वविद्यालय प्रसाशन पर लगाए हैं। कर्मचारी ने कहा कि कुलपति खुद बताएं कि हम कर्मचारियों और शिक्षकों का वेतन क्यों रोका गया है। बीच में रजिस्ट्रार बदल गए। नए कुलसचिव आए हैं। जब हमसब जाते हैं तो अलग-अलग दलील दी जाती है। पेपर चेक करने की बात कही जाती है। कर्मचारियों की नाराजगी पर कुलसचिव ने कहा कि पे वेरिफिकेशन सेल जब बना तो सरकार की ओर से तरह-तरह के पत्र आए। अभी आए पत्र में कहा गया है कि सभी तरह के कर्मियों चाहे वो शिक्षक कर्मी हों या अन्य कर्मी, उनके लिए दो श्रेणियों में वेतन भुगतान का आदेश है। एक जिसमें वेतन सत्यापन कोषांग से सत्यापित होकर आया, उनको उसके अनुसार वेतन जाएगा। वहीं दूसरे ऐसे लोग जिनका वेतन सत्यापन कोषांग से सत्यापित होकर नहीं आया। उसमें शिक्षा विभाग के अनुसार, कटौती करके वेतन मिलेगा। दुखद बात यह है कि वेतन सत्यापन कोषांग की कार्यप्रणाली पर सवाल कर्मचारियों ने उठाया है। कुलसचिव ने कहा कि जिन कर्मियों का सत्यापन होकर नहीं आता है उनका वेतन पहले भी कटता रहा है। मैं नियम के अनुसार ही काम करता रहूंगा। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि जब वेतन आ गया तो क्यों नहीं दिया गया। अब अपने वेतन में भी लेन-देन की आशंका सता रही है। कर्मचारियों ने कहा कि अब सूद पर पैसा लेकर घर चला रहे हैं और बच्चों के फीस और एडमिशन स्कूल में करा रहे हैं। कर्मचारियों ने कहा कि संविदाकर्मियों के भी वेतन रोके गए हैं। रजिस्ट्रार ने कहा कि मैंने जब पदभार लिया तो हमने कुलपति को कहा कि गोल्डन हैंड शेक करेंगे। यानि जिस दिन जो कर्मी रिटायर करे उसे उसी दिन पेंशन, एरियर वगैरह मिल जाए। और इसे हमने सफलतापूर्वक किया। जबकि मौके पर ही मौजूद कर्मियों ने रजिस्ट्रार के सामने ही उक्त दावे को गलत करार दिया। बता दें कि रजिस्ट्रार के सामने खुलकर कर्मचारियों ने नाराजगी जाहिर की और नारेबाजी किया गया। बुधवार को कर्मचारियों का समूह रजिस्ट्रार डॉ विकास चंद्रा के चेंबर पहुंचे और बाहर से ताला जड़ दिया। थोड़ी देर बाद रजिस्ट्रार के चैंबर का ताला खोल दिया गया। रजिस्ट्रार विरोध व नारेबाजी के बीच बाहर निकले। वहीं प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने उनके सरकारी वाहन पर भी कब्जा जमा लिया। जिसके बाद रजिस्ट्रार पैदल ही गेस्ट हाउस गए।
