September 30, 2025

बेगूसराय में बूढ़ी गंडक नदी में डूबने से महिला की मौत, गोताखोरों ने बरामद किया शव

बेगूसराय। बिहार के बेगूसराय जिले में शुक्रवार देर शाम एक दर्दनाक हादसा हुआ जिसने पूरे गांव को गमगीन कर दिया। नावकोठी प्रखंड के छतौना पंचायत में बूढ़ी गंडक नदी में एक महिला की डूबने से मौत हो गई। यह घटना अचानक घटी और किसी ने इसकी कल्पना तक नहीं की थी।
हादसे की शुरुआत
जानकारी के अनुसार मृतका का नाम गीता देवी था, जिनकी उम्र 46 वर्ष थी। वे टूना महतो की पत्नी थीं और छतौना पंचायत के वार्ड संख्या-13 में रहती थीं। शुक्रवार की शाम गीता देवी किसी काम से नदी किनारे गई थीं। ग्रामीणों के मुताबिक, नदी के पास पहुंचते ही उनका पैर फिसल गया और वे गहरे पानी में जा गिरीं।
ग्रामीणों की कोशिश
गीता देवी के नदी में गिरते ही वहां मौजूद कुछ ग्रामीणों ने उन्हें बचाने का प्रयास किया। कई लोग पानी में उतरे और आस-पास तलाश शुरू कर दी, लेकिन गहरे पानी में डूब जाने के कारण उन्हें निकालना संभव नहीं हो पाया। रात तक ग्रामीण खुद खोजबीन करते रहे, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
गोताखोरों की मदद ली गई
रातभर की असफल कोशिशों के बाद शनिवार सुबह स्थानीय गोताखोरों को बुलाया गया। गोताखोरों ने कई घंटों तक मशक्कत की और आखिरकार सुबह करीब आठ बजे गीता देवी का शव नदी से बरामद किया गया। शव मिलने के बाद गांव में शोक का माहौल फैल गया और मृतका के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
परिवार पर टूटा दुख का पहाड़
गीता देवी के निधन से उनका परिवार गहरे सदमे में है। अचानक हुई इस दुर्घटना ने परिवार की खुशियां छीन लीं। ग्रामीणों ने बताया कि गीता देवी गांव की एक साधारण और मिलनसार महिला थीं। उनके असमय निधन से न केवल परिवार बल्कि पूरा गांव दुखी है।
प्रशासन की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही अंचल प्रशासन और नावकोठी थाना पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। प्रशासन की ओर से परिजनों को सांत्वना दी गई और आगे की आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी गई।
गांव का माहौल
शव बरामद होने के बाद पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया। हर किसी की जुबान पर यही था कि जीवन कितना अनिश्चित है। एक पल में हंसता-खेलता परिवार मातम में बदल गया। ग्रामीणों ने परिवार के साथ खड़े होने की बात कही और दुख की इस घड़ी में सहयोग का आश्वासन दिया।
नदी किनारे की असुरक्षा
यह हादसा यह भी दर्शाता है कि नदी किनारे सुरक्षा की कमी अब भी एक बड़ी समस्या है। कई बार लोग बिना किसी सावधानी के नदी किनारे चले जाते हैं और छोटी-सी चूक बड़ा हादसा बन जाती है। बूढ़ी गंडक जैसी गहरी नदियों के किनारे स्थानीय प्रशासन को चेतावनी बोर्ड या सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को टाला जा सके। बेगूसराय की यह घटना केवल एक परिवार की व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए चेतावनी है कि लापरवाही और असावधानी कितनी घातक हो सकती है। गीता देवी की असमय मृत्यु ने यह संदेश दिया है कि नदी जैसे खतरनाक स्थलों पर सतर्कता बेहद जरूरी है। प्रशासन और ग्रामीणों दोनों को मिलकर ऐसे कदम उठाने होंगे जिससे भविष्य में किसी और परिवार को इस तरह की पीड़ा न झेलनी पड़े।

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