फतुहा स्टेशन पर ट्रेन से गिरकर बुजुर्ग की मौत, परिवार में मचा कोहराम
 
                पटना। राजधानी पटना के फतुहा स्टेशन के पास गुरुवार देर रात घटी एक दर्दनाक दुर्घटना ने पूरे परिवार को गहरे शोक में डूबो दिया है। छठ पूजा मनाने के बाद अपने घर लौट रहे 67 वर्षीय भीम दास ट्रेन से गिरकर अपनी जान गंवा बैठे। यह हादसा न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि परिचितों और स्थानीय लोगों के लिए भी अत्यंत पीड़ादायक है। त्योहार के उल्लास के बीच घटी इस दुर्घटना ने परिजनों की खुशियों को मातम में बदल दिया। भीम दास बेगूसराय जिले के रतनपुर थाना क्षेत्र के निवासी थे। वे बिहार राज्य खाद्य निगम में प्यून के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी अंतिम सेवा पोस्टिंग पटना के आर ब्लॉक, पंच मंदिर के पास स्थित कार्यालय में रही। सेवानिवृत्ति के बाद भीम दास अपने परिवार सहित दीघा के घुरदौल रोड नंबर 5 स्थित एक किराए के मकान में रह रहे थे। शांत और सरल स्वभाव के भीम दास परिवार और समाज में एक सम्मानित व्यक्ति के रूप में जाने जाते थे।
छठ पूजा के बाद पटना लौटने की तैयारी
छठ पूजा बिहार का प्रमुख पर्व है, जिसमें परिवार और समाज के लोग आस्था के साथ शामिल होते हैं। भीम दास अपनी पत्नी के साथ अपने पैतृक गांव बेगूसराय में छठ मनाने गए थे। छठ पूजा संपन्न होने के बाद गुरुवार की रात वे पटना लौट रहे थे। ट्रेन में सीट मिलने और भीड़ होने की स्थिति में कई बार यात्रियों को सावधानी बरतनी पड़ती है। लेकिन थोड़ी सी चूक बड़ा हादसा बन जाती है, जैसा कि इस घटना में हुआ।
हादसा कैसे हुआ
फतुहा स्टेशन से पश्चिम दिशा में पोल संख्या 522/5 और 7 के बीच अप लाइन पर यह घटना घटी। ट्रेन चलते समय अचानक संतुलन बिगड़ने से भीम दास नीचे गिर गए। गति में चल रही ट्रेन से गिरने के कारण उन्हें गंभीर चोटें आईं और घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। हादसा इतना अचानक हुआ कि आसपास के यात्रियों और रेलकर्मियों को स्थिति संभालने का मौका भी नहीं मिला।
ट्रेन में मची अफरा-तफरी
हादसे के तुरंत बाद ट्रेन में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। यात्रियों ने स्थिति को समझने की कोशिश की, लेकिन हादसा हो चुका था। परिजनों को इस घटना की खबर मिलते ही उन पर जैसे पहाड़ टूट पड़ा। बेटे नीरज कुमार ने बताया कि उनके पिता छठ पूजा समाप्त होने के बाद घर लौट रहे थे और किन परिस्थितियों में यह दुर्घटना हुई, इसका सही अंदाज़ा कोई नहीं लगा पा रहा है। परिवार के लोग रो-रोकर बेहाल हैं और गहरे सदमे में हैं।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही फतुहा रेल थाना पुलिस सक्रिय हुई। थाना अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि पुलिस टीम को तुरंत घटनास्थल पर भेजा गया। वहां से शव को बरामद कर थाने लाया गया और परिजनों को इसकी जानकारी दी गई। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए पटना भेजा गया। पुलिस ने बताया कि आगे की कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा रही है और दुर्घटना के कारणों की सटीक जांच भी की जाएगी।
परिवार में शोक और गांव में मातम
इस हादसे की खबर फैलते ही बेगूसराय स्थित उनके पैतृक गांव और पटना के निवास स्थल दोनों जगहों पर मातम छा गया। जो परिवार छठ पूजा के बाद प्रसन्न था, वह अब दुख और आंसुओं में डूबा हुआ है। रिश्तेदार, पड़ोसी और परिचित लोग परिवार को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं, लेकिन इस अचानक हुए नुकसान की भरपाई संभव नहीं है।
सावधानी की आवश्यकता
यह घटना रेल सुरक्षा और व्यक्तिगत सतर्कता के महत्व की ओर इशारा करती है। ट्रेन में सफर करते समय दरवाजे पर खड़ा होना, भीड़ में धक्का लगना या असंतुलन से गिरने की संभावना हमेशा बनी रहती है। रेलवे विभाग भी लगातार यात्रियों को सावधान रहने की सलाह देता है, लेकिन अनेक मामलों में लापरवाही हादसों का कारण बनती है। अंत में यह कहा जा सकता है कि भीम दास का यूं अचानक चला जाना परिवार के लिए बड़ी त्रासदी है। उनकी मृत्यु ने यह सवाल भी खड़ा किया है कि रेल यात्रा के दौरान सुरक्षा की व्यवस्था और सजगता कितनी आवश्यक है। त्योहार के बाद खुशियों से लौटते हुए एक परिवार अब शोक में डूब गया है, और यह घटना एक दर्दनाक स्मृति बनकर रह गई है।



 
                                             
                                             
                                             
                                        