पटना में दुर्गापूजा पंडालों में लेना होगा अस्थायी बिजली कनेक्शन, विभाग का निर्देश जारी, नियम उल्लंघन पर कार्रवाई
पटना। राजधानी पटना में दुर्गापूजा की तैयारियां पूरी तरह से शुरू हो चुकी हैं। पूजा पंडालों में रोशनी और सजावट का आकर्षण हर साल की तरह इस बार भी खास रहने वाला है। इसी कड़ी में बिजली विभाग यानी पेसू (पटना इलेक्ट्रिक सप्लाई यूनिट) ने पूजा आयोजकों के लिए अस्थायी बिजली कनेक्शन लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग ने स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि पंडालों को बिजली आपूर्ति के लिए अस्थायी कनेक्शन ही लेना होगा और यदि कोई समिति नियमों के उल्लंघन में पाई गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अस्थायी कनेक्शन की शुरुआत
सोमवार से अस्थायी कनेक्शन देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हर साल की तरह इस बार भी पंडाल समितियों को यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। विभाग का अनुमान है कि पंचमी और षष्ठी के आसपास सबसे ज्यादा आवेदन मिलेंगे। आयोजकों के अनुरोध पर पेसू द्वारा कुछ ही घंटे में अस्थायी कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा ताकि पंडाल की सजावट और प्रकाश व्यवस्था प्रभावित न हो।
आवेदन और शुल्क व्यवस्था
बिजली विभाग ने पंडालों के लिए एक से 100 केवीए तक के अस्थायी कनेक्शन की सुविधा दी है। इसके लिए अलग-अलग लोड क्षमता के हिसाब से शुल्क तय किया गया है। एक केवीए कनेक्शन के लिए 2049 रुपये शुल्क देना होगा 100 केवीए कनेक्शन तक का शुल्क 1.03 लाख रुपये है। आयोजक अपने बजट और पंडाल के आकार के अनुसार लोड का चयन कर सकते हैं। छोटे पंडाल जहां कम लोड लेते हैं, वहीं बड़े और भव्य पंडालों को अधिक लोड की आवश्यकता होती है।
चार दिनों के लिए सुविधा
अस्थायी कनेक्शन षष्ठी से लेकर दशमी तक यानी कुल चार दिनों के लिए दिया जाएगा। इस अवधि में पंडाल समितियां बिना किसी रुकावट के बिजली की आपूर्ति का लाभ उठा सकेंगी। यदि किसी पंडाल को अतिरिक्त समय के लिए कनेक्शन चाहिए, तो इसके लिए अलग प्रक्रिया अपनानी होगी।
पिछले वर्ष का अनुभव
पिछले वर्ष पटना में करीब 637 पूजा पंडालों ने पेसू से अस्थायी कनेक्शन लिया था। इस बार भी लगभग इतने ही पंडालों के आवेदन आने की उम्मीद है। विभाग ने पहले से तकनीकी तैयारियां पूरी कर ली हैं ताकि बड़ी संख्या में आने वाले आवेदनों को आसानी से निपटाया जा सके।
सजावट और प्रकाश की अहमियत
दुर्गापूजा पंडालों का आकर्षण उनकी सजावट और रोशनी से बढ़ जाता है। आयोजन समितियों का कहना है कि अस्थायी बिजली कनेक्शन से उन्हें न सिर्फ सुरक्षित ढंग से बिजली मिलती है बल्कि समय रहते सजावट और संगीत व्यवस्था भी पूरी की जा सकती है। आयोजक मानते हैं कि यदि पंडालों में बिजली की उपलब्धता समय पर हो जाए तो श्रद्धालुओं के लिए और बेहतर व्यवस्था संभव हो पाती है। इससे भीड़ के बीच किसी तरह की दुर्घटना की आशंका भी कम हो जाती है।
पंडालों का वैभव और बिजली
पटना के बड़े पूजा पंडालों में हर साल भव्य सजावट देखने को मिलती है। कई जगहों पर पंडालों को थीम पर आधारित बनाया जाता है, जिसके लिए अत्याधुनिक लाइटिंग और साउंड सिस्टम लगाए जाते हैं। इन सबकी निर्भरता बिजली पर होती है। छोटे पंडाल सीमित लोड पर काम चलाते हैं लेकिन बड़े आयोजन समितियों को उच्च लोड की जरूरत होती है।
सुरक्षा और नियम
बिजली विभाग का कहना है कि बिना अस्थायी कनेक्शन के किसी भी पंडाल को बिजली उपयोग की अनुमति नहीं है। यदि कोई समिति अवैध तरीके से बिजली जोड़ते हुए पकड़ी जाती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने इस बार पंडाल समितियों को समय रहते आवेदन करने की अपील की है ताकि तकनीकी समस्याओं से बचा जा सके।
श्रद्धालुओं की सहूलियत
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा आयोजन समितियों की प्राथमिकता रहती है। अस्थायी बिजली कनेक्शन मिलने से रोशनी, सजावट और ध्वनि व्यवस्था सुचारु रूप से चल पाती है। इससे दर्शकों और भक्तों को बेहतर माहौल मिलता है और उत्सव का आकर्षण कई गुना बढ़ जाता है।
विभाग की तैयारी
पेसू ने कहा है कि भले ही रविवार तक कोई आवेदन नहीं मिला था, लेकिन अब जैसे ही आवेदन मिलेंगे, एक-दो घंटे में कनेक्शन जारी कर दिए जाएंगे। विभाग की टीमें इस काम के लिए पहले से तैयार हैं। तकनीकी दल चौबीसों घंटे काम करेंगे ताकि कहीं कोई बाधा उत्पन्न न हो। पटना में दुर्गापूजा की रौनक इस बार भी बिजली की जगमगाहट से बढ़ने वाली है। अस्थायी बिजली कनेक्शन लेने की प्रक्रिया शुरू होने से आयोजन समितियों को राहत मिलेगी। यह व्यवस्था न सिर्फ त्योहार की रौनक बढ़ाती है बल्कि सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से कार्यक्रम कराने में भी मददगार साबित होती है। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई होगी। ऐसे में उम्मीद है कि शहर के पंडालों में इस बार भी लोगों को रोशनी और सजावट का बेहतरीन नजारा देखने को मिलेगा।


