खुदरा महंगाई दर में गिरावट : 15 महीने के निचले स्तर पर खुदरा महंगाई, मार्च में मुद्रास्फीति घटकर 5.66 आई

नई दिल्ली। देश में महंगाई कम करने की RBI की कोशिशों का असर अब दिखाई देने लगा है। वही मार्च में महंगाई की दर में कमी देखने को मिली है। RBI के अनुसार, मार्च में मुद्रास्फीति घटकर 5.66 रह गई है। इसका मुख्य कारण खाद्य और ईंधन की कीमतों में कमी है। बता दें कि जनवरी में मजबूत होने के बाद खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों में फरवरी में मामूली गिरावट दर्ज की गई थी। फरवरी में महंगाई 6.44 प्रतिशत थी। सीपीआई पर आधारित मुद्रास्फीति की दर जनवरी में 6.52 प्रतिशत और फरवरी 2022 में 6.07 प्रतिशत थी। फूड बास्केट के लिए मुद्रास्फीति की दर फरवरी में 5.95 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई थी। वही नवंबर और दिसंबर 2022 को छोड़कर, खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी 2022 से RBI के 6 प्रतिशत के ऊपरी सहिष्णुता स्तर से ऊपर बनी हुई थी। एक बार फिर इसमें नरमी देखी गई है। बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति 15 महीने के निचले स्तर 5.66 प्रतिशत पर आ गई, जिसका मुख्य कारण खाद्य कीमतों में गिरावट है। मार्च में मुद्रास्फीति का आंकड़ा RBI के कंफर्ट जोन के भीतर है, क्योंकि यह 6 फीसदी से नीचे है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी 2023 में 6.44 प्रतिशत और एक साल पहले की अवधि में 6.95 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार, फूड बास्केट में मुद्रास्फीति मार्च में 4.79 प्रतिशत थी। फरवरी में यह 5.95 प्रतिशत और एक साल पहले की अवधि में 7.68 प्रतिशत थी। अनाज, दूध और फलों में उच्च मुद्रास्फीति और सब्जियों की कीमतों में धीमी गिरावट के कारण खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर 2022 में 5.7 प्रतिशत से बढ़कर फरवरी 2023 में 6.4 प्रतिशत हो गई। भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए CPI मुद्रास्फीति को 5.2 प्रतिशत, Q1 में 5.1 प्रतिशत, Q2 में 5.4 प्रतिशत, Q3 में 5.4 प्रतिशत और Q4 में 5.2 प्रतिशत, और समान रूप से संतुलित जोखिम का अनुमान लगाया है

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