पटना में विकलांग महिला का पति पर गंभीर आरोप, मारपीट और जबरन संबंध बनाने की शिकायत, मामला दर्ज
पटना। राजधानी पटना से घरेलू हिंसा और महिला उत्पीड़न का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां एक दिव्यांग महिला ने अपने ही पति पर मारपीट, जबरन शारीरिक संबंध बनाने की मांग और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि पति न केवल उसके साथ हिंसा करता है, बल्कि बच्चों के सामने ही आपत्तिजनक हरकतें करता है, जिससे वह मानसिक रूप से टूट चुकी है। लगातार प्रताड़ना से तंग आकर महिला ने सखी वन स्टॉप सेंटर, पटना में शिकायत दर्ज कराई है। मामला पटना सिटी क्षेत्र का बताया जा रहा है।
पीड़िता के आरोप: बच्चों के सामने उत्पीड़न और मारपीट
पीड़िता ने बताया कि उसका पति अक्सर शराब के नशे में घर लौटता है और जबरन संबंध बनाने की जिद करता है। महिला का कहना है कि कई बार पति बच्चों के सामने ही उसके साथ अशोभनीय व्यवहार करता है—कभी कमर पकड़ लेता है तो कभी कपड़े उतारने की कोशिश करता है। महिला ने कहा, “कोई भी मां अपने बच्चों के सामने ऐसा नहीं चाहेगी। जब मैं मना करती हूं, तो वह मुझे मारता है।” पीड़िता के अनुसार, पति की इस हरकत से बच्चों पर भी बुरा असर पड़ रहा है और घर का माहौल भयावह हो चुका है।
दूसरी महिला से संबंध का भी आरोप
पीड़िता ने पति पर दूसरी महिला से संबंध होने का आरोप भी लगाया है। उसने बताया कि पति रात में यह कहकर घर से निकलता था कि वह रिक्शा चलाने जा रहा है ताकि ज्यादा पैसे कमा सके। शुरुआत में उसे इस पर कोई शक नहीं हुआ, लेकिन जब यह सिलसिला कई दिनों तक चला, तब पड़ोस की एक महिला ने बताया कि उसने उसके पति को किसी दूसरी महिला के साथ देखा है। पीड़िता का दावा है कि जब उसने पति से इस बारे में सवाल किया, तो उसे पीटा गया और झगड़े बढ़ते चले गए। एक दिन उसने पति को दूसरी महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में भी देखने का आरोप लगाया है।
‘पत्नी मर चुकी है’ कहकर पहचान छिपाने का आरोप
महिला ने यह भी आरोप लगाया कि उसका पति दूसरी महिला के सामने यह कहता है कि उसकी पत्नी मर चुकी है और वह उसे अपनी भाभी बताता है। पीड़िता के अनुसार, इस घटना के दौरान उसके साथ बुरी तरह मारपीट की गई, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं। इन घटनाओं से आहत होकर महिला ने अपने बच्चों के भविष्य और अपनी सुरक्षा को लेकर वन स्टॉप सेंटर की शरण ली।
पति का पक्ष: आरोपों को बताया झूठा
दूसरी ओर, महिला के पति विष्णु (36 वर्ष) ने पत्नी द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया है। उसका कहना है कि उसकी पत्नी के ही अन्य पुरुषों से संबंध हैं। पति ने आरोप लगाया कि जब वह बाहर रहकर काम करता था और सुबह फोन करता था, तो पत्नी का फोन अक्सर व्यस्त आता था। उसने यह भी दावा किया कि पत्नी ने उसकी बेटी पर हाथ उठाया था। विष्णु ने कहा, “अगर मेरी पत्नी कहती है कि मेरा किसी दूसरी महिला से संबंध है, तो वह सबूत दिखाए।” उसने यह भी कहा कि पत्नी दिव्यांग है, इसलिए उसके मामले को ज्यादा तवज्जो मिलती है, जबकि पुरुष की कोई नहीं सुनता।
वन स्टॉप सेंटर का बयान: महिला घायल अवस्था में पहुंची
सखी वन स्टॉप सेंटर की काउंसलर शिल्पी कुमारी ने बताया कि पीड़िता 2 दिसंबर को आवेदन लेकर केंद्र पहुंची थी और उस समय वह बुरी तरह घायल थी। काउंसलर के अनुसार, महिला के सिर से खून बह रहा था, जिसके बाद सबसे पहले उसे मेडिकल उपचार उपलब्ध कराया गया। पूछताछ में यह सामने आया कि पति अत्यधिक शराब पीता है और शक के आधार पर मारपीट करता है। काउंसलर ने यह भी बताया कि महिला का मोबाइल फोन छीन लिया गया था, ताकि वह किसी से संपर्क न कर सके।
स्थानीय जांच और काउंसलिंग की कोशिश
वन स्टॉप सेंटर की टीम ने कार्रवाई के तहत महिला के घर जाकर स्थानीय लोगों से पूछताछ की। काउंसलर के मुताबिक, आसपास के लोगों ने भी महिला के आरोपों की पुष्टि की। इसके बाद दोनों पक्षों को केंद्र बुलाकर काउंसलिंग की गई। हालांकि, पति मोबाइल देने को तैयार नहीं हुआ और दोनों के बीच आपसी सहमति नहीं बन पाई। महिला ने काउंसलिंग के दौरान कहा कि वह आत्मनिर्भर बनना चाहती है और काम करना चाहती है, जिसके लिए उसे मोबाइल की जरूरत है।
अगली तारीख तय, मामला जारी
काउंसलर शिल्पी कुमारी ने बताया कि फिलहाल दोनों पक्षों के बीच समझौता नहीं हो सका है, इसलिए अगली तारीख दी गई है। वन स्टॉप सेंटर आगे भी काउंसलिंग और कानूनी सहायता प्रदान करेगा।
परिवारिक पृष्ठभूमि और स्थिति
दोनों की शादी वर्ष 2012 में हुई थी। दंपती के तीन बच्चे हैं—दो बेटे और एक बेटी। महिला जन्म से दिव्यांग नहीं है, बल्कि उसे 10 वर्ष की उम्र में पोलियो हुआ था। परिवार फिलहाल एक कमरे के किराए के मकान में रहता है। पति रिक्शा चलाता है और 2018 में तमिलनाडु कमाने गया था, जहां से वह इसी साल छठ के दौरान लौटा। महिला का कहना है कि पिछले दो महीनों से मारपीट और गाली-गलौज बढ़ गई थी, जिससे परेशान होकर उसने सहायता के लिए वन स्टॉप सेंटर का रुख किया। पटना से सामने आया यह मामला घरेलू हिंसा, महिलाओं की सुरक्षा और दिव्यांग महिलाओं के अधिकारों से जुड़े गंभीर सवाल खड़े करता है। एक ओर पीड़िता ने शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं, वहीं दूसरी ओर पति ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए उलटे आरोप लगाए हैं। फिलहाल मामला काउंसलिंग और जांच के स्तर पर है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि जांच और कानूनी प्रक्रिया के बाद पीड़िता को किस तरह की सुरक्षा और न्याय मिल पाता है।


