November 17, 2025

निर्वाचन आयोग ने बिहार सरकार को दिया निर्देश, कहा- 6 अक्टूबर तक पूरी करें तबादले की प्रक्रिया, अधिकारियों को गृह जिले में नहीं मिलेगी पोस्टिंग

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां तेज हो गई हैं। चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए निर्वाचन आयोग लगातार सख्त कदम उठा रहा है। इसी क्रम में आयोग ने बिहार सरकार को बड़ा आदेश जारी किया है, जिसमें अधिकारियों और कर्मियों के तबादले से संबंधित स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
तबादला प्रक्रिया पूरी करने की समय-सीमा
निर्वाचन आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले की प्रक्रिया 6 अक्टूबर तक पूरी करने का निर्देश दिया है। आयोग ने साफ कर दिया है कि इस तारीख तक यह कार्य हर हाल में पूरा होना चाहिए, क्योंकि इसके बाद किसी भी समय चुनाव की घोषणा की जा सकती है।
गृह जिले में नहीं मिलेगी पोस्टिंग
आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, किसी भी अधिकारी या कर्मी को उसके गृह जिले में तैनाती नहीं दी जाएगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव के दौरान अधिकारियों पर स्थानीय प्रभाव न पड़े और वे पूरी तरह निष्पक्ष होकर अपनी जिम्मेदारी निभा सकें।
तीन साल पूरा करने वाले अधिकारियों का तबादला
निर्देश में यह भी कहा गया है कि जिन अधिकारियों या कर्मियों का कार्यकाल 30 नवम्बर 2025 तक तीन साल पूरा हो रहा है, उनका तबादला अनिवार्य रूप से किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि एक ही स्थान पर लंबे समय से कार्यरत अधिकारी चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित न कर सकें।
चुनाव की घोषणा कभी भी संभव
निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि 6 अक्टूबर के बाद किसी भी समय बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा की जा सकती है। ऐसे में तबादलों की प्रक्रिया समय रहते पूरी कराना जरूरी है, ताकि आचार संहिता लागू होने के बाद कोई बाधा न आए।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त का दौरा
सूत्रों के अनुसार, मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश भी 6 अक्टूबर के बाद बिहार का दौरा कर सकते हैं। इस दौरे के दौरान वे चुनावी तैयारियों का जायजा लेंगे और राज्य सरकार व प्रशासनिक अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देंगे।
आदेश का व्यापक प्रभाव
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार, विनोद सिंह गुंजनवाल ने आयोग का यह आदेश जारी करते हुए इसके पालन की बात कही है। यह पत्र राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, विकास आयुक्त, सभी अपर मुख्य सचिवों और प्रधान सचिवों को भेजा गया है। इसके साथ ही, पत्र की प्रति सभी मंडलीय आयुक्तों और जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को भी उपलब्ध कराई गई है। इसका मकसद है कि निर्देशों को पूरी गंभीरता से लागू किया जाए और चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष रूप से संचालित हो सके।
चुनावी पारदर्शिता की ओर कदम
आयोग का यह कदम पारदर्शिता और निष्पक्षता की दिशा में महत्वपूर्ण है। लंबे समय से एक ही जिले या पद पर कार्यरत अधिकारियों का तबादला करके प्रशासनिक तंत्र को तटस्थ बनाया जाएगा। इससे राजनीतिक या स्थानीय दबाव की संभावना कम होगी और मतदाता निडर होकर मतदान कर पाएंगे। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को स्वतंत्र और निष्पक्ष बनाने की दिशा में निर्वाचन आयोग की यह पहल महत्वपूर्ण है। समय पर तबादलों की प्रक्रिया पूरी होने से प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत होगी और चुनाव बिना किसी पक्षपात के संपन्न कराया जा सकेगा। इस आदेश से स्पष्ट है कि आयोग किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेगा और चुनाव को लोकतंत्र के उत्सव के रूप में सफल बनाने के लिए हर संभव कदम उठाएगा।

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