पटना में कोहरे के कारण दो कार के बीच टक्कर, हादसे में दो डॉक्टरों की मौत

पटना। राजधानी के पटना-बख्तियारपुर फोरलेन पर सोमवार सुबह घने कोहरे के कारण हुए भीषण सड़क हादसे में दो डॉक्टरों की दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे ने न केवल मृतकों के परिवार को गहरे शोक में डुबो दिया है, बल्कि यातायात सुरक्षा और कोहरे में सावधानी की अनदेखी पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। हादसा पटना से नवादा जाने के रास्ते में बख्तियारपुर से लगभग 5 किलोमीटर पहले हुआ। दुर्घटना में जान गंवाने वाले डॉक्टरों की पहचान मोतिहारी निवासी डॉ. नियाज अहमद और दिघवारा निवासी डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव के रूप में हुई है। दोनों डॉक्टर पटना से नवादा स्थित अपने निजी नर्सिंग होम जा रहे थे। परिजनों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह के समय घना कोहरा छाया हुआ था, जिससे दृश्यता बहुत कम हो गई थी। इसी दौरान, एक गाड़ी रॉन्ग साइड से आ रही थी और दोनों कारों के बीच आमने-सामने की टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों डॉक्टरों की मौके पर ही मौत हो गई। डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव के पिता जयप्रकाश सिंह ने बताया कि वे ड्यूटी पर थे, जब उन्हें हादसे की सूचना मिली। आनन-फानन में घटनास्थल पर पहुंचने पर उन्होंने इस दर्दनाक हादसे के बारे में जाना। इस हादसे ने मृतकों के परिवारों को गहरे शोक में डाल दिया है। परिजनों ने कहा कि दोनों डॉक्टर अपने कार्यक्षेत्र में बेहद समर्पित और होनहार थे। उनकी असमय मौत से न केवल उनके परिवार, बल्कि समाज को भी बड़ी क्षति हुई है। स्थानीय लोगों ने कोहरे में सावधानीपूर्वक वाहन चलाने की अपील की है और प्रशासन से मांग की है कि फोरलेन पर रॉन्ग साइड ड्राइविंग जैसी खतरनाक गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाई जाए। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। यह हादसा एक बार फिर से कोहरे के दौरान वाहन चलाने के खतरों की ओर इशारा करता है। ऐसी परिस्थितियों में वाहन चालकों को धीमी गति से वाहन चलाना चाहिए, हेडलाइट्स और फॉग लाइट्स का इस्तेमाल करना चाहिए, और सड़क पर अन्य वाहनों से उचित दूरी बनाए रखनी चाहिए। यह घटना हमें यह सीख देती है कि सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों का पालन करना कितना महत्वपूर्ण है। प्रशासन को कोहरे के दौरान सड़क सुरक्षा के उपायों को सख्ती से लागू करना चाहिए और रॉन्ग साइड ड्राइविंग जैसी लापरवाहियों को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए। डॉ. नियाज अहमद और डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव की मौत न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ी क्षति है। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
