पटना में शिक्षकों ने रक्षाबंधन पर काला बिल्ला लगाकर स्कूलों में की ड्यूटी, ना के बराबर आए बच्चे

पटना। राजधानी पटना में गुरुवार को रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ शिक्षा विभाग में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की छुट्टियों में कटौती करने का आदेश जारी किया है जिसके बाद गुरुवार को शिक्षकों ने इस फैसले के विरोध में काला बिल्ला लगाकर विद्यालय जाकर ड्यूटी की। छुट्टी निरस्त होने से बिहटा प्रखंड के कई सरकारी स्कूलों में शिक्षक-शिक्षिकाओ ने काला बिल्ला लगाकर विरोध जाता रहे हैं। क्लास रूम बच्चों के बिना खाली पड़ा हुआ है। वही पूरा स्कूल परिसर बच्चों के बिना विरान है। दूसरी और शिक्षक और शिक्षिका काला बिल्ला लगाकर स्कूल परिसर में उपस्थित हैं। साथ ही बच्चों को नहीं आने पर एमडीएम की लिस्ट को शून्य पर बनाकर वरीय अधिकारी को भेजा रहा हैं। तो दूसरी ओर बिहटा प्रखंड मुख्यालय में स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय प्रखंड कॉलोनी में भाई-बहन की अटूट रिश्ता देखा गया। एक तरफ ड्यूटी तो दूसरी तरफ भाई-बहन के पावन त्योहार रक्षा बंधन का भी फर्ज निभाया गया। ड्यूटी से पहले भाई ने बहन की स्कूल में पहुंच कर राखी बंधवाया। वही बिहटा प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शिक्षिका रुचि कुमारी के भाई संतोष कुमार भी भोजपुर के एक स्कूल में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने ड्यूटी से पहले बहन के हाथों से पहले राखी बंधवाया और उसके बाद स्कूल का ड्यूटी निभाया। शिक्षिका रुचि कुमारी ने बताया की सरकार की और से जारी नई छुट्टी नीति से खाफी लोग खफा हैं, लेकिन क्या करें। इसके आगे किसकी चली है। आज पूरे देश की बहनें राखी का त्यौहार का मना रही हैं, लेकिन हमलोग अपने अपने स्कूलों में ड्यूटी निभा रहे हैं। चाहे बच्चे आए या ना आए। राखी के पर्व को लेकर हम लोग काफी उत्साहित थे, पूरी प्लानिंग बनाकर रखे थे कि छुट्टी पर मायके अपने बच्चों के साथ जाएंगे, लेकिन अचानक सरकार की ओर से छुट्टी को निरस्त कर दिया गया। इससे काफी दुख हुई। महिला शिक्षक ने कहा कि हमने आज अपने भाई को अपने विद्यालय में बुलाकर राखी बांधा है। इसके बाद स्कूल के कामों में लग गए। अन्य शिक्षकों ने सरकार से कहा कि रक्षाबंधन का त्योहार हर कोई हिंदू मुस्लिम भाईचारे के साथ मानता है, लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से जारी नई शिक्षा नीति को लेकर सरकार हिंदू विरोधी है। हिंदू के पर्वों पर छुट्टी पर रोक लगा दी है, जिसे बिहार की सभी सरकारी स्कूल में तैनात शिक्षक इस आदेश से खफा हैं। इसे जल्द से जल्द वापस लेने को बात कही।
