December 23, 2025

बिहार के सभी जिलों में बनेंगे कुत्ता आश्रय गृह, आवारा पशुओं से मिलेगा निजात, विभाग ने मांगी रिपोर्ट

पटना। बिहार में बढ़ती स्ट्रीट डॉग्स (आवारा कुत्तों) की समस्या और लगातार सामने आ रहे डॉग बाइट के मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने एक अहम और दूरगामी कदम उठाया है। पंचायती राज विभाग के निर्देश पर अब राज्य के सभी जिलों में कुत्ता आश्रय गृह (डॉग शेल्टर होम) बनाए जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य न केवल आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करना है, बल्कि आम लोगों को उनके आतंक से राहत दिलाना और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना भी है।
एक सप्ताह में जमीन चिन्हित करने का निर्देश
पंचायती राज विभाग के सचिव मनोज कुमार के निर्देश पर सभी जिलों के उप विकास आयुक्तों (डीडीसी) को कहा गया है कि वे अपने-अपने जिलों में कुत्ता आश्रय गृह के लिए एक सप्ताह के भीतर उपयुक्त जमीन चिन्हित कर रिपोर्ट भेजें। विभाग ने स्पष्ट किया है कि जमीन चिन्हित करने में किसी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, क्योंकि यह योजना राज्य स्तर पर प्राथमिकता में शामिल है।
जिला परिषदों में होगा आश्रय गृह का निर्माण
इस योजना के तहत प्रत्येक जिला परिषद क्षेत्र में कुत्ता आश्रय गृह का निर्माण किया जाएगा। इन आश्रय गृहों का डिजाइन और लागत का प्राक्कलन जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा तैयार किया जाएगा। निर्माण पर आने वाला पूरा खर्च 15वें राज्य वित्त आयोग की सामान्य निधि से वहन किया जाएगा। इससे स्थानीय निकायों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा और योजना को तेजी से लागू किया जा सकेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों के स्ट्रीट डॉग्स भी होंगे शामिल
सरकार की इस योजना की खास बात यह है कि इसमें केवल शहरी नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों से पकड़े गए आवारा कुत्तों को भी शामिल किया जाएगा। अब तक अधिकतर योजनाएं शहरी इलाकों तक सीमित रहती थीं, लेकिन इस बार सरकार ने ग्रामीण इलाकों में बढ़ती समस्या को भी गंभीरता से लिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों, स्कूलों और सड़कों पर आवारा कुत्तों के झुंड से लोगों को काफी परेशानी हो रही थी, जिसे ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।
रैबिज वैक्सीन और डिवार्मिंग की व्यवस्था
आश्रय गृहों में रखे जाने वाले सभी स्ट्रीट डॉग्स को रैबिज वैक्सीन और डिवार्मिंग दी जाएगी। इसके लिए पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा एक स्पष्ट प्रोटोकॉल तय किया जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार, रैबिज जैसी घातक बीमारी की रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन बेहद जरूरी है। इससे न केवल कुत्तों की सेहत बेहतर होगी, बल्कि इंसानों में फैलने वाली बीमारियों पर भी प्रभावी नियंत्रण लगाया जा सकेगा।
डॉग बाइट के मामलों में आएगी कमी
राज्य सरकार का मानना है कि इस योजना के पूरी तरह लागू होने के बाद डॉग बाइट की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आएगी। हाल के वर्षों में बिहार के कई जिलों से डॉग बाइट के गंभीर मामले सामने आए हैं, जिनमें बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। आवारा कुत्तों को सुरक्षित तरीके से पकड़कर आश्रय गृहों में रखने, उनकी नसबंदी और वैक्सीनेशन से इस समस्या पर काबू पाया जा सकेगा।
हर जिले में जारी होगा हेल्पलाइन नंबर
स्ट्रीट डॉग्स से लोगों को त्वरित राहत दिलाने के लिए सरकार ने जिला स्तर पर हेल्पलाइन नंबर जारी करने का भी फैसला लिया है। फिलहाल राज्य स्तर पर कोई एकीकृत हेल्पलाइन मौजूद नहीं है, लेकिन योजना लागू होने के बाद हर जिला परिषद अपना अलग हेल्पलाइन नंबर जारी करेगी, जिसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इस हेल्पलाइन के जरिए लोग आवारा कुत्तों की शिकायत दर्ज करा सकेंगे और संबंधित टीम मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करेगी।
शिकायत और निगरानी की पूरी व्यवस्था तय
सरकार ने इस योजना के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की स्पष्ट सूची भी तय कर दी है। जिला पंचायत राज पदाधिकारी नोडल पदाधिकारी होंगे।प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी जिम्मेदार होंगे। ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत सचिव इस कार्य को देखेंगे। पूरे कार्य की निगरानी मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी (सीईओ) द्वारा की जाएगी, ताकि योजना जमीन पर सही तरीके से लागू हो सके।
नसबंदी और जनसंख्या नियंत्रण पर जोर
यह योजना केवल कुत्तों को पकड़कर रखने तक सीमित नहीं है। सरकार का उद्देश्य स्ट्रीट डॉग्स की जनसंख्या नियंत्रण, नसबंदी और नियमित वैक्सीनेशन को बढ़ावा देना भी है। विशेषज्ञों का कहना है कि बिना नसबंदी के समस्या स्थायी रूप से खत्म नहीं हो सकती, इसलिए यह पहल दीर्घकालीन समाधान की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बढ़ेगी सुरक्षा
योजना के पूरी तरह लागू होने के बाद ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में आम लोगों की सुरक्षा बढ़ेगी। स्कूल जाने वाले बच्चों, सुबह-शाम टहलने वाले लोगों और ग्रामीण इलाकों में खेतों में काम करने वालों को खास राहत मिलने की उम्मीद है।
महत्वपूर्ण और दूरगामी पहल
बिहार सरकार की यह पहल स्ट्रीट डॉग्स की समस्या से निजात दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और दूरगामी कदम मानी जा रही है। यदि योजना समयबद्ध और प्रभावी तरीके से लागू होती है, तो इससे न केवल डॉग बाइट के मामलों में कमी आएगी, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी। हेल्पलाइन नंबर जारी होने के बाद लोग संबंधित जिला वेबसाइट या पंचायत कार्यालय से इसकी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

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