पटना में कोचिंग सेंटर में बैठने को लेकर दो छात्रों में विवाद, जान से मारने की दी धमकी, शिकायत करने थाने पहुंचा छात्र

पटना। पटना में कोचिंग सेंटरों की बढ़ती संख्या और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे छात्रों का दबाव अक्सर तनावपूर्ण माहौल को जन्म देता है। इसी तनाव के बीच एक ताजा मामला सामने आया है, जिसने शैक्षणिक माहौल की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कोचिंग क्लास के दूसरे दिन ही हुआ विवाद
घटना पटना के एग्जीबिशन रोड स्थित एक प्रसिद्ध निजी कोचिंग संस्थान की है। यहां एक छात्र, जिसने हाल ही में संस्थान में दाखिला लिया था, केवल दूसरे दिन ही विवाद में उलझ गया। छात्र ने बताया कि उसने 26 जून को कोचिंग में एडमिशन लिया था और 1 जुलाई से नियमित कक्षाएं जॉइन की थीं। जब वह दूसरी बार कक्षा में पहुंचा तो उसे खाली सीट दिखी और वह वहीं बैठ गया।
‘गर्लफ्रेंड की सीट’ को लेकर हुआ विवाद
सीट पर बैठने के कुछ ही समय बाद एक अन्य छात्र वहां आया और उससे विवाद शुरू कर दिया। उसने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वह उसकी गर्लफ्रेंड की सीट के पीछे कैसे बैठ सकता है। विवाद को और आगे बढ़ने से रोकने के लिए पीड़ित छात्र खुद उठकर हटने को भी तैयार हो गया। लेकिन मामला यहीं नहीं थमा।
टॉयलेट से लौटते वक्त दी गई धमकी
पीड़ित छात्र के अनुसार, जब वह टॉयलेट से लौटा, तो वही छात्र आक्रामक लहजे में उसे धमकाने लगा। उसने खुद को आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति बताते हुए कहा कि उसके ऊपर तीन हाफ मर्डर के केस चल रहे हैं। साथ ही, उसने पीड़ित को धमकाया कि वह उसे बाहर बुलाकर सबक सिखाएगा।
थाने में पहुंचकर लगाई जान की गुहार
डर और घबराहट के मारे छात्र कोचिंग से सीधे गांधी मैदान थाना पहुंच गया। थाने में मौजूद पुलिसकर्मी से उसने कहा कि उसकी जान को खतरा है और पुलिस उसकी मदद करे। छात्र ने पुलिस को पूरी घटना विस्तार से बताई और कहा कि उसे उस छात्र से जान का खतरा है।
छात्र का पारिवारिक परिवेश और डर
बताया जा रहा है कि पीड़ित छात्र पटना में अपने बड़े भाई के साथ किराए के मकान में रहता है और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। वह बेहद डरा हुआ था और बार-बार कह रहा था कि कोचिंग सेंटर में अब वह सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है। छात्र का यह डर केवल उसकी मानसिक स्थिति को ही नहीं, बल्कि कोचिंग संस्थानों के भीतर सुरक्षा और अनुशासन की कमी को भी उजागर करता है।
कोचिंग संस्थानों में अनुशासन की चुनौती
यह घटना कोचिंग संस्थानों में बढ़ती भीड़ और अनुशासनहीनता की गंभीरता को सामने लाती है। जब छात्र किसी कोचिंग में नामांकन लेते हैं, तो वे वहां शिक्षा और सुरक्षित माहौल की उम्मीद लेकर आते हैं। लेकिन यदि वहां व्यक्तिगत झगड़े, धमकी और अपराध की बात होने लगे, तो यह न केवल पढ़ाई के माहौल को बिगाड़ता है, बल्कि छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डालता है।
पुलिस ने दिया सुरक्षा का आश्वासन
गांधी मैदान थाने की पुलिस ने छात्र की शिकायत को गंभीरता से लिया है और उसे हरसंभव सुरक्षा देने की बात कही है। साथ ही, इस मामले में कोचिंग संस्थान से भी बात की जाएगी ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। पटना जैसे शैक्षणिक हब में छात्रों की सुरक्षा, मानसिक शांति और पढ़ाई का माहौल सुनिश्चित करना न केवल कोचिंग संस्थानों बल्कि प्रशासन की भी जिम्मेदारी है। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि अब शैक्षणिक संस्थानों में अनुशासन और संवेदनशीलता दोनों की सख्त जरूरत है, ताकि छात्रों की पढ़ाई और भविष्य सुरक्षित रह सके।

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