आरा में प्राइवेट हॉस्पिटल में बुजुर्ग की मौत, परिजनों ने लगाया ऑपरेशन में लापरवाही का आरोप, जमकर किया हंगामा

आरा। जिले के नवादा थाना क्षेत्र स्थित जज कोठी के एक प्राइवेट अस्पताल में मंगलवार को ऑपरेशन के बाद एक बुजुर्ग मरीज की मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया और डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। सूचना पाकर नवादा थानाध्यक्ष बिपिन बिहारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को शांत कराया। बाद में पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। मृतक की पहचान शाहपुर थाना क्षेत्र के शिवपुर वार्ड नंबर 5 निवासी स्व. रामजीत पांडेय के 70 वर्षीय पुत्र अंगद पांडेय के रूप में हुई है। परिजनों का कहना है कि अंगद पांडेय हर्निया की बीमारी से पीड़ित थे और कुछ दिन पहले उन्होंने बक्सर के एक निजी क्लीनिक में जांच कराई थी। मंगलवार की सुबह परिवारजन उन्हें इलाज के लिए आरा शहर के जज कोठी स्थित इस प्राइवेट अस्पताल में लेकर आए। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर ने तत्काल ऑपरेशन की सलाह दी और कहा कि आयुष्मान कार्ड पर यह प्रक्रिया संभव नहीं है, इसलिए नगद भुगतान करना होगा। परिवार ने डॉक्टर की बात मान ली। जब परिजनों ने ऑपरेशन की गंभीरता को लेकर सवाल किया तो डॉक्टर ने भरोसा दिलाया कि कोई समस्या नहीं होगी। इसके बाद बक्सर की जांच रिपोर्ट के आधार पर ऑपरेशन किया गया। परिवार के अनुसार, ऑपरेशन के दो घंटे बाद ही अंगद पांडेय की तबीयत अचानक बिगड़ गई। डॉक्टरों ने मरीज को अन्य अस्पताल में रेफर करने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान उनकी मौत हो गई। मृतक के बेटे रविंद्र पांडेय ने डॉक्टर पर लापरवाही बरतने और उचित इलाज न देने का आरोप लगाया है। घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर नारेबाजी की और डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। बढ़ते विवाद की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और समझा-बुझाकर परिजनों को शांत किया। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। परिजनों ने बताया कि अंगद पांडेय परिवार में चार भाइयों और दो बहनों में तीसरे स्थान पर थे। उनके परिवार में दो बेटे—रविंद्र पांडेय और विमला पांडे, तथा एक बेटी विद्यावती देवी है। मृतक की पत्नी जलकी देवी का निधन वर्ष 2014 में हो गया था। अचानक हुई इस मौत के बाद परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि निजी अस्पतालों में अक्सर बिना पूरी जांच और जोखिम का आकलन किए ऑपरेशन कर दिए जाते हैं, जिससे मरीज की जान पर बन आती है। यह घटना भी ऐसे ही आरोपों को बल देती है। ग्रामीणों का मानना है कि स्वास्थ्य विभाग को इस मामले की गहन जांच करानी चाहिए ताकि दोषियों पर कार्रवाई हो सके। उधर, पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी। रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल मृतक के परिवार की शिकायत दर्ज कर मामले की छानबीन की जा रही है। इस घटना ने एक बार फिर से प्राइवेट अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही और मुनाफाखोरी के आरोप पहले भी उठते रहे हैं। अब देखना होगा कि इस मामले में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग क्या कदम उठाता है।
