September 13, 2025

बिहार में भूकंप के झटको से हिली धरती, एक के बाद एक तीन झटके, लोगों में फैली दहशत

पटना। बिहार में देर रात भूकंप के झटकों ने लोगों को गहरी नींद से जगा दिया। अचानक डोलती धरती और हिलते घरों ने एकबारगी पूरे राज्य में अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया। यह भूकंप तिब्बत क्षेत्र में आया था, लेकिन इसका असर बिहार और उत्तर प्रदेश सहित कई उत्तरी राज्यों में महसूस किया गया। भूकंप के तीन लगातार झटकों ने लोगों को भयभीत कर दिया, हालांकि किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की अब तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं है।
रात को 2.41 बजे पहला झटका
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, पहला झटका रात को 2.41 बजे महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.7 मापी गई। इस झटके ने सबसे ज्यादा प्रभाव डाला और लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल आए। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने अपने अनुभव साझा किए, जिसमें हिलती दीवारें, खड़खड़ाते दरवाजे और फर्श में कंपन की बातें सामने आईं।
तीन बार हिली धरती
पहले झटके के बाद भी धरती शांत नहीं हुई। दूसरा झटका रात 3.06 बजे महसूस किया गया जिसकी तीव्रता 3.7 मापी गई। तीसरा झटका 3.48 बजे आया और उसकी तीव्रता 3.8 थी। एक के बाद एक तीन झटकों ने लोगों की चिंता और डर को और बढ़ा दिया। कई लोग घरों से बाहर निकलकर खाली मैदानों में समय बिताते दिखे।
तिब्बत में था भूकंप का केंद्र
भूकंप का केंद्र तिब्बत क्षेत्र में जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में स्थित था। इसकी वजह से इसका प्रभाव सीमावर्ती इलाकों में भी महसूस किया गया। भारत के उत्तर प्रदेश और बिहार में इसका खासा असर देखा गया, विशेष रूप से सीमांचल और उत्तर बिहार के इलाकों में।
लोगों में दहशत का माहौल
भूकंप की तीव्रता और झटकों की संख्या को देखते हुए लोगों में दहशत फैल गई। कई लोग नींद में ही घर से बाहर निकल गए, जबकि कुछ को झटका महसूस ही नहीं हुआ। जो लोग जगे थे, उन्होंने डर के कारण छतों या खुले स्थानों में जाकर रात गुजारी। छोटे बच्चों और बुजुर्गों में घबराहट अधिक देखी गई।
प्रशासन सतर्क, स्थिति पर निगरानी
हालांकि राहत की बात यह रही कि अब तक किसी जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। प्रशासनिक एजेंसियों ने सतर्कता बरती है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। राहत एवं बचाव दलों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
भूकंप की चेतावनी और जागरूकता जरूरी
इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बिहार जैसे भूकंप संभावित क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन की तैयारियां कितनी जरूरी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि समय रहते लोगों को भूकंप के प्रति जागरूक करना और स्कूलों, सार्वजनिक स्थानों पर नियमित अभ्यास कराना भविष्य में नुकसान को कम कर सकता है। हालांकि इस बार भूकंप ने कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन चेतावनी जरूर दी है कि हम भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए कितने तैयार हैं। रात के समय आने वाले झटके ज्यादा खतरनाक माने जाते हैं, क्योंकि लोग सो रहे होते हैं और तत्काल प्रतिक्रिया देने में कठिनाई होती है। ऐसे में सतर्कता, जागरूकता और प्रशासनिक तैयारी ही हमारी सबसे बड़ी सुरक्षा बन सकती है।

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