मोतिहारी में आरजेडी अति पिछड़ा प्रकोष्ठ का जिलाध्यक्ष एक करोड़ की अफीम के साथ गिरफ्तार, पुलिस ने दो अन्य लोगों को भी दबोचा

मोतिहारी। मोतिहारी के कोटवा थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष शंभू गुप्ता को अफीम तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, क्योंकि गिरफ्तार व्यक्ति एक राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ था और समाज में प्रभावशाली छवि रखता था।
गुप्त सूचना के आधार पर हुई कार्रवाई
कोटवा थाना को गुप्त रूप से जानकारी मिली थी कि इलाके में मादक पदार्थों की तस्करी की बड़ी खेप पहुंचने वाली है। इस सूचना पर संज्ञान लेते हुए सदर एसडीपीओ टू जितेश पांडे के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने छापेमारी कर शंभू गुप्ता के साथ बांका और उत्तर प्रदेश से आए दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया।
एक करोड़ रुपए की अफीम बरामद
पुलिस ने इस कार्रवाई में करीब एक करोड़ रुपए मूल्य की अफीम बरामद की है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि अरविंद गुप्ता नाम का व्यक्ति, जो इस गिरोह का हिस्सा है, नेपाल से अफीम मंगवाकर इसे उत्तर प्रदेश और बिहार के विभिन्न जिलों में सप्लाई करता था। गिरफ्तार आरोपियों के पास से अफीम की खेप के साथ मोबाइल फोन, कुछ दस्तावेज और अन्य संदिग्ध सामग्रियां भी मिली हैं।
राजनीतिक पद का इस्तेमाल
जांच में यह भी सामने आया है कि शंभू गुप्ता ने अपने राजनीतिक पद और प्रभाव का उपयोग करते हुए इस तस्करी रैकेट को लंबे समय से संचालित किया। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि क्या वह अपने राजनीतिक संपर्कों के जरिये इस काले कारोबार को संरक्षण देता था। शंभू गुप्ता पर पहले से ही तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनका आपराधिक इतिहास पहले से ही रहा है।
गिरोह की जड़ें और नेटवर्क की जांच
पुलिस अब इस बात की पड़ताल कर रही है कि यह गिरोह किन-किन इलाकों में सक्रिय था और इसमें और कौन-कौन लोग शामिल हो सकते हैं। साथ ही यह भी जांच का विषय है कि बरामद की गई अफीम की खेप किसे भेजी जानी थी और किन चैनलों के जरिए इसकी आपूर्ति होनी थी।
सीमावर्ती इलाकों में सक्रियता पर चिंता
यह मामला एक बार फिर यह संकेत देता है कि सीमावर्ती जिलों में नशीली दवाओं की तस्करी किस हद तक फैली हुई है और इसमें राजनीतिक तत्वों की संलिप्तता कितनी गंभीर हो सकती है। मोतिहारी और नेपाल सीमा से लगे क्षेत्रों में मादक पदार्थों की तस्करी एक बड़ा खतरा बन चुका है।
कानून का शिकंजा और आगे की कार्रवाई
फिलहाल पुलिस ने तीनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। साथ ही इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की पहचान करने और पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए विशेष टीम को लगाया गया है। इस घटना ने प्रशासन और आम जनता को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अगर राजनीतिक दलों से जुड़े लोग ही नशे के कारोबार में शामिल पाए जाएं, तो समाज में कानून और व्यवस्था बनाए रखना कितनी बड़ी चुनौती बन सकता है।
