September 17, 2025

रेलवे क्लेम घोटाले में ईडी की बड़ी कार्रवाई: पांच जगहों पर छापेमारी, 100 करोड़ की हेराफेरी का मामला

पटना। बिहार में चर्चित रेलवे क्लेम घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पटना, नालंदा और कर्नाटक के मैंगलूरु समेत पांच स्थानों पर छापेमारी की है। इस घोटाले में रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर करीब 100 करोड़ रुपये की हेराफेरी का मामला सामने आया है।
क्या है मामला?
रेलवे क्लेम घोटाले में फर्जी दावे दाखिल कर बड़े पैमाने पर रकम की हेराफेरी की गई थी। आरोप है कि रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए और दावों को मंजूरी दिलाकर करोड़ों रुपये हड़प लिए गए। इस पूरे रैकेट में रेलवे के कुछ अधिकारियों, वकीलों और सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत की बात सामने आई है।
ईडी की कार्रवाई
ईडी ने छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए हैं। इस कार्रवाई में विशेष रूप से रेलवे न्यायिक अधिकारी रहे आर.के. मित्तल और वकील बी.एन. सिंह के ठिकानों को निशाना बनाया गया। आर.के. मित्तल, जो पहले रेलवे में न्यायिक अधिकारी थे, भ्रष्टाचार के आरोपों में पहले ही सेवा से बर्खास्त किए जा चुके हैं। उनके और अन्य आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ईडी ने बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े के सबूत जुटाए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जांच शुरू
यह मामला सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति उदय यू. ललित की पीठ के निर्देश पर दर्ज किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियों को इस घोटाले की गहराई से जांच करने का निर्देश दिया था।
मनी लॉन्ड्रिंग की जांच
ईडी इस घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू पर ध्यान केंद्रित कर रही है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि फर्जी दावे दाखिल कर जो धनराशि प्राप्त की गई, उसे विभिन्न माध्यमों से सफेद धन में बदला गया। छापेमारी के दौरान एजेंसी ने जिन दस्तावेजों को जब्त किया है, उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
छापेमारी के प्रभाव और स्थानीय प्रतिक्रिया
ईडी की इस बड़ी कार्रवाई के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। पटना और नालंदा में कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों और सरकारी कर्मचारियों के नाम इस मामले में जुड़ने से लोग स्तब्ध हैं। स्थानीय लोगों ने जांच एजेंसियों से दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। रेलवे क्लेम घोटाला सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर करता है। ईडी की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त संदेश है। अगर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होती है, तो यह अन्य घोटालों को रोकने में भी मददगार साबित हो सकती है। उम्मीद है कि ईडी इस मामले में पारदर्शी तरीके से जांच पूरी कर दोषियों को सजा दिलाएगी।

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