October 28, 2025

फुलवारीशरीफ में करंट लगने से युवक की दर्दनाक मौत, परिवार में मचा कोहराम

पटना। राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ थाना क्षेत्र में सोमवार को एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। एफसीआई रोड स्थित खटाल के पास 29 वर्षीय युवक की करंट लगने से मौत हो गई। मृतक की पहचान विंध्याचल कुमार के रूप में की गई है, जो स्थानीय निवासी सुबोध राय के पुत्र बताए जाते हैं। हादसे के बाद परिवार में मातम का माहौल है, वहीं स्थानीय लोगों में भी गुस्सा और दुख देखा जा रहा है। जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह विंध्याचल कुमार अपने खटाल के पास जानवर को लेने गए थे। इसी दौरान वहां ऊपर से गुजर रही बिजली की तार अचानक टूटकर नीचे गिर गई और पानी भरे गड्ढे में करंट प्रवाहित हो गया। विंध्याचल जैसे ही अपने जानवर को पानी से बाहर निकालने के लिए गड्ढे में उतरे, वे बिजली की चपेट में आ गए। स्थानीय लोगों ने जब उन्हें गिरते देखा तो तुरंत बिजली विभाग को सूचना दी और लाइन कटवाने की कोशिश की गई, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
बिजली विभाग की लापरवाही पर उठे सवाल
स्थानीय निवासियों ने बिजली विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। लोगों का कहना है कि इस इलाके में लंबे समय से जर्जर तारों को बदलने की मांग की जा रही थी, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। “यह हादसा पूरी तरह से विभाग की लापरवाही का परिणाम है। अगर समय रहते तार बदले गए होते तो आज एक मासूम परिवार का सहारा नहीं छिनता,” एक स्थानीय निवासी ने गुस्से में कहा।
अस्पताल ले जाते समय तोड़ा दम
घटना के तुरंत बाद लोगों ने घायल विंध्याचल कुमार को निजी वाहन से इलाज के लिए एम्स पटना भेजा। हालांकि, रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि अस्पताल पहुंचने के बाद भी औपचारिकता पूरी करने में काफी देर हो गई। देर शाम तक शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया था और अस्पताल प्रशासन की ओर से कहा गया कि पोस्टमार्टम की प्रक्रिया बुधवार को की जाएगी।
तीन बच्चों के सिर से उठा पिता का साया
मृतक विंध्याचल कुमार विवाहित थे। वे अपनी पत्नी और तीन छोटे बच्चों—दो बेटियाँ और एक बेटा—के साथ रहते थे। परिवार के सदस्य मूल रूप से गौरैया स्थान नीलकंठ ओला मंदिर के पास के रहने वाले हैं, जो करीब छह-सात साल पहले फुलवारी रोड स्थित एफसीआई परिसर के पास खटाल चलाने के लिए आकर बसे थे। विंध्याचल के पिता सुबोध राय इलाके में खटाल चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते थे, और विंध्याचल भी इसी काम में उनका सहयोग करते थे। बेटे की असामयिक मृत्यु से पिता का रो-रोकर बुरा हाल है।
इलाके में पसरा मातम, लोगों की आंखें नम
हादसे की खबर फैलते ही पूरे इलाके में सन्नाटा पसर गया। आसपास के लोग बड़ी संख्या में खटाल पर जुटे और परिजनों को ढांढस बंधाने की कोशिश करते रहे। मृतक की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। पड़ोसी महिलाएं लगातार उसे सांत्वना देने की कोशिश करती रहीं, लेकिन घर के अंदर मातम का माहौल था। विंध्याचल के तीनों छोटे बच्चे अपने पिता की मौत से अनजान खेलते दिखाई दिए, जिसे देखकर लोगों की आंखें नम हो गईं।
पानी भरे गड्ढे में जानवर को बचाते हुए हुआ हादसा
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के समय खटाल के पास का इलाका बारिश के कारण पूरी तरह जलमग्न था। इसी दौरान खटाल के एक जानवर का पैर फिसल गया और वह पानी भरे गड्ढे में चला गया। विंध्याचल ने बिना देर किए जानवर को बचाने के लिए जैसे ही गड्ढे में कदम रखा, तभी टूटे हुए तार से करंट पूरे पानी में फैल गया और वह चपेट में आ गए।
प्रशासन और बिजली विभाग के खिलाफ कार्रवाई की मांग
स्थानीय लोगों ने प्रशासन और बिजली विभाग से इस हादसे की जांच की मांग की है। लोगों का कहना है कि हर साल बारिश के मौसम में क्षेत्र में तार टूटने की घटनाएं आम बात हैं, लेकिन विभाग तब भी गंभीर नहीं होता। लोगों ने कहा कि अगर दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर भेजा पोस्टमार्टम के लिए
घटना की सूचना मिलते ही फुलवारीशरीफ थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और शव को पोस्टमार्टम के लिए एम्स भेज दिया। थानाध्यक्ष ने बताया कि प्रारंभिक जांच में करंट लगने से मौत की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
परिवार की आर्थिक स्थिति हुई कमजोर, मदद की गुहार
मृतक के परिवार की आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर बताई जा रही है। विंध्याचल ही घर का मुख्य सहारा थे। उनकी मौत के बाद परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मृतक के परिवार को मुआवजा और आर्थिक सहायता देने की मांग की है।
समाजसेवियों और जनप्रतिनिधियों ने जताया दुख
इस दर्दनाक हादसे की खबर मिलने के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधि और समाजसेवी भी शोक व्यक्त करने पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। वहीं कई लोगों ने सरकार से बिजली विभाग की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। फुलवारीशरीफ में इस हादसे ने न केवल एक परिवार का सहारा छीन लिया, बल्कि यह भी उजागर कर दिया कि शहर में बिजली व्यवस्था किस कदर लापरवाही का शिकार है। यदि समय रहते जर्जर तारों की मरम्मत कर दी जाती, तो शायद आज विंध्याचल कुमार जिंदा होते। परिवार अब न्याय और सहायता की उम्मीद लगाए बैठा है।

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