लालू पर दिलीप जायसवाल का हमला, कहा- राजद सुप्रीमो खुद अपराधी, इसीलिए किया अपराधियों का प्रचार
पटना। बिहार की सियासत इन दिनों चरम पर है। विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज़ हो गए हैं। मंगलवार को बिहार बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने लालू यादव के हालिया रोड शो और रीतलाल यादव के समर्थन में प्रचार करने को लेकर कहा कि यह उनके स्वभाव और राजनीतिक चरित्र का ही हिस्सा है, क्योंकि वे खुद सजायाफ्ता हैं।
लालू यादव पर सीधा निशाना
दिलीप जायसवाल ने कहा कि लालू प्रसाद यादव का इतिहास अपराध और भ्रष्टाचार से जुड़ा रहा है। चारा घोटाले के मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद उनका अपराधियों के साथ मंच साझा करना और उनका प्रचार करना कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि जब किसी नेता का अतीत स्वयं अपराध और भ्रष्टाचार से जुड़ा हो, तो वह समाज में सुधार या कानून व्यवस्था की बात नहीं कर सकता। जायसवाल के अनुसार, लालू यादव का यह रवैया दिखाता है कि राजद आज भी वही पुरानी राजनीति कर रही है, जिसमें अपराधियों को संरक्षण और समर्थन देना आम बात है।
तेजस्वी और तेजप्रताप के विवाद पर टिप्पणी
दिलीप जायसवाल ने यादव परिवार में चल रहे राजनीतिक मतभेदों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जो लोग अपने परिवार को नहीं संभाल सकते, वे बिहार जैसे राज्य को कैसे संभाल पाएंगे। जायसवाल ने कहा कि तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के बीच का विवाद अब किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि “राजद में नेतृत्व को लेकर जो बिखराव है, वह बताता है कि यह दल एक परिवार तक सीमित होकर रह गया है। जिस परिवार में मतभेद खत्म नहीं हो रहे, वह समाज को एकजुट करने की बात कैसे कर सकता है।”
महागठबंधन पर हमला
बीजेपी अध्यक्ष ने महागठबंधन की एकता और सीट बंटवारे के मुद्दे पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सीट शेयरिंग और उम्मीदवारों की घोषणा के दौरान महागठबंधन में असहमति दिखी, वह साफ इशारा है कि यह गठबंधन सिर्फ सत्ता के लिए बना है, न कि जनता की सेवा के लिए। जायसवाल ने कहा कि महागठबंधन में शामिल दलों के बीच न विचारधारा की एकता है, न ही लक्ष्य की स्पष्टता। यह गठबंधन केवल स्वार्थ और अवसरवाद पर आधारित है। उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता इन सब बातों को बारीकी से देख रही है और उसने पहले ही मन बना लिया है कि राज्य में फिर से एनडीए की सरकार बनने जा रही है।
तेजप्रताप यादव को लेकर उठी अटकलों पर सफाई
हाल के दिनों में यह चर्चा थी कि लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव एनडीए के संपर्क में हैं। इस पर दिलीप जायसवाल ने स्पष्ट किया कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि “तेजप्रताप जी से हमारी कोई संपर्क या बातचीत नहीं है। यह उनका व्यक्तिगत एजेंडा हो सकता है, लेकिन बीजेपी का इससे कोई लेना-देना नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी अफवाहें फैलाकर विपक्षी दल भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि जनता का ध्यान असली मुद्दों से हटाया जा सके।
ललन सिंह के वीडियो विवाद पर प्रतिक्रिया
केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के उस वायरल वीडियो पर, जिसमें उन्होंने कथित रूप से विपक्षी मतदाताओं को मतदान से रोकने की बात कही थी, दिलीप जायसवाल ने सावधानीपूर्वक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वीडियो क्लिप का पूरा संदर्भ सामने आने के बाद ही कोई ठोस टिप्पणी की जा सकती है। “उस समय वह जो बोल रहे थे, वीडियो क्लिप में कितना दिख रहा है, यह देखने का विषय है। जब तक ऑरिजिनल वीडियो में सच्चाई स्पष्ट नहीं होती, तब तक कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।” उन्होंने कहा कि बीजेपी हमेशा आचार संहिता का पालन करती है और पार्टी के किसी भी नेता द्वारा नियमों का उल्लंघन किया जाएगा तो पार्टी उचित कार्रवाई करेगी।
बिहार की जनता का मूड एनडीए के पक्ष में
जायसवाल ने दावा किया कि बिहार की जनता एनडीए सरकार के काम से संतुष्ट है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य ने विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ है। उन्होंने कहा कि एनडीए ने बिजली, सड़क, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में जो काम किया है, उसका कोई मुकाबला नहीं है। बिहार की जनता विकास और सुशासन चाहती है, न कि अपराध और परिवारवाद की राजनीति।
लालू परिवार और राजद की राजनीति पर टिप्पणी
बीजेपी अध्यक्ष ने यह भी कहा कि लालू यादव की राजनीति अब पुरानी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि “राजद की राजनीति आज भी जाति और समुदाय के आधार पर वोट मांगने की है। वे विकास की बात नहीं करते, सिर्फ समाज को बांटने का काम करते हैं।” जायसवाल ने आगे कहा कि लालू यादव का अपराधियों के साथ मंच साझा करना यह बताता है कि उनका उद्देश्य बिहार को आगे बढ़ाना नहीं बल्कि फिर से ‘जंगलराज’ लौटाना है। दिलीप जायसवाल का यह बयान बिहार की चुनावी राजनीति में नया सियासी तापमान लेकर आया है। उन्होंने न केवल लालू यादव और राजद पर सीधे हमले किए बल्कि महागठबंधन की एकता पर भी सवाल उठाया। उनके बयान से यह स्पष्ट होता है कि बीजेपी और एनडीए इस चुनाव को कानून-व्यवस्था, विकास और परिवारवाद बनाम सुशासन के मुद्दे पर लड़ना चाह रहे हैं। वहीं विपक्ष पर भ्रष्टाचार और विफलता का ठप्पा लगाने की कोशिश भी जारी है। बिहार की जनता अब यह तय करेगी कि उसे विकास की राजनीति चाहिए या फिर वही पुराना विवादित और अस्थिर शासन, जिसकी झलकें जायसवाल ने लालू यादव के भाषणों और उनके प्रचार अभियान में देखने को मिली बताई।


