October 30, 2025

खालिस्तानी आतंकवादी ने पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ को दी धमकी, अमिताभ बच्चन से जुड़ा मामला, सुरक्षा बढ़ी

नई दिल्ली। खालिस्तानी आतंकी संगठन की ओर से मशहूर पंजाबी गायक दिलजीत दोसांझ को धमकी देने का मामला सामने आया है। यह विवाद तब और ज्यादा गंभीर हो गया जब खालिस्तान समर्थक और सिख्स फॉर जस्टिस संगठन का मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू ने बयान जारी कर दिलजीत के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। पन्नू की धमकी केवल दिलजीत तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि उसने इस मामले में बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन को भी घसीट लिया। इस घटनाक्रम ने न केवल मनोरंजन जगत बल्कि सुरक्षा एजेंसियों को भी सतर्क कर दिया है।
दिलजीत दोसांझ का सिडनी कंसर्ट विवाद
दिलजीत दोसांझ का 1 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में कंसर्ट होना प्रस्तावित है। पन्नू ने धमकी भरे संदेशों में कहा है कि इस कंसर्ट को रद्द कर दिया जाए, अन्यथा इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उसने दावा किया कि यह कार्यक्रम उस दिन हो रहा है जिसे अकाल तख्त साहिब ने 1984 सिख नरसंहार स्मृति दिवस के रूप में घोषित किया है। ऐसे में इस दिन मनोरंजन कार्यक्रम करना सिख पीड़ितों का अपमान बताया जा रहा है। यह धमकी केवल कार्यक्रम रद्द कराने तक सीमित नहीं है, बल्कि पन्नू ने यह घोषणा भी की है कि उसकी संगठन सिडनी में कंसर्ट स्थल के बाहर विरोध प्रदर्शन करेगा।
अमिताभ बच्चन से जुड़ा विवाद
यह विवाद अचानक तब गहरा गया जब पन्नू ने दिलजीत दोसांझ द्वारा एक कार्यक्रम के दौरान अमिताभ बच्चन के पैर छूने की घटना को मुद्दा बना दिया। पन्नू का दावा है कि अमिताभ बच्चन ने 1984 में सिख विरोधी हिंसा का समर्थन किया था और वह नरसंहार के समय भीड़ को भड़काने वाले नारों से जुड़े थे। पन्नू ने आरोप लगाया कि अमिताभ बच्चन ने उस समय खून का बदला खून जैसे नारे दिए थे। हालांकि इन आरोपों की पुष्टि पहले भी नहीं हुई है और अमिताभ बच्चन ने ऐसे आरोपों से हमेशा इनकार किया है, लेकिन पन्नू लगातार इस मुद्दे को उछालकर इसे सिख भावनाओं से जोड़ने की कोशिश कर रहा है।
दिलजीत पर अपमान का आरोप
पन्नू का कहना है कि दिलजीत दोसांझ ने अमिताभ बच्चन के पैर छूकर उन हजारों सिखों के साथ हुए अत्याचार और उनके परिवारों के दर्द को नजरअंदाज किया है। उसने इसे 1984 के हर पीड़ित, विधवा और अनाथ के घावों पर नमक छिड़कने जैसा बताया। इसी आधार पर पन्नू ने दिलजीत को निशाने पर लिया और उससे सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की। यहां यह भी ध्यान देने योग्य है कि पन्नू पहले भी कई बॉलीवुड और पंजाबी कलाकारों को अपने एजेंडे में शामिल करने की कोशिश करता रहा है, लेकिन अधिकतर कलाकार उसकी धमकियों की उपेक्षा करते आए हैं।
सिख्स फॉर जस्टिस की रैली और कार्रवाई की मांग
इस मामले को और आगे बढ़ाते हुए सिख्स फॉर जस्टिस ने अकाल तख्त के जत्थेदार को पत्र लिखकर दिलजीत दोसांझ को तलब करने और उनसे स्पष्टीकरण लेने की मांग की है। संगठन का कहना है कि दिलजीत को यह बताना होगा कि उन्होंने किन परिस्थितियों में अमिताभ बच्चन को सम्मान दिया और क्यों उन्होंने सिडनी कंसर्ट की तारीख ऐसे दिन रखी, जब सिख समुदाय अपने नरसंहार के पीड़ितों को याद करता है।
सुरक्षा व्यवस्था में वृद्धि
धमकी मिलने के बाद दिलजीत दोसांझ की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां और विदेशों में स्थित खुफिया इकाइयां इस कार्यक्रम और पन्नू की गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। यह पहली बार नहीं है जब पन्नू ने किसी हाई-प्रोफाइल व्यक्ति या आयोजन को निशाना बनाया हो। वह लगातार सोशल मीडिया और वीडियो संदेशों के माध्यम से भारत के खिलाफ प्रचार करता रहता है। दिलजीत दोसांझ और अमिताभ बच्चन को लेकर पैदा हुआ यह विवाद केवल मनोरंजन जगत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राजनीतिक और धार्मिक भावनाओं से भी जुड़ा हुआ दिखाई देता है। पन्नू की ओर से दी गई धमकियाँ खालिस्तान आंदोलन को फिर से हवा देने की कोशिश मानी जा रही हैं। वहीं दूसरी तरफ दिलजीत दोसांझ और उनके प्रशंसकों के लिए यह समय संयम और सतर्कता का है। यह घटना इस बात का भी संकेत है कि विदेशों में रहने वाले अलगाववादी तत्व भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक एकता को चुनौती देने के प्रयास लगातार जारी रखते हैं।

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