शीतकालीन सत्र में पेश हुआ जातीय गणना की आर्थिक रिपोर्ट: एससी वर्ग के लोग सबसे गरीब, सामान्य में भूमिहार सबसे गरीब

पटना। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन जातीय गणना की आर्थिक रिपोर्ट पेश की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में पिछड़ा वर्ग के 33.16%, सामान्य वर्ग में 25.09%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33.58%, एससी के 42.93% और एसटी 42.7% गरीब परिवार हैं। सामान्य वर्ग में भूमिहार सबसे ज्यादा 25.32% गरीब हैं। वहीं सामान्य वर्ग में ब्राह्मण गरीब परिवार -25.3 प्रतिशत, राजपूत परिवार- 24.89%, कायस्थ-13.83% हैं। सभी विधायकों को इसकी कॉपियां बांटी गई हैं। इधर बीजेपी के भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई है। इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी की ओर से शोर-शराबा शुरू कर दिया गया। बीजेपी के विधायक हंगामा करते हुए वेल में आए गए। भाजपा आंगनबाड़ी सेविकाओं के प्रदर्शन पर सरकार को घेर रही है। नेता-प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने सेविकाओं पर पुलिस बल प्रयोग को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस पर सरकार को जवाब देना होगा। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्नकाल के बाद सरकार बीजेपी के सवाल के जवाब देगी।
माले ने ईबीसी के आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांग की
वहीं सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले सदन के बाहर माले विधायकों ने प्रदर्शन कर रहे हैं। आंगनबाड़ी सेविकाओं के समर्थन में तख्तियां लिए माले विधायकों ने कहा कि उनकी मांग पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। साथ ही लेफ्ट के विधायक देश भर में जातीय गणना लागू करने की मांग कर रहे हैं। ईडब्ल्यूएस आरक्षण को देश भर में समाप्त करने की भी मांग है। एससी-एसटी के लिए ईबीसी के आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांग की। इधर, आज सुबह 9 बजे के करीब विधान सभा के गेट के बाहर अचानक सैकड़ों की तादाद में आगनबाड़ी सेविका पहुंच गईं। मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर सेविकाओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। काफी जोर जबरदस्ती के बाद उनको पुलिस ने वहां से हटाया। विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में इस पर निर्णय लिया गया है। इसे पेश करने के बाद विधान मंडल के दोनों सदनों में इस पर चर्चा होगी। जातीय सर्वे के दौरान राज्य भर के लोगों से उनकी आय की स्थिति, आमदनी के स्रोत और जमीनों की स्थिति की भी जानकारी ली गई थी। लेकिन 2 अक्टूबर को सरकार की तरफ से केवल राज्य में जातीय स्थिति की रिपोर्ट ही जारी की गई थी। इसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने विधानसभा सत्र के दौरान पूरी रिपोर्ट पेश होने की बात कही थी। मंगलवार को सदन में प्रश्नकाल के दौरान 6 अल्पसूचित प्रश्न पूछे जाएंगे। इसमें 5 शिक्षा विभाग से और एक परिवहन विभाग से होंगे। शीतकालीन सत्र 5 दिनों का है। ऐसे में दो दिन राजकीय विधेयक और राजकीय कार्य के लिए रखा गया है।
