लखीसराय में डबल मर्डर से सनसनी, मुखिया और वार्ड पार्षद प्रतिनिधि की गोली मारकर हत्या, गांव में अफरा-तफरी

लखीसराय। बिहार के लखीसराय जिले के पिपरिया थाना क्षेत्र के बलीपुर गांव में मंगलवार की रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। बलीपुर पंचायत के मुखिया चंदन कुमार उर्फ डोमू सिंह और वार्ड सदस्य इंदु देवी के बेटे चंदन कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई। दोनों एक श्रद्धा भोज में शामिल होकर लौट रहे थे, तभी अपराधियों ने उन्हें निशाना बनाया।
हमले का तरीका और घटनास्थल पर अफरा-तफरी
श्रद्धा भोज स्थल से महज 20 मीटर की दूरी पर अज्ञात अपराधियों ने घात लगाकर दोनों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि करीब दो दर्जन राउंड गोलियां चलाई गईं। अचानक हुई गोलियों की बौछार से पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई। लोगों में भय और चिंता का माहौल व्याप्त हो गया। गोली लगने के बाद दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए और स्थानीय लोगों ने तुरंत उन्हें लखीसराय सदर अस्पताल पहुंचाया।
अस्पताल में मौत की पुष्टि और डॉक्टर का बयान
लखीसराय सदर अस्पताल में डॉक्टर मणि भूषण ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक मुखिया के शरीर में पांच से छह गोलियां लगी थीं जबकि वार्ड पार्षद प्रतिनिधि को एक या दो गोलियां लगी थीं। हालांकि, दोनों को लगी गोलियों की सटीक संख्या पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी।
पुलिस की कार्रवाई और ग्रामीणों का आरोप
घटना की जानकारी मिलते ही लखीसराय एसपी अजय कुमार ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। गांव में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि घटना की सूचना गश्ती पुलिस को पहले ही दे दी गई थी, लेकिन पुलिस समय पर मौके पर नहीं पहुंची। इसी देरी का फायदा उठाकर अपराधी भागने में सफल रहे।
गांव में तनाव और दहशत का माहौल
घटना के बाद पूरे बलीपुर गांव में तनाव और दहशत का माहौल है। लोग डरे-सहमे हैं और किसी अनहोनी की आशंका से सहमे हुए हैं। गांव में पुलिस की तैनाती के बावजूद लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। मुखिया की हत्या ने स्थानीय राजनीति में भी हलचल मचा दी है क्योंकि मृतक की पहचान एक सक्रिय और लोकप्रिय जनप्रतिनिधि के रूप में थी। वहीं वार्ड सदस्य प्रतिनिधि की हत्या ने पंचायत स्तर की राजनीति में भी उथल-पुथल ला दी है।
हत्या के पीछे की संभावित वजहें
फिलहाल हत्या के पीछे की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। पुलिस सभी एंगल से मामले की जांच कर रही है, जिसमें राजनीतिक रंजिश, पुरानी दुश्मनी और निजी विवाद जैसे पहलुओं को खंगाला जा रहा है। चूंकि मुखिया एक प्रभावशाली व्यक्ति थे, इसलिए उनके विरोधियों की सूची लंबी हो सकती है। पुलिस उन सभी संदिग्धों की पहचान करने और पूछताछ करने में जुटी हुई है जो इस हमले से जुड़े हो सकते हैं। लखीसराय जिले में हुई यह दोहरी हत्या न सिर्फ एक जघन्य अपराध है, बल्कि यह प्रशासनिक व्यवस्था और ग्रामीण सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े करती है। जहां एक ओर पुलिस कार्रवाई का भरोसा दिला रही है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों का आक्रोश और असंतोष यह दर्शाता है कि आम जनता सुरक्षा को लेकर आश्वस्त नहीं है। अब देखना यह है कि पुलिस कितनी तेजी से आरोपियों को गिरफ्तार कर न्याय दिला पाती है और इस भयावह घटना के पीछे की साजिश को उजागर कर पाती है या नहीं।

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